कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥‚कंप के à¤à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ से काà¤à¤ªà¥€ धरती
बिहार, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल समेत देश के पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° हिसà¥à¤¸à¥‡ में बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ à¤à¥‚कंप के à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ महसूस किठगà¤. बिहार के किशनगंज, पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ और कटिहार इलाके में à¤à¥‚कंप के à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ आà¤. बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ 10 बजकर 20 बजे आठइस à¤à¥‚कंप की तीवà¥à¤°à¤¤à¤¾ 5.5 थी. बता दें कि बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ ही हरियाणा के à¤à¤œà¥à¤œà¤° में à¤à¥€ à¤à¥‚कंप आया था. à¤à¥‚कंप का केंदà¥à¤° असम का कोकराà¤à¤¾à¤° बताया गया है.
à¤à¥‚कंप बिहार, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, सिकà¥à¤•à¤¿à¤®, अरà¥à¤£à¤¾à¤šà¤² पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और असम में महसूस हà¥à¤†. à¤à¥‚कंप आने के बाद कई कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में हलचल मच गई. लोग अपने-अपने घरों से बाहर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर आ गà¤. आपको बता दें कि अà¤à¥€ कà¥à¤› दिन पहले ही दिलà¥à¤²à¥€-à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤° में à¤à¥€ à¤à¥‚कंप के à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ महसूस किठगठथे.
à¤à¥‚कंप से हिले ये कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° -
पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, बिहार, असम, अरà¥à¤£à¤¾à¤šà¤² पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, मणिपà¥à¤°, नगालैंड और सिकà¥à¤•à¤¿à¤®
बिहार के इन शहरों में à¤à¥‚कंप -
बिहार के किशनगंज, पूरà¥à¤£à¤¿à¤¯à¤¾ और कटिहार में à¤à¥‚कंप के à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ महसूस किठगठहैं. इसके अलावा कूचबिहार, दारà¥à¤œà¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग, जलपाईगà¥à¤¡à¤¼à¥€ में à¤à¥€ à¤à¥‚कंप को महसूस किया गया है.
आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आता है à¤à¥‚कंप?
गौरतलब है कि धरती की ऊपरी सतह 7 टेकà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¥‹à¤‚ से मिल कर बनी है. जहां à¤à¥€ ये पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤‚ à¤à¤• दूसरे से टकराती हैं वहां à¤à¥‚कंप का खतरा पैदा हो जाता है. à¤à¥‚कंप तब आता है जब इन पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¥à¤¸ à¤à¤• दूसरे के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में घà¥à¤¸à¤¨à¥‡ की कोशिश करती हैं, पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¥à¤¸ à¤à¤• दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊरà¥à¤œà¤¾ निकलती है और उस घरà¥à¤·à¤£ या फà¥à¤°à¤¿à¤•à¥à¤¶à¤¨ से ऊपर की धरती डोलने लगती है.
इस दौरान कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफà¥à¤¤à¥‹à¤‚ तो कई बार कई महीनों तक ये ऊरà¥à¤œà¤¾ रह-रहकर बाहर निकलती है और à¤à¥‚कंप आते रहते हैं, इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आफà¥à¤Ÿà¤°à¤¶à¥‰à¤• कहते हैं.