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भाजपा और कांग्रेस के लिए सिरदर्द बने बागी

मध्य प्रदेश में इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को बागियों का सामना करना पड़ रहा है। नामांकन वापसी तक ये बागी नहीं मानें तो पार्टी के प्रत्याशियों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

भाजपा - तीन पूर्व मंत्री, पांच विधायक सहित तीन दर्जन से ज्यादा सीटों पर बगावत

भाजपा की ओर से तीन पूर्व मंत्री राघवजी ने विदिशा से, रामकृष्ण कुसमारिया ने दमोह और पथरिया व केएल अग्रवाल ने बमोरी से नामांकन पत्र दाखिल किया है। सिवनी मालवा विधायक सरताज सिंह ने होशंगाबाद, नरेंद्र सिंह कुशवाह ने भिण्ड, संगीता चारेल ने सैलाना, शांतिलाल बिलबाल ने झाबुआ और कमल मर्सकोले ने बरघाट विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। इसी तरह कटनी नगर निगम के अध्यक्ष संतोष शुक्ला, भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धीरज पटेरिया, सीहोर से पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक रमेश खटीक ने करैरा से, पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष रामोराम गुप्ता ने सतना से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भर दिए हैं।बीजेपी नेत्री और पूर्व मेयर  समीक्षा गुप्ता ने ग्वालियर दक्षिण से निर्दलीय और कांग्रेस के पूर्व मंत्री भगबान सिंह यादव ने इसी बिधान सभा से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा हे .

कई ने इस्तीफा दिया

बरघाट विधायक कमल मर्सकोले का टिकट काटे जाने के विरोध में भाजपा समर्थित जनपद पंचायत अध्यक्ष बरघाट सुनील टेकाम, उपाध्यक्ष तोमेश रहांगडाले, जनपद पंचायत कुरई के अध्यक्ष देवेंद्र रहांगडाले, पूर्व जिला महामंत्री दिग्विजय सिंह राजपूत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सतना जिले में सांसद गणेश सिंह से प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और अनूपपुर जिले के संगठन प्रभारी अरुण द्विवेदी ने पार्टी की सदस्यता छोड़ दी। वहीं, सतना जिला पंचायत की उपाध्यक्ष डॉ. रश्मि पटेल ने भी पार्टी छोड़कर सतना से निर्दलीय फॉर्म भर दिया। जिला पंचायत सतना के अध्यक्ष गगनेंद्र प्रताप सिंह भी पार्टी से नाराज हैं।

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