करवाचौथ : चंदà¥à¤° पूजन व वà¥à¤°à¤¤ से महिलाà¤à¤‚ करती हैं पति की मंगल कामना
धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¹à¤¾à¤—िनों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मनाये जाने वाले तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° में सबसे खास है करवाचौथ। यह परà¥à¤µ केवल महिलाओं के तà¥à¤¯à¤¾à¤—, समरà¥à¤ªà¤£ या पà¥à¤°à¥‡à¤® की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही नहीं करता है, अपितॠपà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठजाने वाले समà¥à¤®à¤¾à¤¨ का à¤à¥€ दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• है।
करवाचौथ संपूरà¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में खासतौर पर उतà¥à¤¤à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हिनà¥à¤¦à¥‚ महिलाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मनाया जाने वाला à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° है। इस दिन महिलाà¤à¤‚ अपने पति की लंबी उमà¥à¤° की कामना के लिठसूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से रात चांद दिखने तक निरà¥à¤œà¤² वà¥à¤°à¤¤ रखती हैं। इस पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥‚ तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° के बारे में अधिक जानने के लिठआगे पà¥à¥‡à¤‚। यह तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के कà¥à¤› à¤à¤¾à¤—ों, हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, हरियाणा और पंजाब में मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से मनाया जाता है।यदि आप यह वà¥à¤°à¤¤ रखने वाली हैं, तो आप मेकअप, कॉसà¥à¤®à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤¸ (शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार), आà¤à¥‚षण, गहने, करवा और मटà¥à¤ ी, इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ चीजों की खरीदारी कà¥à¤› दिन पहले से ही शà¥à¤°à¥‚ कर दें। अब तो बाजार à¤à¥€ पहले से ही करवाचौथ से संबंधित चीजों से सजे-धजे रहते हैं, जिससे आपको उपयोगी विकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ को चà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में कोई परेशानी नहीं होती।इस दिन आपको सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले यह वà¥à¤°à¤¤ रखने वाली और महिलाओं के साथ उठकर कà¥à¤› खाना तथा पीना चाहिà¤à¥¤ यदि आप उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ से संबंधित कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से हैं तो आप सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले शकà¥à¤•à¤° और दूध के साथ सूत फेनी (चने और दूध से बना à¤à¤• पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤‚जन) लेना पसंद करेंगी। इस मिशà¥à¤°à¤£ के सेवन से अगले दिन बिना पानी पीठरहने में मदद मिलती है। पंजाब में सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले लिठगठअनà¥à¤¨à¥ में सरगी का à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है।परंपरा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सरगी सास दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी बहॠको करवाचौथ पर दिया जाने वाला बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ उपहार है जिसमें काजू बादाम, मीठी मटà¥à¤ ी और सà¥à¤¹à¤¾à¤— की निशानियां होती हैं। यदि आप अपने सास के साथ ही रहती हैं तो सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ के पहले खाया जाने वाला पदारà¥à¤¥ आपकी सास दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही बनाया जाता है।
पूजन सामगà¥à¤°à¥€:
मिटà¥à¤Ÿà¥€, तांबा अथवा पीतल के दो करवे, दूध, जल, धà¥à¤ª, सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€, मौलि, अकà¥à¤·à¤¤, दीप, कपूर, सिंदूर, काजल, पà¥à¤·à¥à¤ª à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤·à¥à¤ªà¤®à¤¾à¤²à¤¾, जल के लिठतीन पातà¥à¤°, नैवैदà¥à¤¯ के लिठपूरà¥à¤£ फल, मेवा या मिठाई, इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¥¤
इस वà¥à¤°à¤¤ में पीसी हà¥à¤ˆ चावल के घोल से दीवाल पर सबसे ऊपर चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ बनते हैं उसके नीचे शिव, गणपति और कारà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥‡à¤¯ का चितà¥à¤° बनाया जाता है। फिर पीली मिटà¥à¤Ÿà¥€ से माता गौरी बनाई जाती हैं जिनकी गोद में गणपति को बैठाया जाता है। गौरी को चौकी पर बिठाकर सà¤à¥€ सà¥à¤¹à¤¾à¤— चिहà¥à¤¨à¥‹à¤‚ से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। à¤à¤• पà¥à¤·à¥à¤ª को ननà¥à¤¦à¥€à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प मानकर सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिया जाता है।
करवा में रकà¥à¤·à¤¾à¤¸à¥‚तà¥à¤° बांधें तथा हलà¥à¤¦à¥€ और आटे के समà¥à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¤£ से à¤à¤• सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤• बनाà¤à¤‚। à¤à¤• करवे में जल à¤à¤°à¥‡à¤‚ तथा दूसरे करवे में दूध à¤à¤°à¥‡à¤‚ और इसमें तांबे या चांदी का सिकà¥à¤•à¤¾ डालें। आचमन के लिठछोटे पातà¥à¤° में जल à¤à¤° कर रखें तथा साथ में à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š à¤à¥€ रखें।
पूजा के लिठमंतà¥à¤°:
ॠशिवायै नम: से पारà¥à¤µà¤¤à¥€ का, ॠनम: शिवाय से शिव का, ॠषणà¥à¤®à¥à¤–ाय नम: से सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कारà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥‡à¤¯ का, ॠगणेशाय नम: से गणेश का तथा ॠसोमाय नम: से चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ का पूजन करें। सब तैयारी हो जाने के बाद करवाचौथ की कथा सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ और फिर चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ निकलते ही शà¥à¤°à¥€ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¦à¥‡à¤µ को अरà¥à¤§à¥à¤¯ दीजिà¤à¥¤
करवाचौथ के दिन वà¥à¤°à¤¤ कथा पà¥à¤¨à¤¾ अनिवारà¥à¤¯ माना गया है: करवाचौथ की कई कथाà¤à¤‚ हैं, लेकिन सबका मूल à¤à¤• ही है। करवाचौथ की कà¥à¤› पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ कथाà¤à¤‚ आगे दी गईं हैं।
वीरावती की कथा:
इस कथा का सार यह है कि शाकपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤ªà¥à¤° वेदधरà¥à¤®à¤¾ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ की विवाहिता पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ वीरवती ने करवाचौथ का वà¥à¤°à¤¤ किया था। नियमानà¥à¤¸à¤¾à¤° उसे चंदà¥à¤°à¥‹à¤¦à¤¯ के बाद à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना था, परंतॠउससे à¤à¥‚ख नहीं सही गई और वह वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤² हो उठी।
उसके à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ से अपनी बहन की वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤²à¤¤à¤¾ देखी नहीं गई और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पीपल की आड़ में आतिशबाजी का सà¥à¤‚दर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ फैलाकर चंदà¥à¤°à¥‹à¤¦à¤¯ दिखा दिया और वीरवती को à¤à¥‹à¤œà¤¨ करा दिया। परिणाम यह हà¥à¤† कि उसका पति ततà¥à¤•à¤¾à¤² अदृशà¥à¤¯ हो गया। अधीर वीरवती ने बारह महीने तक पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ को वà¥à¤°à¤¤ रखा और करवाचौथ के दिन उसकी तपसà¥à¤¯à¤¾ से उसका पति पà¥à¤¨: पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो गया।
करवा की कथा:
à¤à¤• समय की बात है कि à¤à¤• करवा नाम की पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ अपने पति के साथ नदी के किनारे के गांव में रहती थी। à¤à¤• दिन उसका पति नदी में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने गया। सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करते समय वहां à¤à¤• मगर ने उसका पैर पकड़ लिया। वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ करवा-करवा कहकर अपनी पतà¥à¤¨à¥€ को पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ लगा। उसकी आवाज सà¥à¤¨à¤•à¤° उसकी पतà¥à¤¨à¥€ करवा à¤à¤¾à¤—ी चली आई और आकर मगर को कचà¥à¤šà¥‡ धागे से बांध दिया। मगर को बांधकर यमराज के यहां पहà¥à¤‚ची और यमराज से कहने लगी- हे à¤à¤—वन! मगर ने मेरे पति का पैर पकड़ लिया है।
उस मगर को पैर पकड़ने के अपराध में आप अपने बल से नरक में ले जाओ। यमराज बोले, अà¤à¥€ मगर की आयॠशेष है, अत: मैं उसे नहीं मार सकता। इस पर करवा बोली, अगर आप à¤à¤¸à¤¾ नहीं करोगे तो मैं आप को शà¥à¤°à¤¾à¤ª देकर नषà¥à¤Ÿ कर दूंगी। सà¥à¤¨à¤•à¤° यमराज डर गठऔर उस पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾ करवा के साथ आकर मगर को यमपà¥à¤°à¥€ à¤à¥‡à¤œ दिया और करवा के पति को दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ दी। हे करवा माता! जैसे तà¥à¤®à¤¨à¥‡ अपने पति की रकà¥à¤·à¤¾ की, वैसे सबके पतियों की रकà¥à¤·à¤¾ करना।
दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ की कथा:
इस कथा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• समय की बात है, जब नीलगिरी परà¥à¤µà¤¤ पर पांडव पà¥à¤¤à¥à¤° अरà¥à¤œà¥à¤¨ तपसà¥à¤¯à¤¾ करने गà¤à¥¤ तब किसी कारणवश उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वहीं रà¥à¤•à¤¨à¤¾ पड़ा। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दिनों पांडवों पर गहरा संकट आ पड़ा। तब चिंतित व शोकाकà¥à¤² दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ ने à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ किया तथा कृषà¥à¤£ के दरà¥à¤¶à¤¨ होने पर पांडवों के कषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ के निवारण हेतॠउपाय पूछा।
तब कृषà¥à¤£ बोले- हे दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€! मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ चिंता à¤à¤µà¤‚ संकट का कारण जानता हूं। उसके लिठतà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• उपाय करना होगा। जलà¥à¤¦à¥€ ही कारà¥à¤¤à¤¿à¤• माह की कृषà¥à¤£ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ आने वाली है, उस दिन तà¥à¤® पूरे मन से करवाचौथ का वà¥à¤°à¤¤ रखना। à¤à¤—वान शिव, गणेश à¤à¤µà¤‚ पारà¥à¤µà¤¤à¥€ की उपासना करना, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ सारे कषà¥à¤Ÿ दूर हो जाà¤à¤‚गे तथा सबकà¥à¤› ठीक हो जाà¤à¤—ा। कृषà¥à¤£ की आजà¥à¤žà¤¾ का पालन कर दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ ने वैसा ही करवाचौथ का वà¥à¤°à¤¤ किया। तब उसे शीघà¥à¤° ही अपने पति के दरà¥à¤¶à¤¨ हà¥à¤ और उसकी सारी चिंताà¤à¤‚ दूर हो गईं।
à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि की समीकà¥à¤·à¤¾
यह जानें कि à¤à¤• नवविवाहिता अपने गांव या शहर को छोड़कर अपने पति के साथ रहने लगती है: वह अपने घर को पूरी तरह à¤à¥‚लाकर अपने ससà¥à¤°à¤¾à¤² को ही अपना नया घर बना लेती है। यह पà¥à¤°à¤¥à¤¾ तब शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ, जब नव-विवाहिता इस नठवातावरण में à¤à¤• नयी सहेली बना पाई।
यह रिशà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बंधन में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो गया और इस जाने माने तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° के रूप में मनाया जाने लगा। यह नई सहेली नवविवाहिता की à¤à¤• अचà¥à¤›à¥€ सहेली या बहन जैसी बन गई। ये दोनों महिलाà¤à¤‚ à¤à¤•-दूसरे को साहस देती होंगी और अपने पतियों के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठमिलकर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करती होंगी। करवाचौथ, नव-विवाहिता और उसकी इस अचà¥à¤›à¥€ सहेली या अचà¥à¤›à¥€ बहन जैसी दोसà¥à¤¤ के बीच गहन संबंध को पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करता है। यह अचà¥à¤›à¥€ सहेली या अचà¥à¤›à¥€ बहन जैसी दोसà¥à¤¤ परिवार के सदसà¥à¤¯ की तरह ही होती थी।
धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें कि यह तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ और उतà¥à¤¤à¤°à¥€-पशà¥à¤šà¤¿à¤® कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में मनाया जाता है: यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ इस तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ को लेकर अनेकों अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ हैं फिर à¤à¥€ यह कोई नहीं जानता कि यह तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उतà¥à¤¤à¤°à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° और सिरà¥à¤« अकà¥à¤Ÿà¥‚बर के महीने में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मनाया जाता है। यहां पर इससे संबंधित वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¥à¤¯ धारणा है। अकà¥à¤Ÿà¥‚बर में वरà¥à¤·à¤¾-ऋतॠबाद अकà¥à¤¸à¤° जमीन सूखी रहती है।
मिलिटà¥à¤°à¥€ कैंप और लंबी दूरी की यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€ अकà¥à¤¸à¤° अकà¥à¤Ÿà¥‚बर या नवंबर के महीने में शà¥à¤°à¥‚ होते हैं। महिलाओं ने अपने पति (या मंगेतर) की लंबी आयॠऔर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठवà¥à¤°à¤¤ तथा पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की होगी ताकि वे यातà¥à¤°à¤¾ और दायितà¥à¤µ निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ में सफल हों।