लौकी खिलाकर हो रही खातिरदारी, यहां à¤à¥‡à¤œà¥‡ जाà¤à¤‚गे ये कछà¥à¤
à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤²à¥¤ विदेशी कछà¥à¤“ं को उनके पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रहवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में छोड़ने के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ शà¥à¤°à¥‚ हो गठहैं। इसके लिठकछà¥à¤“ं को दिलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ वाइलà¥à¤¡ लाइफ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² बà¥à¤¯à¥‚रो à¤à¥‡à¤œà¤¾ जाà¤à¤—ा। मपà¥à¤° वनà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ विà¤à¤¾à¤— ने इसकी कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ शà¥à¤°à¥‚ कर दी है।दिसंबर के आखिरी तक इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¥‡à¤œ दिया जाà¤à¤—ा।
कछà¥à¤ किस देश में और कब à¤à¥‡à¤œà¥‡ जाà¤à¤‚गे, यह दिलà¥à¤²à¥€ से तय होगा। अà¤à¥€ ये 29 नवंबर से à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के वन विहार नेशनल पारà¥à¤• में रखे जा रहे हैं। ये सà¥à¤²à¤•à¤¾à¤Ÿà¤¾ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के हैं। यह पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ विशà¥à¤µ में अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ के सहारा रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, चाड, सूडान, बà¥à¤°à¥à¤•à¤¿à¤¨à¤¾ फासो, नाइजीरिया, सेनेगल व इथोपिया में ही पाई जाती हैं। à¤à¤¸à¥‡ में इन कछà¥à¤“ं को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय तक विपरित रहवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में रखना गंà¤à¥€à¤° खतरा है।