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भीमा कोरेगांव केस : नक्सलियों के कश्मीरी अलगाववादियों से संपर्क का पता चला

पुणे। महाराष्ट्र पुलिस ने दावा किया है कि दो दिनों पहले कई शहरों में छापामारी के दौरान एक पत्र मिलने का दावा किया है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तार किए गए पांच कार्यकर्ताओं में से एक गौतम नवलखा कश्मीरी अलगाववादियों के संपर्क में थे। हिंदी में यह पत्र कामरेड सुधा ने किसी कामरेड प्रकाश को लिखा था। इसमें इंटीरियर इलाकों में काम कर रहे कामरेडों को वित्तीय सहायता देने की भी बात की गई है।

मंगलवार को पुणे पुलिस ने विभिन्न राज्यों में नौ स्थानों पर छापामारी की। इस दौरान गिरफ्तार पांच वामपंथी विचारकों में नवलखा भी शामिल थे। उन्हें माओवादियों के साथ संपर्क के कारण गिरफ्तार किया गया। उनके अलावा प्रसिद्ध तेलुगु कवि वरवर राव (हैदराबाद), वेरनान गोंजाल्विस व अरुण फरेरा (मुंबई), ट्रेड यूनियनिस्ट सुधा भारद्वाज (फरीदाबाद) को भी गिरफ्तार किया गया था।

पुणे में पिछले वर्ष 31 दिसंबर को एलगार परिषद आयोजित करने और उसके बाद समीप के भीमा कोरेगांव में हिसा भड़काने के आरोप में यह कार्रवाई की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में कुछ प्रमुख लोगों द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत ने बुधवार को सभी पांचों लोगों को छह सितंबर तक नजरबंद रखने का आदेश दिया।

बुधवार को पुणे की अदालत में विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल पवार ने कहा था कि पुलिस ने कुछ पत्र जब्त किए हैं। इससे जम्मू एवं कश्मीर में सक्रिय कुछ संगठनों सहित अन्य प्रतिबंधित संगठनों और माओवादियों के बीच संपर्क का पता चलता है। पत्र में लिखा गया है, "कामरेड अंकित और कामरेड गौतम नवलखा कश्मीरी अलगाववादियों के संपर्क में हैं।" पत्र से यह साफ नहीं हो रहा है कि सुधा, प्रकाश और अंकित कौन हैं।

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