सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ दिवस: राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ कोविंद बोले- गांधी के देश में हिंसा की कोई जगह नहीं
सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ दिवस के 71वें वरà¥à¤·à¤—ांठकी पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रामनाथ कोविंद ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ महातà¥à¤®à¤¾ गांधी का सà¥à¤®à¤°à¤£ करते हà¥à¤ कहा कि हिंसा की अपेकà¥à¤·à¤¾, अहिंसा की शकà¥à¤¤à¤¿ कहीं अधिक है. पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° करने की अपेकà¥à¤·à¤¾, संयम बरतना, कहीं अधिक सराहनीय है और हमारे समाज में हिंसा के लिठकोई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नहीं है.
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ कोविंद ने कहा कि इस बार सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ दिवस के साथ à¤à¤• खास बात जà¥à¤¡à¤¼à¥€ है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कà¥à¤› ही सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ बाद 2 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर से महातà¥à¤®à¤¾ गांधी की 150वीं जयंती समारोह शà¥à¤°à¥‚ होने वाले हैं. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गांधीजी ने अहिंसा का यह अमोघ असà¥à¤¤à¥à¤° हमें पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया है. उनकी अनà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं की तरह, अहिंसा का यह मंतà¥à¤° à¤à¥€, à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में मौजूद था, और आज 21वीं सदी में à¤à¥€, हमारे जीवन में यह उतना ही उपयोगी और पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है.
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने कहा कि महातà¥à¤®à¤¾ गांधी ने केवल हमारे सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® का नेतृतà¥à¤µ ही नहीं किया था, बलà¥à¤•à¤¿ वह हमारे नैतिक पथ-पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤• à¤à¥€ थे, और सदैव रहेंगे. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा हमें गांधीजी के विचारों की गहराई को समà¤à¤¨à¤¾ होगा. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ राजनीति और सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ की सीमित परिà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚, मंजूर नहीं थीं.
सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ पर जोर
सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ को लेकर महातà¥à¤®à¤¾ गांधी का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ कोविंद ने कहा कि गांधीजी ने विशेष रूप से महिलाओं और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को, सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ की शिकà¥à¤·à¤¾ देने पर जोर दिया. चंपारन में, और अनà¥à¤¯ बहà¥à¤¤ से सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर, गांधी जी ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚, सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ का नेतृतà¥à¤µ किया. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने साफ-सफाई को, आतà¥à¤®-अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और शारीरिक और मानसिक सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठआवशà¥à¤¯à¤• माना.
सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ की बात
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¿à¤¤à¤¾ के सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ का जिकà¥à¤° करते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ कोविंद ने कहा कि उनके लिठसà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ और संवेदनशीलता को बढ़ावा देने का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ माधà¥à¤¯à¤® था. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ की उनकी अपनी सोच थी. दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के साथ हमारे संबंधों को परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करने में - हमारी अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, शिकà¥à¤·à¤¾, सामाजिक आकांकà¥à¤·à¤¾à¤“ं और नीतिगत विकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ के चयन में सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ की सोच आज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है.