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भाजपा का सर्वे शुरू, हर विस क्षेत्र में हार-जीत के फार्मूले पर रायशुमारी

भोपाल . à¤šà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ तैयारी में जुटी भाजपा के जासूस (सर्वे) शहर में घूमने लगे हैं। चार अलग-अलग एजेंसी संगठन के लिए ग्राउंड रिपोर्ट बनाने में जुटी है। चुनाव में भाजपा को कितनी मुश्किल होगी और कहां जीत आसान बन रही है, ऐसी तमाम बातों को लेकर जनता के बीच सर्वे हो रहा है। हालांकि इससे पहले भी पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से कई सर्वे हुए हैं लेकिन चुनावी के ठीक पहले इस सर्वे को अहम माना जा रहा है। इसमें उम्मीदवारों की लोकप्रियता को लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है।भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो केंद्रीयस्तर पर संगठन के पदाधिकारी खुद सर्वे में लगे हुए हैं। इसके अलावा निजी एजेंसी भी अलग काम कर रही है। संगठन पदाधिकारी देश के अन्य हिंदीभाषी राज्यों से भेजे गए हैं। दो दिन शहर में रुककर चुनावी माहौल को समझ रहे हैं। ये केन्द्र और राज्य सरकार के कामों को लेकर जनता के बीच बने रुझान को भी भांपने का प्रयास करेंगे।

सर्वे में किनसे बात

  1. बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं। संगठन और जनप्रतिनिधियों से नाराज कार्यकर्ताओं से चुनाव में कितना असर पहुंच सकता है। उनकी नाराजगी की वजह और उसे कैसे दूर किया जाए, इनकी पड़ताल की जा रही है।
  2.  à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤Ÿà¥€ कार्यकर्ता सरकार के काम को किस स्तर पर लेकर गए। सरकार की छवि कैसी है। कार्यकर्ता क्या कर रहे हैं।चुनावी चेहरा कौन 1. मौजूदा विधायक की छवि कैसी है। संगठन की क्या स्थिति है। क्या नए सक्रिय कार्यकर्ता लोकप्रिय हुए हैं। विकल्प के रूप में नया चेहरा सामने ला सकते हैं।1. पार्टी से अलग सामाजिक, धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच रायशुमारी। बुद्धिजीवी वर्ग जो राजनीति में आकर काम करना चाहते हैं, उनकी छवि के बारे में जानकारी।

    1. पार्टी को जिन क्षेत्रों में हार मिली, वहां जातिगत समीकरण और पार्टी के काम की स्थिति का आकलन। जीत के लिए किए जाने वाले जरूरी फेरबदल।

    हर विधानसभा में 50 से 100 लोगों से बात

     

    हर विधानसभा में 50 से 100 लोगों से राय ली जा रही है। विधायकों के मेलजोल, व्यवहार और काम करने के तरीकों के बारे में पूछा जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री के काम को लेकर भी फीडबैक मांगा जा रहा है।

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