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शुभ मुहूर्त में धनतेरस पर बरसेगा धन, दीपावली के 5 दिनों में बनेंगे ये मंगलकारी योग

 à¤®à¤¹à¤¾à¤²à¤•à¥à¤·à¥à¤®à¥€ पूजन के पांच दिनी पर्व दीपावली की शुरुआत सोमवार को पर्व की महत्ता बढ़ाने वाले सोमप्रदोष में होगी। इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ धन की देवी लक्ष्मी-कुबेर का पूजन भी होगा। शुभ मुहूर्त में बाजार में धन बरसेगा और शाम को हर देहरी पर दीप सजाए जाएंगे। पांच दिनी पर्व के दौरान घर-आंगन और गलियारे रोशन रहेंगे। इस दौरान प्रति, आयुष्मान और सौभाग्य सहित कई विशिष्ट संयोग बनेंगे। हस्त, चित्रा, विशाखा और अनुराधा नक्षत्र में महालक्ष्मी, भगवान कुबेर, धन्वंतरि सहित कुल परंपरानुसार देवी-देवताओं का पूजन किया जाएगा। à¤•à¤¾à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤• कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को रात 1.25 बजे होगी, जो दूसरे दिन 5 नवंबर को रात 11.46 बजे तक रहेगी। इस दिन चंद्रमा का हस्त नक्षत्र रात 8.36 बजे तक रहेगा। इसमें की गई खरीदारी स्थिरता प्रदान करती है। इस दिन यम दीप दान, कामेश्वरी जयंती और मासिक शिवरात्रि पर्व भी मनाया जाएगा।रूप चतुर्दशी 6 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन इस दिन रात 7.55 बजे तक प्रति योग रहेगा। इस दिन तिल-तेल, उबटन से स्नान कर भगवान कृष्ण का पूजन किया जाता है। इसे नरक और काली चतुर्दशी भी कहते हैं।धन की देवी महालक्ष्मी का पूजन पर्व के तीसरे दिन 7 नवंबर को स्वाति नक्षत्र और आयुष्मान और सौभाग्य योग के दुर्लभ संयोग में होगा। अमावस्या तिथि 6 नवंबर को रात 10.27 से 7 नवंबर को रात 9.31 मिनट तक रहेगी। आयुष्मान योग 7 नवंबर को शाम 5.57 बजे और इसके बाद सौभाग्य योग लगेगा।

8 नवंबर को सौभाग्य योग और विशाखा नक्षत्र में गो धन का पूजन होगा। इसके साथ गिरिराज गोवर्धन की पूजा की जाएगी। इस दिन विशाखा नक्षत्र जहां रात 9.07 मिनिट तक रहेगा, वहीं सौभाग्य शाम 4.23 बजे तक रहेगा। इस दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी बनाए जाते हैं।

पांच दिनी पर्व का समापन 9 नवंबर को भाईदूज के साथ होगा। इस दिन अनुराधा नक्षत्र में भाई-बहन के स्नेह का पर्व मनाया जाएगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 8 नवंबर को रात 8.08 मिनट से 9 नवंबर को रात 9.19 मिनट तक रहेगी। अनुराधा नक्षत्र रात 8.35 बजे तक रहेगा।

धनतेरस पर खरीदारी के मुहूर्त

 

 

- अमृत - सुबह 6.34 से 7.58 बजे और दोपहर 4.18 से शाम 5.40 बजे तक।

 

- शुभ - सुबह 9.21 से 10.44 बजे तक।

- चर - दोपहर 1.31 से 2.54 और शाम 5.41 से 7.17 बजे तक।

 

- लाभ - दोपहर 2.55 से शाम 4.17 और रात 10.31 से 12.07 बजे तक।

धन्वंतरि पूजन और यम दीपदान का समय

 

- प्रदोष वेला - शाम 5.40 से 7.49 बजे तक।

- स्थिर वृषभ लग्न - शाम 6.21 से रात 8.20 बजे तक।

- प्रदोष वेला व शुभ स्थिर वृषभ लग्न का संयोग - शाम 6.21 से 7.50 बजे तक।

 

 

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