लाहौर के महाराजा ने इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड की महारानी को तोहफे में नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ दबाव में दिया था कोहिनूर
लाहौर के महाराजा ने करीब 170 वरà¥à¤· पहले इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड की महारानी को 108 कैरेट का कोहिनूर ‘‘सरà¥à¤®à¤¿à¤ªà¤¤ किया’’ था ‘‘न कि उनके हवाले किया’’ था। यह सूचना à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µ सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£ (à¤à¤à¤¸à¤†à¤ˆ) ने लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ के à¤à¤• सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ के सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगे गठसवालों के जवाब में दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पूछा था कि कà¥à¤¯à¤¾ बेशकीमती हीरा अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ को उपहार में दिया गया था या किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ अनà¥à¤¯ कारणों से इसे हसà¥à¤¤à¤¾à¤‚तरित किया गया था।
गौरतलब है कि à¤à¤à¤¸à¤†à¤ˆ की तरफ से दस अकà¥à¤¤à¥‚बर को दिया गया लिखित जवाब अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2016 में केंदà¥à¤° सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उचà¥à¤šà¤¤à¤® नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को दिठगठजवाब से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ है। सरकार ने उचà¥à¤šà¤¤à¤® नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में कहा था कि कोहिनूर की अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ कीमत 20 करोड़ डॉलर से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है जिसे न तो चà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¾ गया था, न ही अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ शासक उसे ‘‘जबरà¥à¤¦à¤¸à¥à¤¤à¥€’’ ले गठबलà¥à¤•à¤¿ पंजाब के पूरà¥à¤µà¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ शासकों ने इसे ईसà¥à¤Ÿ इंडिया कंपनी को दे दिया था।
रोहित सà¤à¤°à¤µà¤¾à¤² ने मंगलवार को कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने करीब à¤à¤• महीने पहले आरटीआई दायर की थी जिसमें पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ (पीà¤à¤®à¤“) से जवाब मांगा गया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, ‘‘मà¥à¤à¥‡ नहीं पता कि उन सवालों को à¤à¤à¤¸à¤†à¤ˆ के पास à¤à¥‡à¤œ दिया जिसने उनके जवाब दिठहैं।’’ जवाब के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, ‘‘राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤–ागार में रखे रिकॉरà¥à¤¡ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• लॉरà¥à¤¡ डलहौजी और महाराजा दिलीप सिंह के बीच 1849 में लाहौर संधि हà¥à¤ˆ थी जिसके तहत लाहौर के महाराजा ने कोहिनूर हीरा को इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड की महारानी को सरà¥à¤®à¤¿à¤ªà¤¤ कर दिया था।’’ कोहिनूर का मतलब ‘पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ का परà¥à¤µà¤¤’ होता है और यह बड़ा, रंगहीन हीरा है जो 14वीं सदी की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पाया गया था।
औपनिवेशिक काल में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के पास चले गठइस बेशकीमती हीरे के मालिकाना हक को लेकर विवाद है और à¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित कम से कम चार देश इस पर अपना दावा जताते हैं। जवाब में संधि के बारे में संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ में बताया गया है कि ‘‘बेशकीमती पतà¥à¤¥à¤° कोहिनूर को महाराजा रणजीत सिंह ने शाह सà¥à¤œà¤¾ उल मà¥à¤²à¥à¤• से लिया था जिसे लाहौर के महाराजा ने इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड की महारानी को सरà¥à¤®à¤¿à¤ªà¤¤ कर दिया।’’ जवाब के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• संधि से पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है कि ‘‘दिलीप सिंह की इचà¥à¤›à¤¾ पर अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ को कोहिनूर नहीं सौंपा गया था। संधि के समय दिलीप सिंह नाबालिग थे।’’
सà¤à¤°à¤µà¤¾à¤² ने कहा कि हाल में वह इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड गठथे और ‘‘वहां à¤à¤• संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में मैंने कोहिनूर को देखा और मà¥à¤à¥‡ वहां सूचना दी गई कि यह उपहार में दिया गया था।’’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ से पीटीआई को फोन पर बताया, ‘‘इसलिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ लौटने के बाद जवाब हासिल करने के लिठमैंने आरटीआई दायर करने का निरà¥à¤£à¤¯ किया।’’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤à¤¸à¤†à¤ˆ और 2016 में केंदà¥à¤° के जवाब में ‘‘परसà¥à¤ªà¤° विरोधाà¤à¤¾à¤¸’’ है और इसलिठकेंदà¥à¤° सरकार को इस पर गौर करना चाहिà¤à¥¤