जानें हरियाली तीज वà¥à¤°à¤¤ का मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ और इसकी 10 खास बातें
शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की तृतीया को शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ तीज या हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। हरियाली तीन 13 अगसà¥à¤¤ दिन सोमवार को मनाई जाà¤à¤—ी। यह तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° वà¥à¤°à¤¤ के रूप में लगà¤à¤— पूरे उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मनाया जाता है जिसमें विवाहित महिलाà¤à¤‚ à¤à¤—वान शिव और मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ की पूजा करती हैं। इस वà¥à¤°à¤¤ को करवाचौथ के वà¥à¤°à¤¤ से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कठिन माना जाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस वà¥à¤°à¤¤ को रखने वाली जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° महिलाà¤à¤‚ पूरे दिन बिना पानी की à¤à¤• बूंद पिठही रहती हैं। माना जाता है कि इस वà¥à¤°à¤¤ को निरà¥à¤œà¤²à¤¾ ही रखते हैं इस दिन कà¥à¤› खाया पिया नहीं जाता। हरियाली तीज वà¥à¤°à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मनाया जाता है और इसका मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ कà¥à¤¯à¤¾ है? आगे जानें इससे जà¥à¤¡à¤¼à¥€ कà¥à¤› खास बाते-
हरियाली तीज वà¥à¤°à¤¤ का मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤-
हरियाली तीज तिथि आरंठ: सà¥à¤¬à¤¹ 8:38 बजे (13 अगसà¥à¤¤ 2018) से
हरियाली तीज तिथि समापà¥à¤¤ : सà¥à¤¬à¤¹ 5:46 बजे (14 अगसà¥à¤¤ 2018) तक
जानें हरियाली तीज वà¥à¤°à¤¤ से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ 10 खास बातें-
1- हरियाली तीज वà¥à¤°à¤¤ करने के पीछे कथा है कि मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ ने à¤à¤—वान शिव से विवाह करने के लिठबहà¥à¤¤ ही कठिन तपसà¥à¤¯à¤¾ की थी। इस तपसà¥à¤¯à¤¾ से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होकर à¤à¤—वान शिव ने आज ही के दिन यानी शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की तीज को मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ के सामने पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤ और उनसे शादी करने का वरदान दिया था।
2- मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि हरियाली तीज के दिन महिलाà¤à¤‚ पà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की इचà¥à¤›à¤¾ के लिठवà¥à¤°à¤¤ करती हैं जबकि कनà¥à¤¯à¤¾ मनवांछित वर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठयह वà¥à¤°à¤¤ करती हैं।
3- इस दिन महिलाà¤à¤‚ मिटà¥à¤Ÿà¥€ या बालू से मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं।
4- पूजा के बाद मिटà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की इन मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को नदी या किसी पवितà¥à¤° जलाशय में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है।
5- वà¥à¤°à¤¤ करने वाले à¤à¤•à¥à¤¤ सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर और मां-पारà¥à¤µà¤¤à¥€ की विधिवत पूजा कर इस वà¥à¤°à¤¤ को शà¥à¤°à¥‚ करते हैं।
6- कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ और शिवलिंग की पूजा के वकà¥à¤¤ मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ को शंकर जी वर के रूप में कैसे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ इसकी कथा à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ जाती है। इस कथा को हरियाली तीज कथा के नाम से à¤à¥€ जानते हैं।
7- मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के इस वà¥à¤°à¤¤ के दौरान पूरे दिन मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ और à¤à¤—वान शिव का ही धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤
8- वà¥à¤°à¤¤ खोलने से पहले à¤à¤—वान को खीर पूरी या हलà¥à¤† और मालपà¥à¤ से à¤à¥‹à¤— लगाना चाहिà¤à¥¤
9- विवाहित महिलाà¤à¤‚ इस दिन जब पूजा के लिठतैयार होती हैं तो सोलह शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार करती हैं।
10- हरियाली तीज की पूजा सामगà¥à¤°à¥€ के रूप में गीली मिटà¥à¤Ÿà¥€, पीले रंग का नया कपड़ा, बेल पतà¥à¤°, कलावा, धूप-अगरबतà¥à¤¤à¥€, कपूर, घी का दीपक, फूल-फल, नारियल और पंचामृत आदि इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कर सकते हैं।