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मध्यप्रदेश चुनाव: टिकट देने में गुजरात पैटर्न अपना सकती है कांग्रेस

 à¤šà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ महासंग्राम 2019 के पहले कांग्रेस के लिए नवंबर-दिसंबर में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव करो या मरो की स्थिति है। इसीलिए टिकट बंटवारे में ज्यादा सियासी प्रयोग का जोखिम उठाने की पार्टी के पास गुंजाइश नहीं है। इस लिहाज से गुजरात चुनाव की तर्ज पर जीत की संभावना वाले बाहरी 'पैराशूट' उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से कांग्रेस गुरेज नहीं करेगी। टिकट बंटवारे पर चल रही इन मंत्रणाओं से साफ है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में दूसरे दलों के असंतुष्टों के लिए कांग्रेस दरवाजे खुले रखेगी।मप्र, छग और राजस्थान के लिए कांग्रेस की अलग-अलग स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों में भी टिकट बंटवारे की इन चुनौतियों पर चर्चा हुई है। टिकट बंटवारे को लेकर लचीला रुख अपनाने के इन संकेतों से साफ है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के पैराशूट सियासत करने वालों को तरजीह नहीं देने की घोषणा पर पूरी तरह अमल की गुंजाइश नहीं है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टिकट देने में वरीयता देना राहुल के सियासी एजेंडे की प्राथमिकता में शामिल है। पार्टी चुनावी रणनीतिकारों का तर्क है कि मौजूदा हालत में लचीला रुख रखना कांग्रेस की जरूरत है। खासकर मप्र और छत्तीसगढ़ में भाजपा को रोकने के लिए दमदार बाहरी टिकट दावेदारों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

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