सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फोन से 'सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ पहलवान' बनकर बजरंग ने जकारà¥à¤¤à¤¾ में à¤à¤Ÿà¤•à¤¾ गोलà¥à¤¡
18वें à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ खेलों में पहलवान बजरंग पूनिया ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ को पहला सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ पदक दिलाया है. रविवार को गेमà¥à¤¸ के पहले दिन उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की 65 किलोगà¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤°à¤µà¤°à¥à¤— फà¥à¤°à¥€à¤¸à¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² सà¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ के फाइनल में जापान के ताकातानी दायची को 3-1, (11-8) से मात दी. सेमीफाइनल मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ में बजरंग ने मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचà¥à¤²à¥à¤¨ को 10-0 से मात दे फाइनल में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया था. दोनों पहलवानों के बीच जोरदार टकà¥à¤•à¤° देखने को मिली, लेकिन आखिर में बाजी बजरंग पूनिया ने मारी.
पूनिया का 'गोलà¥à¤¡à¤¨ सफर'
बजरंग ने अपने पहले मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ में उजà¥à¤¬à¥‡à¤•à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पहलवान सिरोजिदà¥à¤¦à¥€à¤¨ खासानोव को 13-3 से मात दे कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤° फाइनल का सफर तय किया. कà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¤° फाइनल में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ताजिकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के फेजेव अबà¥à¤¦à¥à¤²à¤•à¤¾à¤¸à¤¿à¤® को 12-2 से à¤à¤•à¤¤à¤°à¤«à¤¾ शिकसà¥à¤¤ दे अंतिम-4 में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया, जहां मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचà¥à¤²à¥à¤¨ को 10-0 से मात दे फाइनल में जगह बनाकर अपना पदक पकà¥à¤•à¤¾ किया.
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¥à¤µà¤‚दà¥à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को चित करते गà¤
24 साल के पूनिया गोलà¥à¤¡ मेडल तक पहà¥à¤‚चने के लिठअपने हर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¥à¤µà¤‚दà¥à¤µà¥€ को à¤à¤•à¤¤à¤°à¤«à¤¾ चित करते गà¤. कोई à¤à¥€ विरोधी पहलवान उनके दांव के आगे टिक नहीं सका. बजरंग के इस जोशीले पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के पीछे उनके सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फोन की à¤à¥‚मिका बेहद अहम रही है. वो अपने सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फोन के साथ घंटों वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ रहते हैं. फोन की खातिर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कई बार तो अपनी पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ तक छोड़ दी. अपने सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फोन पर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के बड़े पहलवानों के वीडियो देखते हैं. उनके हर पहलू पर पैनी नजर रखते हैं, जिसकी वजह से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी तैयारियों में मदद मिली.
पूनिया का तूफानी पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨
बजरंग पूनिया की गिनती देश के बड़े पहलानों में होती है. जब à¤à¥€ वो मैट पर उतरते हैं, देश को उनसे काफी उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‡à¤‚ रहती हैं. 2013 वरà¥à¤²à¥à¤¡ चैंपियनशिप में वो बà¥à¤°à¥‰à¤¨à¥à¤œ मेडल जीत चà¥à¤•à¥‡ हैं. 2018 और 2014 कॉमनवेलà¥à¤¥ गेमà¥à¤¸ में वह गोलà¥à¤¡ मेडल à¤à¤Ÿà¤• चà¥à¤•à¥‡ हैं. 2014 इंचियोन à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¨ गेमà¥à¤¸ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सिलà¥à¤µà¤° मेडल पर दांव लगाया था. इसके अलावा à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¨ चैंपियनशिप में उनके नाम à¤à¤• गोलà¥à¤¡, à¤à¤• सिलà¥à¤µà¤° और दो बà¥à¤°à¥‰à¤¨à¥à¤œ मेडल हैं. कॉमनवेलà¥à¤¥ चैंपियनशिप में à¤à¥€ वो दो बार गोलà¥à¤¡ मेडल अपने नाम कर चà¥à¤•à¥‡ हैं.
मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हालात से गà¥à¤œà¤°à¥‡ हैं बजरंग
हरियाणा के à¤à¤œà¥à¤œà¤° जिले के रहने वाले बजरंग को कà¥à¤¶à¥à¤¤à¥€ विरासत में मिली. उनके पिता बलवान पूनिया अपने समय के नामी पहलवान रहे. लेकिन गरीबी ने उनके करियर को आगे नहीं बढ़ने दिया. कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ ही बजरंग के साथ हà¥à¤†. बजरंग के पिता के पास à¤à¥€ अपने बेटे को घी खिलाने के पैसे नहीं होते थे. इसके लिठवो बस का किराया बचाकर साइकिल से चलने लगे. जो पैसे बचते, उसे वो अपने बेटे के खाने पर खरà¥à¤š करते थे. à¤à¤¸à¥‡ हालात से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤ बजरंग ने पहलवानी की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में देश का नाम रोशन किया.
छतà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤² सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¤® में सीखे कà¥à¤¶à¥à¤¤à¥€ के गà¥à¤°
24 साल के बजरंग पूनिया ने दिलà¥à¤²à¥€ के छतà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤² सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¡à¤¿à¤¯à¤® में कà¥à¤¶à¥à¤¤à¥€ के गà¥à¤° सीखे और अब वो देश का परचम लहरा रहे हैं. हरियाणा के बजरंग ने 2014 में कॉमनवेलà¥à¤¥ खेलों में 61 किलोगà¥à¤°à¤¾à¤® वरà¥à¤— में रजत जीता था और इस बार वह इन खेलों में अपने पदक के रंग को बदलने में कामयाब रहे.