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सीबीआई कोर्ट में पेश नहीं कर पाई साक्ष्य, व्यापमं फर्जीवाड़े के 10 आरोपी दोषमुक्त

ग्वालियर। विशेष सत्र न्यायालय से सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में व्यापमं फर्जीवाड़े के 10 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। पड़ाव पुलिस ने 30 सितंबर 2012 को इन आरोपियों को आरक्षक भर्ती परीक्षा देने से पहले गिरफ्तार किया था।

इस मामले की सीबीआई ने अतिरिक्त जांच की तो सभी के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। कोर्ट ने इसे अमान्य करते हुए ट्रायल जारी रखी। ट्रायल में ऐसे साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। इससे साबित हो सके कि आरोपितों ने फर्जीवाड़ा किया है।

30 सितंबर 2012 को तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय को मुखबिर से सूचना मिली कि आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से परीक्षार्थी की जगह सॉल्वर बैठाने के लिए कुछ युवक आए हैं। वह काली स्कॉर्पियो से ग्वालियर आए हैं और विधिचंद धर्मशाला में रुके हैं।

इस सूचना पर पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार कर लिया और स्कार्पियो भी जब्त कर ली। ये लोग परीक्षा देने जाने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस ने इससे कई दस्तावेज भी बरामद किए। जब पुलिस ने युवकों से सवाल किए तो वह जवाब नहीं दे पाए। पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया, लेकिन 11 सितंबर 2015 को यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया।

सीबीआई ने मामले की अतिरिक्त जांच की। सीबीआई ने कहा कि साक्ष्यों का अभाव है, इसलिए सभी के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट लगाई जाती है, लेकिन कोर्ट ने इस रिपोर्ट को स्वीकार करने से पहले पुलिस का पक्ष सुना। तत्कालीन टीआई अनिल उपाध्याय को बुलाया। उनके बयान दर्ज करने के बाद सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया।

कोर्ट ने आदेश दिया कि केस में पर्याप्त साक्ष्य हैं, ट्रायल चलाई जाएगी। सीबीआई को आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य पेश करने के लिए पर्याप्त वक्त मिला, लेकिन ट्रायल के दौरान एक भी ऐसा साक्ष्य पेश नहीं किया। इससे आरोपितों को दोषी ठहराया जा सके। कोर्ट ने सभी दस आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया।

किसी के दस्तावेज रखना अपराध नहीं

-अभियोजन की ओर से तर्क दिया कि पिंटू तोमर के पास से बड़ी संख्या में प्रवेश पत्र मिले थे। यह सॉल्वर बैठाकर परीक्षार्थी को पास करना चाहता था।

- अभियोजन के इस तर्क का आरोपितों ने विरोध करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के दस्तावेज रखना अपराध नहीं है। मात्र इस कारण से आरोपी नहीं माना जा सकता। आरोपित ने किसी व्यक्ति जगह सॉल्वर को बिठाया है, इसका कोई साक्ष्य नहीं है।

- अभियोजन की कहानी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपितो के खातों में कोई ट्रांजेक्शन नहीं मिला है। जबकि पुलिस प्रत्येक व्यक्ति से 20 हजार रुपए लेना बता रही है।

- पुलिस ने स्वतंत्र गवाह पेश नहीं किया। सभी पुलिसवालों की गवाही कराई।

इन्हें किया गया दोषमुक्त

पिंटू तोमर निवासी पोरसा जिला मुरैना, पुत्तु सिंह निवासी मुरैना, अमित सरकार निवासी लखनऊ, देशमुख यादव निवासी ग्राम सिकेरा जिला फिरोजाबाद, अनिल कुमार निवासी ओरंगाबाद जिला मथुरा, धीरज कुमार ओरंगाबाद जिला मथुरा, रवि कुमार यादव फिरोजपुर, पियुष कुमार ग्राम सिकेरा जिला फिरोजाबाद, बनी सिंह निवासी ग्राम बाडौन जिला मथुरा, बृजकिशोर निवासी ग्राम नगलाजैत जिला आगरा को दोषमुक्त किया गया है।

पुलिस की जांच पर ही करा दी ट्रायल पूरी

-व्यापमं कांड में सीबीआई ने कोई नया खुलासा नहीं किया। पुलिस ने जो जांच की थी, उसी के आधार पर कोर्ट ट्रायल पूरी करा रही है। अतिरिक्त जांच में आरोपितों को क्लीन चिट भी दी है।

- परीक्षा पास कराने के लिए पैसे का लेनदेन हुआ था। यह लेनदेन सीबीआई आरोपितों के खातों की पड़ताल कर रही थी। खातों से पैसे का लेनदेन नहीं होने पर आरोपितों के पिताओं को क्लीन चिट दी है।

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