होगा मां चिंतपूरà¥à¤£à¥€ का सावन मेला
शà¥à¤°à¥€ छिनà¥à¤¨à¤®à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ धाम चिंतपूरà¥à¤£à¥€ जिला ऊना तहसील à¤à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में उतà¥à¤¤à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ सिदà¥à¤§à¤ªà¥€à¤ देश के 52 पीठों में से à¤à¤• है जहां सती मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ के चरण गिरे थे। इस शकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥€à¤ में पिंडी रूप में मां के दरà¥à¤¶à¤¨ और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठदेश-विदेश से वरà¥à¤· à¤à¤° शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं का तांता लगा रहता है।
हर वरà¥à¤· शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ पर यहां बड़ा à¤à¤¾à¤°à¥€ 9 दिवसीय मेला लगता है। इस वरà¥à¤· यह मेला 12 अगसà¥à¤¤ से 18 अगसà¥à¤¤ तक चलेगा। शकà¥à¤¤à¤¿ पीठपर à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ अपनी मनà¥à¤¨à¤¤à¥‹à¤‚ और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° साइकिलों पर नंगे पांव पैदल चलते हà¥à¤ ढोल-नगाड़ों के साथ मां का जयघोष करते हà¥à¤ पहà¥à¤‚चते हैं। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि आने वाले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की सचà¥à¤šà¥‡ मन से की गई पà¥à¤•à¤¾à¤° मां शीघà¥à¤° सà¥à¤¨à¤¤à¥€ हैं और उनकी चिंताओं का संहार करके उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿ व समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ का वरदान देती हैं। मां सदा अपने à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का हित करती हैं।
इस धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² के बारे में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ à¤à¤• लोककथा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• बार मां à¤à¤—वती के पà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास जी अपने ससà¥à¤°à¤¾à¤² जाते समय मारà¥à¤— में à¤à¤• वट वृकà¥à¤· के नीचे आराम करने के लिठलेट गà¤à¥¤ यह वट वृकà¥à¤· वही सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ था जहां आज चिंतपूरà¥à¤£à¥€ मंदिर है।
संयोगवश à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास की आंख लग गई तथा सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कनà¥à¤¯à¤¾ के रूप में मां à¤à¤—वती ने दरà¥à¤¶à¤¨ देकर आदेश दिया कि तà¥à¤® यहीं रह कर मेरी सेवा करो, इसी में तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤²à¤¾ है। तंदà¥à¤°à¤¾ टूटने पर वह फिर ससà¥à¤°à¤¾à¤² की ओर चल दिठलेकिन मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• में बार-बार मां à¤à¤—वती का आदेश गूंजता रहा। ससà¥à¤°à¤¾à¤² से वापस आते समय à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास के कदम फिर यहीं थम गà¤à¥¤ वह उसी वट वृकà¥à¤· की छाया में बैठगà¤à¥¤ मन ही मन पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की कि हे मां पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· दरà¥à¤¶à¤¨ देकर मà¥à¤à¥‡ आदेश दें जिससे मेरा संशय दूर हो। सिंहवाहिनी दà¥à¤°à¥à¤—ा ने चतà¥à¤°à¥à¤à¥à¤œà¥€ रूप में साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥ दरà¥à¤¶à¤¨ देकर à¤à¤•à¥à¤¤ की चिंताओं का निवारण किया। देवी ने कहा कि मैं इस वृकà¥à¤· के नीचे पिंडी रूप में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हूं। तà¥à¤® यहां रहकर मेरी आराधना-सेवा करो। मैं छिनà¥à¤¨à¤®à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾ के नाम से पà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ जाती हूं। तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ चिंता दूर करने के कारण अब मैं यहां चिंतपूरà¥à¤£à¥€ के नाम से जानी जाऊंगी।
à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास ने नतमसà¥à¤¤à¤• होकर मां से कहा-हे जग जननी इस à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• जंगल में जहां न कोई जीव है, न पानी है, मà¥à¤à¥‡ तो दिन में à¤à¥€ डर लगता है, मैं रातà¥à¤°à¤¿ होने पर यहां कैसे रहूंगा। मां ने कहा-मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ अà¤à¤¯à¤¦à¤¾à¤¨ देती हूं। नीचे जाकर तà¥à¤® किसी बड़े पतà¥à¤¥à¤° को उखाड़ो, वहां जल मिलेगा। उसी से तà¥à¤® मेरी पूजा किया करना। जिन à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की मैं चिंता दूर करूंगी वे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही मेरा मंदिर बनवा देंगे।
à¤à¤¸à¤¾ कह कर मां पिंडी के रूप में अलोप हो गईं। à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास थोड़ा नीचे उतरे, à¤à¤• बड़े पतà¥à¤¥à¤° को हटाया तो वहां जल का सà¥à¤°à¥‹à¤¤ निकला। तब से à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास वहीं रहने लगे।
माता चिंतपूरà¥à¤£à¥€ का मंदिर à¤à¤• वट वृकà¥à¤· के नीचे सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। इस वट वृकà¥à¤· के बारे में मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि यह वही वृकà¥à¤· है जिसके नीचे à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास जी को मां à¤à¤—वती ने कनà¥à¤¯à¤¾ रूप में दरà¥à¤¶à¤¨ दिठथे। यहां मंदिर के समीप ही, जहां से à¤à¤•à¥à¤¤ माईदास ने पतà¥à¤¥à¤° हटाया था, à¤à¤• विशाल सरोवर है। इस सरोवर की कार सेवा सनॠ1979 में अमर शहीद लाला जगत नारायण जी ने आरंठकरवाई थी। अब वहां सà¥à¤‚दर सरोवर बना हà¥à¤† है जिसके चारों ओर संगमरमर लगा हà¥à¤† है।
लाला जी की याद में चिंतपूरà¥à¤£à¥€ में à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯ 1998 में शà¥à¤°à¥‚ किया गया था तथा 15 अगसà¥à¤¤ को उनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ का à¤à¥€ अनावरण किया जा रहा है। देव à¤à¥‚मि हिमाचल के धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• यह धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² जहां लाखों शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की आसà¥à¤¥à¤¾ का केंदà¥à¤° है, वहीं पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सौंदरà¥à¤¯ से परिपूरà¥à¤£ है। पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठजा रहे पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध सराहनीय हैं लेकिन अà¤à¥€ सà¥à¤§à¤¾à¤° लाने की बहà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है ताकि मंदिर में और उसके आस-पास सफाई रहे तथा यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ मिल सकें।