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94 सीटों पर कांग्रेस से आदिवासी वर्ग का दावा

मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासी वर्ग अपनी ताकत रिजर्व सीटों के अलावा उन सीटों पर भी दिखा रहा है जो सामान्य और अनुसूचित जाति की हैं। कांग्रेस में आदिवासियों के बीच काम करने वाले नेताओं ने ऐसी सामान्य वर्ग की 47 सीटों को चिन्हित कर हाईकमान का ध्यान आकर्षित किया है। यानी आदिवासी वोट को पक्ष में करने के लिए 94 सीटों पर पार्टी की नजर है।आदिवासी नेता करीब 47 सामान्य सीटों पर भी टिकट का दावा भी कर रहे हैं। कांग्रेस में टिकटों को लेकर जहां दावेदारों की भोपाल में स्क्रीनिंग कमेटी के सामने परेड हुई और तमाम सर्वे कराए गए, वहीं पार्टी के विभिन्न् आनुषांगिक संगठन व विभागों ने भी अपने लोगों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिलाने के लिए मैदानी रिपोर्ट बनाई है।

ऐसी ही एक रिपोर्ट कांग्रेस के अनुसूचित जनजाति विभाग ने तैयार की है। विधानसभा में यूं तो अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं, लेकिन अजजा विभाग का दावा है कि 53 ऐसी भी सीटें हैं, जहां आदिवासियों के 25 हजार से 70 हजार तक मतदाता हैं। इनमें 47 सीटें सामान्य और 6 सीटें अनुसूचित जाति की है। अजा की 6 सीटों पर आदिवासी वर्ग टिकट भले ही न मांग रहा हो पर संगठन पर दबाव जरूर बना रहा है।

सामान्य और अनुसूचित जाति की जिन सीटों पर आदिवासी मतदाताओं की प्रभावी भूमिका का दावा किया जा रहा है, उनमें सतना की पांच, छिंदवाड़ा की चार, रीवा, जबलपुर, बैतूल, सीधी, खरगोन, कटनी की तीन-तीन, बालाघाट, होशंगाबाद, रायसेन, धार, सिवनी, शिवपुरी, पन्ना की दो-दो, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, सीहोर, इंदौर, देवास, खंडवा, झाबुआ, श्योपुर, गुना, सिंगरौली, अनुपपुर, हरदा की एकएक सीटें शामिल हैं। 28 जिलों की 53 विधानसभा सीटों पर 25 हजार से ज्यादा आदिवासियों की मतदाता संख्या बताई जा रही है।

सामान्य वर्ग की इन सीटों पर दाव

विजयपुर, पोहरी, कोलारस, बामौरी, देवरी, जबेरा, पवई, पन्ना, चित्रकूट, नागौद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर बघेलान, सिरमोर, त्योंथर, मऊगंज, चुरहट, सीधी, सिहावल, सिंगरौली, कोतमा, विजयराघौगढ़, बहोरीबंद, मुड़वारा, पाटन, पनागर, लांजी, परसवाड़ा, सिवनी, केवलारी, चौरई, सौंसर, मुलताई, बैतूल, हरदा, सिवनी मालवा, भोजपुर, सिलवानी, बुदनी, खातेगांव, मंधाता, महेश्वर, कसरावद, धार, बदनावर, डॉ. आंबेडकर नगर महू।

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