कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर 70 साल बाद दिखेगा सबसे बड़ा चांद, à¤à¤¸à¥‡ करें सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿
इस बार की कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ 14 नवंबर को है। इस पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर निकलने वाला चांद 70 साल के इतिहास का सबसे बड़ा चांद होगा। इस दिन चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ ठीक 180 अंश पर होता है। चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ से जो किरणें निकलती हैं, वह काफी सकारातà¥à¤®à¤• होती है। यह किरणें सीधे दिमाग पर असर डालती है। चूंकि चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ पृथà¥à¤µà¥€ के सबसे अधिक नजदीक है, इसलिठपृथà¥à¤µà¥€ पर सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ का ही पड़ता है। इसलिठपूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ वाले दिन हर मनà¥à¤·à¥à¤¯ को अपनी मानसिक उरà¥à¤œà¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿ करने के लिठचंदà¥à¤° को अरà¥à¤˜ देकर सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ करनी चाहिà¤à¥¤
à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वैशाख, माघ और कारà¥à¤¤à¤¿à¤• माह की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨, दान के लिठशà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मानी गई है। इस पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ में जातक को नदी या अपने सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने वाले जल में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤, इसके तà¥à¤°à¤‚त बाद à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का विधिवत पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करना चाहिà¤à¥¤ इस दिन मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पूरे दिन उपवास रखकर à¤à¤• समय à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना चाहिà¤à¥¤ अपनी सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° गाय का दूध, के ला, खजूर, नारियल, अमरूद आदि फलों का दान करना चाहिà¤à¥¤ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£, बहन, बà¥à¤† आदि को कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के दिन दान करने से अकà¥à¤·à¤¯ पà¥à¤£à¥à¤¯ मिलता है।
शाम के समय मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ कर चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ को अरà¥à¤˜ देना चाहिà¤à¥¤ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर यह उपाय करने से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होती हैं माता लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ को अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। इस दिन माता लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की आराधना करने से जीवन में खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की कमी नहीं रहती है। पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ की सà¥à¤¬à¤¹ 5 बजे से 10.30 मिनट तक माता लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ का पीपल के वृकà¥à¤· पर निवास रहता है। इस दिन जो à¤à¥€ जातक मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है, उस पर मां लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होती है। कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के गरीबों को चावल दान करने से चंदà¥à¤° गà¥à¤°à¤¹ शà¥à¤ फल देता है। इस शिवलिंग पर कचà¥à¤šà¤¾ दूध, शहद व गंगाजल मिलकार चà¥à¤¾à¤¨à¥‡ से à¤à¤—वान शिव पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होते हैं। कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को घर के मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर आम के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से बनाया हà¥à¤† तोरण अवशà¥à¤¯ बांधे। वैवाहिक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के दिन à¤à¥‚लकर à¤à¥€ अपनी पतà¥à¤¨à¥€ या अनà¥à¤¯ किसी से शारीरिक संबंध न बनाà¤à¤‚, वरना चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ के दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ आपको वà¥à¤¯à¤¥à¤¿à¤¤ करेंगे।
कारà¥à¤¤à¤¿à¤• पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के संबंध में ऋषि अंगिरा ने लिखा है, इस दिन सबसे पहले हाथ-पैर धो लें, फिर आचमन करके हाथ में कà¥à¤¶à¤¾ लेकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करें। यदि सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ में कà¥à¤¶ और दान करते समय हाथ में जल व जप करते समय संखà¥à¤¯à¤¾ का संकलà¥à¤ª नहीं कि या जाà¤, तो करà¥à¤® फलों से संपूरà¥à¤£ पà¥à¤£à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ नहीं होती है। दान देते समय जातक हाथ में जल लेकर ही दान करें। गृहसà¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को तिल व आंवला का चूरà¥à¤£ लगाकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने से पà¥à¤£à¥à¤¯ मिलता है। विधवा व संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधे की जड़ में लगी मिटà¥à¤Ÿà¥€ को लगाकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करना चाहिà¤à¥¤