इसलिठलिठथे à¤à¤—वान गणेश ने ये 8 अवतार
हिंदू गà¥à¤°à¤¥à¥‹à¤‚ में गणेश जी के अवतारों के बारे में अचà¥à¤›à¥‡ से वरà¥à¤£à¤¨ किया गया है। इसमें किठवरà¥à¤£à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° गणपति ने हर यà¥à¤— में पापियों का नाश करने के लिठअवतार लिया। लेकिन आज के समय में à¤à¥€ à¤à¥‡à¤¸à¥‡ बहà¥à¤¤ से लोग हैं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बपà¥à¤ªà¤¾ के इन अवतारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। तो आइठगणेशोतà¥à¤¸à¤µ के इस खास मौके पर हम आपको गणेश के उन 8 अवतारों के बारे में बताते हैं, जिनका वरà¥à¤£à¤¨ धारà¥à¤®à¤¿à¤• शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ और पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में पूरे विसà¥à¤¤à¤¾à¤° में किया गया है। पौराणिक शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ और गà¥à¤°à¤‚थों के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• हर काल में असà¥à¤°à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿ को खतà¥à¤® करने के लिठगौरा विकट, महोदर, विघà¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जैसे आठअलग-अलग नामों के अवतार लिठहैं। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि बपà¥à¤ªà¤¾ के ये आठअवतार इंसान के आठतरह के दोष दूर करते हैं। इन आठदोषों का नाम काम, कà¥à¤°à¥‹à¤§, मद, लोà¤, ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾, मोह, अहंकार और अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। यहां जानें गणपति जी का कौन सा अवतार किस दोष को करता है खतà¥à¤®-
वकà¥à¤°à¤¤à¥à¤‚ड
पौराणिक मतानà¥à¤¸à¤¾à¤° गजानन ने अपने इस रूप में राकà¥à¤·à¤¸ मतà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤° के पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को मारा था। कहा जाता है कि ये राकà¥à¤·à¤¸ शिव जी का परम à¤à¤•à¥à¤¤ था और उनकी तपसà¥à¤¯à¤¾ करके उसने उनसे वरदान पाया था कि उसे किसी से à¤à¤¯ नहीं रहेगा। मतà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤° ने देवगà¥à¤°à¥ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ की आजà¥à¤žà¤¾ से देवताओं को तंग करना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। उसके दो पà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥€ थे सà¥à¤‚दरपà¥à¤°à¤¿à¤¯ और विषयपà¥à¤°à¤¿à¤¯, ये दोनों à¤à¥€ बहà¥à¤¤ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ थे। सारे देवता शिव की शरण में पहà¥à¤‚च गà¤à¥¤ शिव ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ दिया कि वे गणेश का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करें, गणपति वकà¥à¤°à¤¤à¥à¤‚ड अवतार लेकर आà¤à¤‚गे। देवताओं ने आराधना की और गणपति ने वकà¥à¤°à¤¤à¥à¤‚ड के रà¥à¤ª में मतà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤° के दोनों पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का संहार किया और मतà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤° को à¤à¥€ पराजित कर दिया। वही मतà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤° बाद में गणपति का à¤à¤•à¥à¤¤ हो गया।
à¤à¤•à¤¦à¤‚त
गणेश जी के इस अवतार को लेकर à¤à¤• कथा पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है, जो इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° है- महरà¥à¤·à¤¿ चà¥à¤¯à¤µà¤¨ ने अपने तपोबल से मद नाम के राकà¥à¤·à¤¸ की रचना की। वह चà¥à¤¯à¤µà¤¨ का पà¥à¤¤à¥à¤° कहलाया। मद ने दैतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के गà¥à¤°à¥ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ से दीकà¥à¤·à¤¾ ली। शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ ने उसे हर तरह की विदà¥à¤¯à¤¾ में निपà¥à¤£ बनाया। शिकà¥à¤·à¤¾ होने पर उसने देवताओं का विरोध शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। सारे देवता उससे पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤¡à¤¿à¤¼à¤¤ रहने लगे। सारे देवताओं ने मिलकर गणपति की आराधना की। तब à¤à¤—वान गणेश à¤à¤•à¤¦à¤‚त रूप में पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤à¥¤ उनकी चार à¤à¥à¤œà¤¾à¤à¤‚, à¤à¤• दांत, बड़ा पेट और उनका सिर हाथी के समान था। उनके हाथ में पाश, परशà¥, अंकà¥à¤¶ और à¤à¤• खिला हà¥à¤† कमल था। à¤à¤•à¤¦à¤‚त ने देवताओं को अà¤à¤¯ वरदान दिया और मदासà¥à¤° को यà¥à¤¦à¥à¤§ में पराजित किया।
महोदर
कहा जाता है कि जब कारà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥‡à¤¯ ने तारकासà¥à¤° का वध कर दिया तो दैतà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ ने मोहासà¥à¤° नाम के दैतà¥à¤¯ को देवताओं के खिलाफ खड़ा किया। मोहासà¥à¤° से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठदेवताओं ने गणेश की उपासना की। तब गणेश ने महोदर अवतार लिया। महोदर यानी बड़े पेट वाले। वे मूषक पर सवार होकर मोहासà¥à¤° के नगर में पहà¥à¤‚चे तो मोहासà¥à¤° ने बिना यà¥à¤¦à¥à¤§ किये ही गणपति को अपना इषà¥à¤Ÿ बना लिया।
विकट
इसके बारे में तो सब जानते होंगे कि à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ ने जलंधर नामक राकà¥à¤·à¤¸ के विनाश के लिठउसकी पतà¥à¤¨à¥€ वृंदा का सतीतà¥à¤µ à¤à¤‚ग किया। उससे à¤à¤• दैतà¥à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†, उसका नाम था कामासà¥à¤°à¥¤ पौराणिक कथाओं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कामासà¥à¤° ने शिव की आराधना करके तà¥à¤°à¤¿à¤²à¥‹à¤• विजय का वरदान पा लिया। इसके बाद उसने अनà¥à¤¯ दैतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की तरह ही देवताओं पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° करने शà¥à¤°à¥‚ कर दिà¤à¥¤ तब सारे देवताओं ने à¤à¤—वान गणेश का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ किया। तब à¤à¤—वान गणपति ने विकट रूप में अवतार लिया। विकट रूप में à¤à¤—वान मोर पर विराजित होकर अवतरित हà¥à¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देवताओं को अà¤à¤¯ वरदान देकर कामासà¥à¤° को पराजित किया।
गजानन
जैसे कि सब जानते हैं कि गणेश जी ह गजानन के नाम से पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¾ जाता है। लेकिन इनके इस नाम के पीछे à¤à¥€ à¤à¤• कथा पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है। धनराज कà¥à¤¬à¥‡à¤° से लोà¤à¤¾à¤¸à¥à¤° का जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ वह शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ की शरण में गया और उसने शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ के आदेश पर शिवजी की उपासना शà¥à¤°à¥‚ की। शिव लोà¤à¤¾à¤¸à¥à¤° से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो गà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसे निरà¥à¤à¤¯ होने का वरदान दिया। इसके बाद लोà¤à¤¾à¤¸à¥à¤° ने सारे लोकों पर कबà¥à¤œà¤¾ कर लिया। तब देवगà¥à¤°à¥ ने सारे देवताओं को गणेश की उपासना करने की सलाह दी। गणेश ने गजानन रूप में दरà¥à¤¶à¤¨ दिठऔर देवताओं को वरदान दिया कि मैं लोà¤à¤¾à¤¸à¥à¤° को पराजित करूंगा। गणेशजी ने लोà¤à¤¾à¤¸à¥à¤° को यà¥à¤¦à¥à¤§ के लिठसंदेश à¤à¥‡à¤œà¤¾à¥¤ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ की सलाह पर लोà¤à¤¾à¤¸à¥à¤° ने बिना यà¥à¤¦à¥à¤§ किठही अपनी पराजय सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर ली।
लंबोदर
कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤° नाम के दैतà¥à¤¯ ने ने सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ की उपासना करके उनसे बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ विजय का वरदान ले लिया। कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤° के इस वरदान के कारण सारे देवता à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ हो गà¤à¥¤
वो यà¥à¤¦à¥à¤§ करने निकल पड़ा। तब गणपति ने लंबोदर रूप धरकर उसे रोक लिया। कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤° को समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ और उसे ये आà¤à¤¾à¤¸ दिलाया कि वो संसार में कà¤à¥€ अजेय योदà¥à¤§à¤¾ नहीं हो सकता। कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤° ने अपना विजयी अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ रोक दिया और सब छोड़कर पाताल लोक में चला गया।
विघà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤œ
गणपति को विघà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤œ कहने के पीछ की à¤à¥€ à¤à¤• पूरी कथा है। इस कथा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• बार माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ अपनी सखियों के साथ बातचीत के दौरान जोर से हंस पड़ीं। उनकी हंसी से à¤à¤• विशाल पà¥à¤°à¥à¤· की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆà¥¤ पारà¥à¤µà¤¤à¥€ ने उसका नाम मम (ममता) रख दिया। वह माता पारà¥à¤µà¤¤à¥€ से मिलने के बाद वन में तप के लिठचला गया। वहीं वो शंबरासà¥à¤° से मिला। शमà¥à¤¬à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤° ने उसे कई आसà¥à¤°à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सीखा दीं। उसने मम को गणेश की उपासना करने को कहा। मम ने गणपति को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ कर बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ का राज मांग लिया। शमà¥à¤¬à¤° ने उसका विवाह अपनी पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ मोहिनी के साथ कर दिया। शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ ने मम के तप के बारे में सà¥à¤¨à¤¾ तो उसे दैतà¥à¤¯à¤°à¤¾à¤œ के पद पर विà¤à¥‚षित कर दिया। ममासà¥à¤° ने à¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° शà¥à¤°à¥‚ कर दिठऔर सारे देवताओं को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। तब देवताओं ने गणेश की उपासना की। गणेश विघà¥à¤¨à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° के रूप में अवतरित हà¥à¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ममासà¥à¤° का मान मरà¥à¤¦à¤¨ कर देवताओं को छà¥à¤¡à¤¼à¤µà¤¾à¤¯à¤¾à¥¤
धूमà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤£
बहà¥à¤¤ कम लोगों को पता होगा कि à¤à¤—वान गणेश का à¤à¤• अवतार धूमà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤£ था। à¤à¤• पौराणिक कथा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हैं कि à¤à¤• बार सूरà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ को छींक आ गई और उनकी छींक से à¤à¤• दैतà¥à¤¯ की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆà¥¤ उसका नाम था अहम। वो शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ के समीप गया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गà¥à¤°à¥ बना लिया। वह अहम से अहंतासà¥à¤° हो गया। उसने खà¥à¤¦ का à¤à¤• राजà¥à¤¯ बसा लिया और à¤à¤—वान गणेश को तप से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करके वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लिà¤à¥¤ उसने à¤à¥€ बहà¥à¤¤ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° और अनाचार फैलाया। तब गणेश ने धूमà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤£ के रूप में अवतार लिया। उनका रंग धà¥à¤‚ठजैसा था। वे विकराल थे। उनके हाथ में à¤à¥€à¤·à¤£ पाश था जिससे बहà¥à¤¤ जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾à¤à¤‚ निकलती थीं। धूमà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤£ के रà¥à¤ª में गणेश जी ने अहंतासà¥à¤° को हरा दिया। उसे यà¥à¤¦à¥à¤§ में हराकर अपनी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की।