पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने कहा- सैयदना साहब ने दी देश और मातृà¤à¥‚मि से पà¥à¤°à¥‡à¤® करने की सीख
इंदौर। पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी बोहरा समाज के धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥ डॉ. सैयदना मà¥à¤«à¤¦à¥à¤¦à¤² सैफà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ की वाअज में शामिल हà¥à¤à¥¤ यहां सैफी नगर मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥ सैयदना से मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यहां सैयदना के साथ मरसिये नोहा इमाम हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ के पढ़ा। मोदी पहले पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ हैं जो सैयदना की वाअज में शामिल हà¥à¤à¥¤à¤¸à¥ˆà¤¯à¤¦à¤¨à¤¾ साहब ने पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी का तहेदिल से सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। पीà¤à¤® मोदी à¤à¤¯à¤°à¤ªà¥‹à¤°à¥à¤Ÿ से सीधे सैफी नगर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ बोहरा समाज की सबसे बड़ी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ पहà¥à¤‚चे। जैसे ही पीà¤à¤® का काफिला मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ पहà¥à¤‚चा, खà¥à¤¦ डॉ. सैयदना उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लेने दरवाजे तक आà¤à¥¤ बेहद गरà¥à¤®à¤œà¥‹à¤¶à¥€ से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पीà¤à¤® मोदी को गले लगाकर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया।अपने संबोधन में डॉ. सैयदना ने कहा कि यहां हम अपने वतन हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ में सà¥à¤•à¥‚न में हैं। यहां गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में हमारे धरà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² अनमोल मोती की तरह है। सैयदना साहब ने समाजजनों को à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ का संदेश दिया और कहा कि देश की तरकà¥à¤•à¥€ में योगदान दें। इसके साथ ही शिवराज सिंह की तारीफ करते हà¥à¤ कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मेजबान और मेहमान के रूप में à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆà¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ को सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ और मेक इन इंडिया के लिठशà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ दी। डॉ. सैयदना ने कहा कि हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ तरकà¥à¤•à¥€ करे और पà¥à¤°à¤—ित व पà¥à¤°à¥‡à¤® का ये पैगाम पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में जाà¤à¥¤ डॉ. सैयदना ने पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी को अपने पिता के संबंधों की याद दिलाई। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¤à¥€ मजहब पà¥à¤°à¥‡à¤® करना सिखाते हैं। डॉ. सैयदना ने पीà¤à¤® मोदी को जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ की अगà¥à¤°à¤¿à¤® बधाई दी।पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अशरा मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• के इस पवितà¥à¤° अवसर पर à¤à¥€ आपने मà¥à¤à¥‡ यहां आने का मौका दिया, इसके लिठबहà¥à¤¤ आà¤à¤¾à¤°à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इमाम हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ के पवितà¥à¤° संदेश को आपने अपने जीवन में उतारा है और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में उनका पैगाम पहà¥à¤‚चाया। इमाम हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ अमन और इंसाफ के लिठशहीद हो गठथे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯, अहंकार के विरà¥à¤¦à¥à¤§ अपनी आवाज बà¥à¤²à¤‚द की थी। उनकी ये सीख जितनी तब महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ थी उससे अधिक आज की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के लिठये अहम है। हम पूरे विशà¥à¤µ को à¤à¤• परिवार मानने वाले, सबको साथ लेकर चलने की परंपरा का मानने वाले लोग हैं। हमारे समाज की, हमारी विरासत की, यही शकà¥à¤¤à¤¿ है जो हमें दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के दूसरे देशों से अलग करती है।