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14 जिलों से एक भी महिला विधायक नहीं

कांग्रेस और भाजपा के नेता महिला सशक्तिकरण को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं। लेकिन राजस्थान विधानसभा की मौजूदा स्थिति देखें तो यहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम नजर आता है। हालत ये है कि राज्य के कुल 33 में से 14 जिले ऐसे हैं, जहां से पिछले चुनाव में एक भी महिला विधानसभा नहीं पहुंच पाई थी।2013 के विधानसभा चुनाव में 200 में से मात्र 28 महिला ही सदन में पहुंच सकी थी। इनमें से एक का निधन हो गया और एक सांसद बन गईं, जिससे कुल महिला विधायकों की संख्या घटकर 26 रह गई। हालांकि, इसके बाद जब धौलपुर सीट के बसपा विधायक बीएल कुशवाहा को 2016 में कत्ल की साजिश रचने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई तो यहां उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में कुशवाहा की पत्नी शोभारानी ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गईं। इस तरह विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़कर 27 हो गई।

कांग्रेस और भाजपा के नेता महिला सशक्तिकरण को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं। लेकिन राजस्थान विधानसभा की मौजूदा स्थिति देखें तो यहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम नजर आता है। हालत ये है कि राज्य के कुल 33 में से 14 जिले ऐसे हैं, जहां से पिछले चुनाव में एक भी महिला विधानसभा नहीं पहुंच पाई थी।अब जबकि एक बार फिर विधानसभा चुनाव सिर पर है और भाजपा ने फिर वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया गया है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि उनकी पार्टी से कितनी महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा जाता है। दूसरी तरफ हर फोरम पर महिला अधिकारों को बढ़ाने की बात करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 33 फीसदी आरक्षण की बात तो करते है, लेकिन अब देखना होगा कि कांग्रेस कितनी सीटों पर महिलाओं को टिकट देती है। 

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