पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ पीठमंदिर में राहà¥à¤² गांधी ने किठदरà¥à¤¶à¤¨
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· राहà¥à¤² गांधी ने अपनो दो दिनों के गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° चंबल संà¤à¤¾à¤— के चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ दौरे की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ दतिया में मां पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ पीठमंदिर दरà¥à¤¶à¤¨ से की। नवरातà¥à¤° के छठवें दिन राहà¥à¤² गांधी ने दतिया के सिदà¥à¤§ पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ पीठमें शतà¥à¤°à¥ नाश की अधिषà¥à¤ ातà¥à¤°à¥€ देवी पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ माई के दरà¥à¤¶à¤¨ कर विशेष पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की।
मां पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ को राजसतà¥à¤¤à¤¾ की देवी माना जाता है। इसलिठयहां बड़े सियासी चेहरे अकà¥à¤¸à¤° पहà¥à¤‚चते हैं और इस बार तो विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ बेहद करीब हैं। à¤à¤¸à¥‡ में पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की सतà¥à¤¤à¤¾ से लंबे वकà¥à¤¤ से बाहर कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ मां पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ के सहारे अपनी चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ नैया पार कराने की कोशिश कर रही है।
ये वही सिदà¥à¤§ व पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित मंदिर है, जहां पर राहà¥à¤² गांधी के नाना जी व à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पंडित जवाहरलाल नेहरू के अनà¥à¤°à¥‹à¤§ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤-चीन यà¥à¤¦à¥à¤§ के समय देश की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठमां बगलामà¥à¤–ी की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से 51 कà¥à¤‚डीय महायजà¥à¤ž कराया गया था। जिसके परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प 11वें दिन अंतिम आहà¥à¤¤à¤¿ के साथ ही चीन ने अपनी सेनाà¤à¤‚ वापस बà¥à¤²à¤¾ ली थीं।
उस समय यजà¥à¤ž के लिठबनाई गई यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ आज à¤à¥€ यहां सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। मंदिर में लगी पटà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤¾ पर इस घटना का उलà¥à¤²à¥‡à¤– à¤à¥€ है। इससे पहले पीतामà¥à¤¬à¤°à¤¾ जी के दरà¥à¤¶à¤¨ करने तीन बार इंदिरा गांधी इस अवसर पर मंदिर परिसर में मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ काà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤¸ कमेटी के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· व सांसद कमलनाथ, चà¥à¤¨à¤¾à¤µ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· व सांसद जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महामंतà¥à¤°à¥€ व मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ दीपक बाबरिया, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सचिव संजय कपूर, पूरà¥à¤µ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¶ पचौरी, मीडिया विà¤à¤¾à¤— की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¤¿ शोà¤à¤¾ ओà¤à¤¾, महिला कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ की पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मांडवी चौहान सहित अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नेता उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।