रतà¥à¤¨ धारण करते समय इन बातों का जरूर रखें खयाल
रतà¥à¤¨ आपके जीवन में आई बड़ी परेशानियों का समाधान बन सकते हैं, लेकिन उनका शà¥à¤¦à¥à¤§ होना अनिवारà¥à¤¯ है। साथ ही साथ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पहने के लिठजो नियम निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किठगठहैं उनका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना à¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है।
नौ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ में किसी गà¥à¤°à¤¹ के कमजोर होने पर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€ अकà¥à¤¸à¤° रतà¥à¤¨ धारण करने की सलाह देते हैं, लेकिन इनका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ तà¤à¥€ होता है जब इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ठीक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से धारण किया जाà¤à¥¤ रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ का आपके जीवन पर कैसा असर होगा, यह इस बात पर निरà¥à¤à¤° करता है कि आपने उसे कैसे, किस दिन और किस समय में पहना है।
रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ में मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ नौ ही रतà¥à¤¨ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पहने जाते हैं, इसमें सूरà¥à¤¯ के लिठमाणिक, चनà¥à¤¦à¥à¤° के लिठमोती, मंगल के लिठमूंगा, बà¥à¤§ के लिठपनà¥à¤¨à¤¾, गà¥à¤°à¥ के लिठपà¥à¤–राज, शà¥à¤•à¥à¤° के लिठहीरा, शनि के लिठनीलम, राहॠके लिठगोमेद और केतॠके लिठलहसà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤
इस दिन धारण न करें रतà¥à¤¨
रतà¥à¤¨ धारण करने से पहले यह देख लें कि कहीं 4, 9 और 14 तिथि तो नहीं है. इन तारीखों को रतà¥à¤¨ धारण नहीं करना चाहिà¤. यह à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें कि जिस दिन रतà¥à¤¨ धारण करें उस दिन गोचर का चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ आपकी राशि से 4,8,12 में ना हो. अमावसà¥à¤¯à¤¾, गà¥à¤°à¤¹à¤£ और संकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ के दिन à¤à¥€ रतà¥à¤¨ धारण ना करें.
किस धातॠमें रतà¥à¤¨ धारण करें
कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सोने या तांबे में ही धारण करना चाहिà¤, जबकि मोति या किसी à¤à¥€ रतà¥à¤¨ का उपरतà¥à¤¨ चांदी में à¤à¥€ धारण किया जा सकता है। इसके अलावा रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ का सही वजन à¤à¥€ अपने में अहम सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखता है। अगर धारण किठगठरतà¥à¤¨ का वजन परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं है तो आप उसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ देख पाने से वंचित रह जाà¤à¤‚गे। हीरे को छोड़कर बाकी सà¤à¥€ रतà¥à¤¨ कम से कम तीन रतà¥à¤¤à¥€ के होना आवशà¥à¤¯à¤• है, तà¤à¥€ उसका पूरà¥à¤£ लाठपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ रहती है।