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PM को मिला 'चैंपियंस ऑफ अर्थ' का खिताब, मोदी बोले- ये किसानों का सम्मान

पर्यावरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज चैंपियंस ऑफ अर्थ के खिताब से सम्मानित किया. राजधानी दिल्ली में हुए कार्यक्रम में बुधवार को यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया.

पीएम मोदी के अलावा ये अवॉर्ड फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो को भी दिया गया है. कुछ दिनों पहले ही UN की ओर से इस अवॉर्ड से ऐलान किया गया था. इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी वहां पर उपस्थित रहीं.

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत हमेशा प्रकृति को मां के रूप में देखता है. उन्होंने कहा कि ये भारत के आदिवासी, किसान और मछुआरों का सम्मान है. इन सभी के लिए भी जीवन प्रकृति के अनुसार ही चलता है. PM ने कहा कि ये भारत की नारी का सम्मान है, जो पौधों का ख्याल रखती हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि क्लाइमेेट की चिंता जबतक कल्चर से नहीं होगी, इस समस्या को खत्म कर पाना मुश्किल है. हमने प्रकृति को सजीव माना है. पर्यावरण के प्रति भारत की संवेदना को आज विश्व स्वीकार कर रहा है, लेकिन ये हज़ारों वर्षों से हमारी जीवन शैली का हिस्सा रहा है.

PM बोले कि आज हमारे देश में गरीबों की संख्या घट रही है, गरीबी रेखा से लोग ऊपर उठ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आबादी को पर्यावरण पर, प्रकृति पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना, विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए सहारे की आवश्यकता है, हाथ थामने की ज़रूरत है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इसलिए मैं Climate Justice की बात करता हूं.Climate Change की चुनौती से Climate Justice सुनिश्चित किए बिना निपटा नहीं जा सकता. पीएम बोले कि आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सबसे तेज़ गति से शहरीकरण हो रहा है. ऐसे में अपने शहरी जीवन को Smart और Sustainable बनाने पर भी बल दिया जा रहा है, Infrastructure को Sustainable Environment and Inclusive Growth के लक्ष्य के साथ बनाया जा रहा हैं

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस कार्यक्रम में कहा कि देश के लिए गौरव का दिन है. जब पेरिस समझौते से कुछ विकसित देशों ने बाहर निकलने की बात की, तब पीएम मोदी ने कहा था कि भारत ने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किसी दबाव में नहीं किया था.

जब हमारी सरकार आई तो पीएम ने जलवायु परिवर्तन पर समिति बनाई थी, पूरी सभा दो भाग में बंट गई थी. एक तरफ पर्यावरण वाले और दूसरी तरफ विकास वाले थे. पर्यावरण वाले प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले विकास का विरोध किया. सुषमा ने कहा कि पीएम मोदी के विजन की वजह से ही 17.19 पैसे वाली ऊर्जा (सौर ऊर्जा) आज आम आदमी को 2 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिल रही है.

यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो दुनिया को राह दिखा रहा है. पेरिस समझौता दुनिया के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ देश उसे पूरा नहीं कर रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत इसमें अगुवाई कर रहा है.

यूनाइटेड नेशन के अनुसार, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को पर्यावरण के लिए वैश्विक समझौते करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2022 तक प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह खत्म करने की शपथ के लिए यह सम्मान दिया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पैरवी के लिए अग्रणी कार्यों तथा 2022 तक एकल उपयोग वाली सभी तरह की प्लास्टिक को भारत से हटाने के संकल्प के कारण नेतृत्व श्रेणी में चुना गया है.

वार्षिक ‘‘चैम्पियंस आफ अर्थ’’ पुरस्कार सरकार, सिविल सोसाइटी एवं निजी क्षेत्र में ऐसे असाधारण नेताओं को दिया जाता है जिनके कदमों से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

 

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