मपà¥à¤° में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ को हलà¥à¤•à¤¾ नहीं मान रही à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾
मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में नवंबर-दिसंबर के बीच होने वाले विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में इस बार à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ और कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के बीच कांटे की टकà¥à¤•à¤° होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ हाईकमान के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ और विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• 2003 से लेकर 2013 तक के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में हर बार माहौल या पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤•à¥à¤· की कमजोरी के कारण मपà¥à¤° में पारà¥à¤Ÿà¥€ आसानी से जीत गई लेकिन इस बार हाईकमान à¤à¥€ मपà¥à¤° के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ मानकर चल रहा है।
पारà¥à¤Ÿà¥€ नेताओं की सोच है कि गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पिछले 22 सालों से वनवास पर है, पारà¥à¤Ÿà¥€ के पास न मजबूत संगठन बचा है न ही कोई बड़ा नेता फिर à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ बदतर हालात में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ ने à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ को कड़ी टकà¥à¤•à¤° देकर 80 सीटें जीत ली। यही कारण है कि गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ से सबक लेकर ही à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ मपà¥à¤° में अपनी चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ रणनीति को अंतिम रूप देगी।
सिंधिया, कमलनाथ और दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ सिंह ताकत à¤à¥‹à¤•à¥‡à¤‚गे
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया, कमलनाथ और दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ सिंह को हलà¥à¤•à¤¾ नहीं मान रही है। चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में करो या मरो की तरà¥à¤œ पर ये पूरी ताकत à¤à¥‹à¤‚क देंगे। पारà¥à¤Ÿà¥€ मान रही है कि à¤à¤¸à¥‡ हालात में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के लिठगà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ से कठिन परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मपà¥à¤° में बन सकती हैं।