Homeअपना शहर ,
बीजेपी का फोकस इन ब्राह्मण नेताओं पर

 à¤®à¤§à¥à¤¯ प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में हाशिए पर चले गए ब्राह्मण नेताओं को एक बार फिर मुख्यधारा में लाने की कवायद की जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कांग्रेस विधायक दल के उपनेता रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी (अब भाजपा में) से बात की है।

शुक्रवार को पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भाजपा कार्यालय बुलाया गया। अनूप मिश्रा, रघुनंदन शर्मा, हितेश बाजपेयी सहित कई ब्राह्मण चेहरों को भी पार्टी नेताओं ने समाज में सक्रिय होने की बात कही है। इसकी वजह प्रदेश में पदोन्न्ति में आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट जैसे मुद्दे हैं। इसके विरोध के चलते ही प्रदेश में सपाक्स जैसे संगठन खड़े हो गए हैं। पार्टी का मानना है कि सपाक्स की सामान्य वर्ग और ओबीसी में बढ़ती सक्रियता से विधानसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान हो सकता है।

लक्ष्मीकांत शर्मा

लंबे समय से भाजपा से उपेक्षित चल रहे सिरोंज के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की पूछ-परख फिर बढ़ गई है। कुछ दिन पूर्व ही शर्मा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विदिशा में मुलाकात हुई थी। अब उन्हें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ने बुलाकर बातचीत की। पार्टी नेताओं की मानें तो यह बुलावा हाईकमान के इशारे पर भेजा गया था। पार्टी उनका वनवास खत्म कर सकती है। माना ये भी जा रहा है कि सिरोंज सीट से पार्टी उन पर दांव लगा सकती है। पिछले चुनाव में शर्मा कुछ वोटों से हार गए थे।

चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी

2008 से 2013 के बीच कांग्रेस विधायक दल में चतुर्वेदी कुछ समय के लिए कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष रहे, बाकी समय उपनेता रहे। कांग्रेस नेताओं से खटपट होने पर उन्होंने 2013 में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भाजपा ज्वाइन कर ली थी। बाद में पार्टी ने चतुर्वेदी के छोटे भाई मुकेश को मेहगांव सीट से टिकट दिया। माना जा रहा है कि चंबल इलाके में सवर्णों और खासतौर से ब्राह्मणों को साधने के लिए चौधरी को भिंड या मेहगांव से प्रत्याशी बनाया जा सकता है।

अनूप मिश्रा

2003 से 2013 के बीच ज्यादातर समय तक अनूप मिश्रा मंत्री पद पर रहे। 2013 में भितरवार से चुनाव हारने के बाद पार्टी ने उन्हें मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया। इसके बाद से मिश्रा प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के भांजे होने के कारण भी मिश्रा की पहचान प्रदेश में एक ब्राह्मण नेता की है। ग्वालियर में सवर्णों की नाराजगी दूर करने के लिए मिश्रा को पार्टी ने सक्रिय कर दिया है। ग्वालियर पूर्व से उन्हें प्रत्याशी भी बनाया जा सकता है।

कई नेताओं से की पार्टी ने चर्चा

सामान्य वर्ग का आंदोलन भड़कने के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल और प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस, खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ला, सांसद अनूप मिश्रा से लंबी बातचीत की थी। ब्राह्मण नेता होने के कारण ही डॉ. सीतासरन शर्मा को पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष बनाया था। वीडी शर्मा को प्रदेश महामंत्री बनाए जाने के पीछे भी यही वजह थी।

 

Share This News :