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थाने में 7 लाख के सोने की हेराफेरी

इंदौर। à¤¥à¤¾à¤¨à¥‡ के मालखाने से चोरी हुआ सात लाख रुपए का सोना रहस्मयढंग से मिल गया। जिस सोने को लेकर एएसआई पर चोरी का केस दर्ज हुआ, वह सोना एचसीएम की अलमारी में पहुंच गया। अब इस मामले में रिपोर्ट बनाने और एफआईआर करने वाले अफसर फंसते नजर आ रहे हैं। दोषी एएसआई की गिरफ्तारी से भी बचने लगे हैं।एमआईजी पुलिस ने पिछले दिनों थाने के तत्कालीन एएसआई संतोष कुमार तिवारी के खिलाफ हेराफेरी का प्रकरण दर्ज किया था। एएसआई पर आरोप है कि उसने चोरों से बरामद सोने का हार, अंगूठी, चेन और अन्य सामान सहित करीब सात लाख का सोना थाने के मालखाने से गायब कर दिया।

एसपी (पूर्वी) अवधेश गोस्वामी ने सीएसपी पंकज दीक्षित से जांच करवाई और एएसआई के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। पुलिस आरोपित एएसआई की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी कि सोमवार को रिटायर एएसआई (एम) संतोष याज्ञनिक थाने पहुंचा और एचसीएम की अलमारी से सोना निकालकर सौंप दिया।

याज्ञनिक डेढ़ वर्ष पूर्व रिटायर हुए हैं। उन्होंने अफसरों को बताया कि घटना के वक्त वे थाने में पदस्थ थे। आरोपित एएसआई ने उनके सामने ही सोना बरामद किया था। उसकी जब्ती दर्शाई और लिफाफा बनाकर एचसीएम को सौंप दिया। उन्होंने लिफाफा एक आलमारी में रख दिया। जैसे ही केस की जानकारी मिली वे खुद थाने पहुंचे और लिफाफा अफसरों को दे दिया।पूरे प्रकरण में आरोपित एएसआई तिवारी से लेकर टीआई तहजीब काजी लापरवाह हैं। एएसआई ने चोर रफीक खान, रईस खान, अनवर खान और आबिद खान से बरामद सोने की विधिवत जब्ती नहीं दर्शाई। टीआई काजी ने एएसआई पर लगे आरोपों की सतही जांच की और सीएसपी पंकज दीक्षित को रिपोर्ट सौंप दी। सीएसपी ने भी जल्दी में रिपोर्ट तैयार की और एएसआई पर केस दर्ज कर लिया। याज्ञनिक के मुताबिक, रिटायरमेंट के बाद उन्होंने एचसीएम रामसिंह पटेल को चार्ज दिया था। पटेल को सोने की जानकारी भी दी थी।सोने की चोरी थाने के सामने ही रहने वाले गजेंद्रनाथ छोकर के बंगले में हुई थी। तीन साल बाद भी जेवर सुपुर्द नहीं करने पर छोकर ने कोर्ट में आवेदन लगाया। अफसरों ने बताया कि सोना मालखाने से गायब है। मामले में आनन-फानन में जांच बैठाई और एएसआई को दोषी करार दे दिया।

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