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अरुण जेटली ने माल्या के आरोपों को नकारा, कहा 'बयान तथ्यात्मक रूप से गलत'

नई दिल्ली। à¤­à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ बैंकों को 9 हजार करोड़ का चूना लगाकर विदेश भागे विजय माल्या के आरोपों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने फेसबुक पर बयान जारी कर माना कि उनकी माल्या से मुलाकात हुई थी लेकिन मामला वैसा नहीं है जैसा बताया जा रहा है।जेटली का कहना है कि माल्या का यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है, क्योंकि इससे सच सामने नहीं आ रहा है। विजय माल्या ने बुधवार को लंदन में पेशी के दौरान बयान दिया कि उन्होंने भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों से सेटलमेंट का ऑफर भी दिया था। गौरतलब है कि जिस समय माल्या देश छोड़कर गए, उस समय अरुण जेटली वित्त मंत्री थे।वित्त मंत्री बताते हैं, 'माल्या, राज्यसभा सदस्य थे और सदन में आते थे। इस दौरान माल्या ने एक दिन सदस्य होने के विशेषाधिकार का फायदा उठाया और जब मैं एक दिन सदन से बाहर निकलकर अपने कमरे की ओर जा रहा था तो तेजी से चलते हुए मेरे पास पहुंचे। इस दौरान माल्या ने मुझसे कहा कि मैं सेटलमेंट का ऑफर दे रहा हूं।'जेटली ने कहा कि चूंकि उन्हें माल्या के 'खोखले प्रस्तावों' की जानकारी थी, इसीलिए बगैर बात को आगे बढ़ाए उन्होंने माल्या को कहा कि वे इस बारे में बैंकों से बात करें। वित्त मंत्री कहते हैं कि उन्होंने माल्या के हाथ से पेपर्स तक नहीं लिए, जो कि उसके पास थे। जेटली ने कहा कि राज्यसभा सदस्य होने के विशेषाधिकार का फायदा उठाकर की गई इस मुलाकात के अलावा वो कभी माल्या से नहीं मिले।

माल्‍या ने उन पर लगाए आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा था कि आइडीबीआइ बैंक के अधिकारी किंगफिशर को हुए घाटे से अच्‍छी तरह वाकिफ थे। बैंक अधिकारियों के ई-मेल से यह बात साबित होती है। ऐसे में सरकार ने उन पर कंपनी को हुए घाटे को छिपाने का जो आरोप लगाया है, वो आधारहीन है।

 

लंदन के वेस्टमिन्स्टर कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने खुलासा किया है कि उन्‍होंने देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री से मामला सुलझाने के लिए मुलाकात की थी। लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट के पत्रों पर आपत्ति जताई थी। माल्या से जब वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर पूछा गया, क्या कोर्ट को इस बात का यकीन हो गया है कि उनके पास इतने संसाधन हैं कि वह अपने वादे के मुताबिक, भुगतान कर सकेंगे? विजय माल्या ने जवाब में कहा, 'देखिए, ये ज़ाहिर है... इसीलिए सेटलमेंट की पेशकश की गई है...। मामले की सुनवाई 18 सितंबर को होगी।'

माल्या के वकील ने आरोप लगाया कि सीबीआई के राकेश अस्थाना ने बैंकों को धमकी दी है कि अगर विजय माल्या के खिलाफ केस दर्ज नहीं करवाया तो अंजाम भुगतना होगा। कोर्ट में भारतीय अधिकारियों ने मुंबई के आर्थर रोड जेल में माल्या को रखने के लिए तैयार सेल का एक वीडियो पेश किया।

जिरह में माल्या के वकील ने आग्रह किया कि इस वीडियो को कोर्ट में न दिखाया जाए। माल्या के वकीलों ने एक बार फिर अपने मुवक्कित को निर्दोष बताते हुए कहा कि किंगफिशर का डूबना एक कारोबारी असफलता है, इसको धोखाधड़ी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। बता दें कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में ब्रिटिश अदालत में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी।

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