शà¥à¤°à¥€à¤¹à¤°à¤¿ के सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के कà¥à¤°à¤® में लौटने का उतà¥à¤¸à¤µ है देवउठनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€
दीपावली के 11 दिन अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ कारà¥à¤¤à¤¿à¤• शà¥à¤•à¥à¤² à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को देव-पà¥à¤°à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¨à¥€ या देवउठनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ की तरह मनाया जाता है। पारंपरिक मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के तहत आषाॠशà¥à¤•à¥à¤² à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ देवशयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ से रूकेहà¥à¤ विवाहों या अनà¥à¤¯ शà¥à¤ कारà¥à¤¯ इस दिन से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोते हैं।
कारà¥à¤¤à¤¿à¤• शà¥à¤•à¥à¤² à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का यह दिन तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह के रूप में à¤à¥€ मनाया जाता है और इस दिन पूजन के साथ ही यह कामना की जाती है कि घर में आने वाले मंगल कारà¥à¤¯ निरà¥à¤µà¤¿à¤˜à¥à¤¨ संपनà¥à¤¨à¤¾ हों। तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा चूंकि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ तथा पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¥€ दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• है।
अत: इस दिन यह संदेश à¤à¥€ दिया जाता है कि औषधीय पौधे तà¥à¤²à¤¸à¥€ की तरह सà¤à¥€ में हरियाली à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सजगता का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° हो। इस दिन तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधों का दान à¤à¥€ किया जाता है। इस दिन पूजन के साथ वà¥à¤°à¤¤ रखने को à¤à¥€ बड़ा महतà¥à¤µ दिया जाता है। महिलाà¤à¤‚ इस दिन आंगन में गेरू तथा खड़ी से मांडणे सजाती हैं और तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह के साथ ही गीत à¤à¤µà¤‚ à¤à¤œà¤¨ आदि के साथ सà¤à¥€ उतà¥à¤¸à¤µ मनाते हैं।
à¤à¤¸à¤¾ माना जाता है कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥ ने à¤à¤¾à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¦ मास की शà¥à¤•à¥à¤² à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को महापराकà¥à¤°à¤®à¥€ शंखासà¥à¤° नामक राकà¥à¤·à¤¸ को लमà¥à¤¬à¥‡ यà¥à¤¦à¥à¤§ के बाद वध किया था और थकावट दूर करने के लिठकà¥à¤·à¥€à¤°à¤¸à¤¾à¤—र में जाकर सो गठथे और चार मास पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ फिर जब वे उठे तो वह दिन देव उठनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ कहलाया। इस दिन à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¿à¤·à¥à¤£à¥ का सपतà¥à¤¨à¥€à¤• आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ कर विधि विधान से पूजन करना चाहिà¤à¥¤
à¤à¤• अनà¥à¤¯ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• बार à¤à¤—वान नारायण से लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी ने कहा कि आप दिन-रात जागा करते हैं और जब सोते हैं तो लाखों-करोड़ों वरà¥à¤· तक सो जाते हैं और उस समय समसà¥à¤¤ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का कà¥à¤°à¤® गड़बड़ाया रहता है। à¤à¤¸à¥‡ में आप पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· नियम से निदà¥à¤°à¤¾ लिया करें तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ विशà¥à¤°à¤¾à¤® करने का समय मिल जाà¤à¤—ा। लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी की बात सà¥à¤¨à¤•à¤° नारायण मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤°à¤¾à¤•à¤° बोले कि मेरे जागने से सब देवों को और खास कर तà¥à¤®à¤•à¥‹ कषà¥à¤Ÿ होता है। तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ मेरी सेवा से जरा à¤à¥€ अवकाश नहीं मिलता।
इसलिà¤, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ कथनानà¥à¤¸à¤¾à¤° आज से मैं पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· चार मास वरà¥à¤·à¤¾ ऋतॠमें शयन किया करूंगा। उस समय तà¥à¤®à¤•à¥‹ और देवगणों को अवकाश होगा। मेरी यह निदà¥à¤°à¤¾ अलà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤¦à¥à¤°à¤¾ और पà¥à¤°à¤²à¤¯à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ महानिदà¥à¤°à¤¾ कहलाà¤à¤—ी। मेरी अलà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤¦à¥à¤°à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिठपरम मंगलकारी उतà¥à¤¸à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¦ तथा पà¥à¤£à¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤• होगी। इस काल में जो à¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤ मेरे शयन की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ कर मेरी सेवा करेंगे तथा शयन और उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के उतà¥à¤¸à¤µ आननà¥à¤¦à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• आयोजित करेंगे उनके घर में तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ सहित निवास करूंगा।
तो आषाॠमास की शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ से शयनकाल में गठशà¥à¤°à¥€à¤¹à¤°à¤¿ कारà¥à¤¤à¤¿à¤• मास की शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को शयनकाल से लौटते हैं। उसे उतà¥à¤¸à¤µ की तरह मनाया जाता है।