कृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ की सही तारीख यहां जानें, इस दिन रखें वà¥à¤°à¤¤
शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ (Krishna Janmashtami) हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है. à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤¹à¤°à¤¿ विषà¥à¤£à¥ के सरà¥à¤µà¤•à¤²à¤¾à¤®à¤¯à¤¿ अवतार शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ की जयंती आने वाली है. यशोदा-ननà¥à¤¦ के लाला और देवकी-वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ के पà¥à¤¤à¥à¤° कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ का जनà¥à¤® रोहिणी नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° में à¤à¤¾à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¦ माह की अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ तिथि को मधà¥à¤¯ रातà¥à¤°à¤¿ वृष लगà¥à¤¨ में हà¥à¤† था.
यह संयोग इस बार 2 सिंतबर को बन रहा है. इस दिन कृषà¥à¤£à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤• दिनà¤à¤° वà¥à¤°à¤¤ रखकर रातà¥à¤°à¤¿ में शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ मनाते हैं. धरà¥à¤®à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤•, रकà¥à¤·à¤• और संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾à¤§à¥€à¤¶ वासà¥à¤¦à¥‡à¤µ ननà¥à¤¦à¤²à¤¾à¤²à¤¾
बांकेबिहारी के जीवन का हररूपॠमोहक और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• है. कंस से दà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ के षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤°à¥‹à¤‚ से बचने से लेकर धरà¥à¤®à¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में गीता का पाठपà¥à¤¾à¤¨à¥‡ वाले मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° की लीलाओं से विशà¥à¤µ सदैव लाà¤à¤¾à¤‚वित होता आया है. चिरकाल तक होता रहेगा.
कृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ मनाने को लेकर दिवस à¤à¥à¤°à¤® पर विराम लगाते हà¥à¤ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ पंडित अरà¥à¤£à¥‡à¤¶ कà¥à¤®à¤¾à¤° शरà¥à¤®à¤¾ ने बताया कि गोवरà¥à¤§à¤¨à¤§à¤¾à¤°à¥€ का जनà¥à¤® रोहिणी नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° में à¤à¤¾à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¦ माह की अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ तिथि को मधà¥à¤¯à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¿ में वृष लगà¥à¤¨ में हà¥à¤† था. इस बार यह संयोग 2 सिंतबर रविवार को बन रहा है. इस दिन अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ तिथि रातà¥à¤°à¤¿ 8 बजकर 46 मिनट से अगले दिन यानि सोमवार को शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. रोहिणी नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° रविवार को रातà¥à¤°à¤¿ 8 बजकर 48 मिनट से सोमवार को 8 बजकर 4 मिनट तक रहेगा. इस बीच रविवार को वृष लगà¥à¤¨ रातà¥à¤°à¤¿ 10 बजे से 11:57 तक रहेगी. इन तीनों के संयोग में ही शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ मनाई जाà¤à¤—ी.
पंडित अरà¥à¤£à¥‡à¤¶ कà¥à¤®à¤¾à¤° शरà¥à¤®à¤¾ ने बताया कि उदयातिथि का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त तिथिविचार में अतà¥à¤¯à¤‚त महतà¥à¤µ रखता है लेकिन इनके साथ पंचांग के समसà¥à¤¤ सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों का विचार à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है. à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का जनà¥à¤® à¤à¤¾à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¦ माह की मधà¥à¤¯ रातà¥à¤°à¤¿ में अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ तिथि, रोहिणी नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° और वृष लगà¥à¤¨ में हà¥à¤†. à¤à¤¸à¥‡ में यहां उदयातिथि के विचार के तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में तिथि नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° और लगà¥à¤¨ का संयोग अधिक महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है.
धनिठकी पंजीरी का लगाà¤à¤‚ à¤à¥‹à¤—
à¤à¤—वान कृषà¥à¤£ के जनà¥à¤®à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ के दौरान उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ धनिठकी पंजीरी का à¤à¥‹à¤— लगाà¤à¤‚. कारण, रातà¥à¤°à¤¿ में तà¥à¤°à¤¿à¤¤à¤¤à¥à¤µ वात पितà¥à¤¤ और कफ में वात और कफ के दोषों से बचने के लिठधनिठकी पंजीरी का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बनाकर ही à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को चà¥à¤¾à¤à¤‚. धनिठके सेवन से वृत संकलà¥à¤ª à¤à¥€ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहता है.
करें कृषà¥à¤£ लीलाओं का शà¥à¤°à¤µà¤£ और गीतापाà¤
à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का जनà¥à¤® अतà¥à¤¯à¤‚त कठिनाई में मातà¥à¤² कंस की जेल में हà¥à¤†. पिता वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ ने उफनती यमà¥à¤¨à¤¾ को पार कर रातà¥à¤°à¤¿ में ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वृंदावन में यशोदा-ननà¥à¤¦ के घर छोड़ा. यशोदानंदन को खोजने और मारने कंस ने कई राकà¥à¤·à¤¸-राकà¥à¤·à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वृंदावन à¤à¥‡à¤œà¤¾. ननà¥à¤¹à¥‡ बालगोपाल ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को इनसे बचाया. इंदà¥à¤° के पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª और घनघोर बारिश से वृंदावनवासियों को बचाने गोवरà¥à¤§à¤¨ परà¥à¤µà¤¤ उठाया. मनमोहन ने गोपिकाओं से माखन लूटा. गाà¤à¤‚ चराईं. मितà¥à¤° मंडली के साथ खेल खेल में कालियादह का मानमरà¥à¤¦à¤¨ किया. बृजधामलली राधा और अनà¥à¤¯ गोपियांे के साथ रास किया. कंस वध किया.
बालमितà¥à¤° सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ से दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾à¤§à¥€à¤¶ होकर à¤à¥€ दोसà¥à¤¤à¥€ को अविसà¥à¤®à¥ƒà¤¤ रखा. दà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤¦à¥€ का चीरहरण निषà¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ किया. धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤²à¤• पांडवों की हर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में रकà¥à¤·à¤¾ की. अरà¥à¤œà¥à¤¨ को कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में गीता का उपदेश दिया. दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾à¤ªà¥à¤°à¥€ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की.