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भारत के व्यापार को बड़ा झटका, अमेरिका नहीं खरीदेगा 90 ड्यूटी फ्री उत्पाद

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर के दायरे को बढ़ाते हुए 90 नए उत्पादों की पहचान की है, जिसे उसने ड्यूटी फ्री श्रेणी से बाहर कर दिया है. इस फैसले में 90 उत्पादों में कम से कम 50 ऐसे उत्पाद हैं जिनका निर्यात भारत करता है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रेसिडेंशियल प्रोक्लमेशन के जरिए यह फैसला लिया है और यह 1 नवंबर, 2018 से प्रभावी हो गया है. इस फैसले के बाद अब भारत के लिए अमेरिका में इन उत्पादों की सप्लाई पर ड्यूटी लगाई जाएगी. अब इन उत्पादों को ड्यूटी फ्री श्रेणी में निर्यात करने की जगह भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) के तौर पर निर्यात करना होगा जिसपर एक तय दर से टैक्स वसूला जाएगा.

गौरतलब है कि अमेरिका से द्विपक्षीय कारोबार में भारत को बड़ा फायदा मिलता है और इस फायदे के चलते भारत अपने कुल व्यापार घाटे को कम कर लेता है. ड्यूटी फ्री श्रेणी से बाहर किए गए अधिकांश उत्पाद हैंडलूम और कृषि क्षेत्र से हैं और लंबे समय से अमेरिका ऐसे उत्पादों की वैश्विक बाजार से खरीद को वरीयता देते हुए टैक्स फ्री कर रखा था.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की कमान संभालने के बाद ही ऐसे उत्पादों को टैक्स फ्री श्रेणी से बाहर कर अपने द्विपक्षीय व्यापार में घाटे को कम करने की वकालत की थी. हालांकि कि ट्रंप प्रसाशन की इस कवायद का भारत समेत वह सभी देश विरोध कर रहे थे. अब ट्रंप सरकार के 90 उत्पादों पर टैक्स लगाने के फैसले का सबसे बड़ा नुकसान भारत को उठाना पड़ेगा क्योंकि अमेरिका को इन उत्पादों की ड्यूटी फ्री सप्लाई में सबसे बड़ा योगदान भारत का है.

अमेरिका लंबे समय से कई देशों के कारोबार और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लगभग हजारों उत्पाद को ड्यूटी फ्री श्रेणी ने रखता रहा है. ऐसा वह इन उत्पादों को निर्यात करने वाले देशों की अर्थव्यवस्था को वैश्विक कारोबार में बढ़ावा देने और घरेलू बाजार में इन उत्पादों की मांग को सस्ती दरों पर पूरी करने के लिए करता रहा है. लेकिन चीन के साथ ट्रंप प्रसाशन के ट्रेड वॉर के बाद अब अमेरिका अपने व्यापार घाटे को कम करने के लिए कड़े कदम उठा रहा है.

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आंकड़ों को देखें तो 2017 में ड्यूटी फ्री श्रेणी के तहत भारत ने अमेरिका को 5.6 बिलियन डॉलर मूल्य से अधिक के उत्पादों की सप्लाई की थी. अब इस फैसले का सीधा असर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय कारोबार के आंकड़ों पर पड़ेगा. वहीं इस श्रेणी में ज्यादातर उत्पाद हैंडलूम और कृषि क्षेत्र से होने के कारण भारत का लघु और मध्यम उद्योग बड़ी तौर पर प्रभावित होगा.

भारत के अलावा जिन देशों पर इस फैसले का असर पड़ेगा उनमें अर्जेंटीना, ब्राजील, थाइलैंड, सूरीनाम, पाकिस्तान, तुर्की, फिलिपीन्स और इंडोनेशिया शामिल हैं. वहीं भारत के निर्यात में जिन उत्पादों पर अब टैक्स लगेगा उनमें प्रमुख रूप से पिजन पी सीड, ड्राई फ्रूट्स, टर्पेंटाइन गम, आम, विनेगर, सैंडस्टोन समेत कई केमिकल्स शामिल है. इसके साथ ही भारत से बड़ी मात्रा में निर्यात हो रहे भैंस के चमड़े को भी ड्यूटी फ्री श्रेणी से बाहर कर दिया गया है. इनके अलावा ट्रंप के इस फैसले का बड़ा असर कॉटन के कपड़ों और हाथ से बुनी कालीन के कारोबार पर भी पड़ेगा.

हाल ही में अमेरिका ने आंकड़ा जारी किया था कि उसने 2017 में ड्यूटी फ्री श्रेणी के तहत कुल 21.2 बिलियन डॉलर मूल्य के उत्पादों की खरीद की थी. इसमें 5.2 बिलियन डॉलर की सबसे बड़ी खरीद भारत, 4.2 बिलियन डॉलर की खरीद थाईलैंड और 2.5 बिलियन डॉलर की खरीद ब्राजील से की गई थी.

 

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