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यहां जानें, आज खरीदारी के लिए कौन सा समय है शुभ

सोमवार  को कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर धनतेरस मनाई जाएगी। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश, धन के देवता कुबेर, देव वैद्य धन्वंतरी, मृत्यु के देवता यम, व महामृत्युंजय शिव के पूजन का विधान है। धनतेरस को विष्णु अवतार धन्वंतरी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। यही आयुर्वेदिक चिकित्सा करनें वाले देव वैद्य व आरोग्य के देवता हैं। वास्तु शास्त्र की दृष्टि से उत्तर दिशा को कुबेर व जल तत्व का स्थान माना गया है इसी कारण इस स्थान को पानी से धोकर साफ रखा जाता है। कुबेर ख़जाने के देवता माने गए हैं। लक्ष्मी चंचल हैं परंतु कुबेर का धन सदैव स्थिर रहता है। कुबेर सोना चांदी व बर्तनों पर आधिपत्य रखते हैं इसी कारण धनतेरस पर कलश में गंगाजल लेकर उत्तर दिशा व तिजोरी में छिड़काव करके कुबेर का स्वागत करते है। आज से घर की उत्तर दिशा में पंच दिवसीय गणेश, लक्ष्मी, कुबेर, सरस्वती, काली, धन्वंतरी व हनुमान की स्थापना की जाती है। लोग बाज़ार से कुबेर रूप में कीमती धातु के सिक्के व धन्वंतरी रूप में बर्तन की ख़रीदारी करके घर व कार्यालय में स्थापित करते हैं। धनतेरस धन्वंतरी के विशेष पूजन से साल भर स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है व कुबेर के विशेष पूजन और उपाय से निर्धन अमीर बन जाते हैं। खाली तिजोरी पूरे साल भर भरी रहती है व स्थिर धन प्राप्त होता है। इस विशेष कार्यक्रम में आपको पूजा विधि के साथ ख़रीदारी, स्थापना का विशेष पूजन मुहूर्त भी बता रहे हैं।
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स्पेशल पूजन विधि: à¤˜à¤° की उत्तर दिशा में नए लाल-पीले-सफ़ेद कपड़े पर नए खरीदे तांबे या पीतल के कलश में गंगा जल भरकर स्थापित करें। पास में ही नए खरीदे कुबेर यंत्र, लक्ष्मी यंत्र, श्री यंत्र, गणेश यंत्र, को स्थापित करें। चांदी पीतल, तांबे, स्टील या मिट्टी के दिए में शुद्ध घी का दीप जलाएं, चंदन गूगल अग्गर से धूप करें, लाल पीले, सफ़ेद, गुलाबी व नीले फूल चढ़ाएं। पीला सफ़ेद व लाल चंदन चढ़ाएं। गुड़ बतासे व मिश्री का भोग लगाएं तथा चंदन की माला से इस विशेष मंत्र से का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद गुड़ को जल प्रवाह करें।

दिन का ख़रीदारी मुहूर्त: à¤¦à¤¿à¤¨ 13:38 से दिन 15:05 तक। (स्थिर कुंभ लग्न)
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शाम में ख़रीदारी मुहूर्त: à¤¶à¤¾à¤® 17:29 से रात 20:07 तक। (श्रेष्ठ प्रदोष काल)

स्थापना मुहूर्त: à¤¶à¤¾à¤® 18:05 से रात 20:01 तक। (स्थिर वृषभ लग्न)

यम दीपदान मुहूर्त: à¤¶à¤¾à¤® 17:29 से शाम 18:48 तक। (संधि लगन)

गणपती पूजन मंत्र: à¥ विघ्नराजाय नमः।
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धन्वंतरी पूजन मंत्र: à¥ वासुदेवाय विद्महे वैद्यराजाय धीमहि तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात्। 

कुबेर पूजन मंत्र: à¥ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधि-पतये धन धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा।

शिव पूजन मंत्र: à¤¶à¥à¤°à¥€à¤‚ सोमेश्वराय नमः॥

यम पूजन मंत्र: à¥ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि। तन्नो यम: प्रचोदयात्॥

स्पेशल टोटके: 
विघ्नों से मुक्ति के लिए:
 à¤—ं गणेश्वराय नमः मंत्र बोलते हुए गणेशजी पर 12 दूर्वा चढ़ाएं।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए: à¥ धन्वंतरये नमः मंत्र बोलते हुए धन्वंतरी पर जल भरा पीतल का लोटा चढ़ाएं।
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निर्धनता दूर करने के लिए: à¤•à¥à¤¬à¥‡à¤° यंत्र पर गन्ने का टुकड़ा चढ़ाएं। 

स्थिर धन प्राप्ति के लिए: à¤˜à¤° की उत्तर दिशा गंगाजल से भरे कलश में मोतीशंख डालकर स्थापित करें। 

आरोग्यता के लिए: à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‹à¤· काल में ॐ ह्रौं जूं सः मंत्र होलते हुए सफ़ेद शिवलिंग पर बिल्व फल चढ़ाएं। 

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