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कुछ ऐसा है ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी का राजनीतिक और बॉलीवुड सफर

बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी मथुरा की सांसद हैं। वे राजनीति के अलावा फिल्मों में भी सक्रिय रही हैं। आखिरी बार उन्हें à¤ªà¤°à¥à¤¦à¥‡ पर फिल्म 'एक थी रानी ऐसी भी' में नजर आई थीं। आपको बता दें कि हेमा को à¤«à¤¿à¤²à¥à¤®à¥‹à¤‚ से लेकर राजनीतिक करियर बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। तो à¤†à¤‡à¤¯à¥‡ जानते है ड्रीम गर्ल के व्यक्तिगत जीवन से लेकर फिल्मों और राजनीतिक  à¤¸à¤«à¤° के बारे में.

 

हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता वी एस आर चक्रवाती और माता जया लक्ष्मी जो एक फिल्म प्रोडूसर थीं। हेमा ने अपनी पढाई चेन्नई के आन्ध्र महिला सभा से की।    घर में फिल्मी माहौल होने से हेमा मालिनी का झुकाव भी फिल्मों की ओर हो गया। इसलिए हेमा 12 वीं की पढाई को छोड़ कर फिल्मो को ओर रुख किया। हेमा ने शुरुआती दिनों में à¤à¤• लघु नाटक, पांडव वनवासम में बतौर नर्तकी काम किया।

हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया।
हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया।
 

बॉलीवुड सफर 

हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाली थी तभी उन्हें पहला झटका लगा। जब तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से इन्कार कर दिया। श्रीधर ने हेमा से कहा कि उनमें स्टार अपीलिंग नहीं है। लेकिन हेमा को पता था वह एक्टिंग में माहिर हैं।

हेमा ने अपने à¤«à¤¿à¤²à¥à¤® करियर की पहली शुरुआत तमिल फिल्म इथू साथिय्म से की।  इसमे एक सहकलाकार के रूप में दिखाई दी।  à¤‡à¤¸à¤•à¥‡ बाद इन्होने हिंदी फिल्म राजकुमार निर्दशित में बनी फिल्म 'सपनों के सौदागर' में काम किया। यही से हेमा à¤¡à¥à¤°à¥€à¤® गर्ल के रूप में सामने आईं।  बदकिस्मती से फिल्म हिट नहीं हुई, लेकिन हेमा मालिनी को सब पसंद करने लगे।

1970 में उन्हें फिर एक फिल्म देवानंद के साथ 'जोनी मेरा नाम' में नजर आईं। यह सुपर हिट रही।  इसके बाद तो हेमा जी के पास फिल्मों आने लगी। फिर 1971 में महान निर्दशक रमेश सिप्पी की पहली फिल्म अंदाज के लिए हेमा को लिया और उनके साथ राजेश खन्ना भी थे। इसके बाद फिल्म सीता और गीता का काम किया जो सफलता की उचाईयों पर ले गई। .उन्हें सन 1973 में सीता और गीता के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला।

हेमा मालिनी को फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम एचीश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया।  à¤‡à¤¸à¤•à¥‡ अतिरिक्त हिन्दी फिल्म और कला जगत में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार ने सन 2000 पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।


 

फिल्म शोले से धर्मेन्द्र और हेमा की जोड़ी को पसंद किया गया
फिल्म शोले से धर्मेन्द्र और हेमा की जोड़ी को पसंद किया गया
 

सन 1975 में रमेश सिप्पी ने शोले फिल्म का निर्माण किया, जिसमे हेमा  ने एक चुलबुली लड़की बसंती का किरदार निभाया था जो सभी लोगों ने उन्हें पसंद किया और फिल्म भी हिट रही। यहीं से धर्मेन्द्र और हेमा की जोड़ी को पसंद किया गया।  à¤¯à¤¹à¥€ से ही धर्मेन्द्र  हेमा के खूबसूरती के दीवाने हो गए। धर्मेन्द्र जी हेमा से शादी करना चाहते थी, लेकिन उनके परिवार वाले मान नहीं रहे थे। इसलिए इन दोनों ने छुपके से शादी कर ली और उनके चार बच्चे है सनी, बॉबी और आयशा,आहना .

वर्ष 2004 में हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं ...
वर्ष 2004 में हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं ...
 

राजनीतिक संघर्ष

वर्ष 2004 में हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और उन्होंने अपने राजनीतिक सफर शुरूआच की। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद à¤‰à¤¨à¥à¤¹à¥‹à¤‚ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया।  à¤­à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पार्टी के सहयोग से राज्य सभा की सदस्य बनीं। लेकिन अधिकारिक रूप से वह सन 2004 से 2009 तक भारतीय जनता पार्टी की नियुक्त उम्मेदवार थी मार्च 2010 में हेमा मालिनी बीजेपी की जनरल सेक्रेटरी बनी। इसी के साथ उनकी नियुक्ती लोक सभा के सदस्य के रूप में की गयी थी। आज हेमा मालिनी मथुरा से सांसद हैं। 

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