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नेशनल पेंशन स्कीम में सरकार ने हिस्सेदारी बढ़ाई, टैक्स में भी मिलेगा फायदा

मोदी सरकार ने सोमवार को नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस- NPS - National Pension System) में कई बदलावों की घोषणा की। सरकार ने एनपीएस में अपना योगदान 10 फीसदी बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है। हालांकि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत बना रहेगा। इसके साथ ही सेवानिवृति पर एनपीएस से की जाने वाली निकासी को भी पूरी तरह से कर मुक्त बना दिया गया है। à¤¯à¤¹ योजना जनवरी, 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू हुई थी लेकिन 2009 में इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया था। 

एनपीएस में सरकार के योगदान में की गई वृद्धि से सरकारी खजाने पर 2019- 20 में 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 

एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र है। शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि पेंशन योजना में चली जाती है। 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि योजना से बाहर होते समय निकाली जाने वाली 60 प्रतिशत राशि को कर मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही एक तरह से पूरी राशि की निकासी कर मुक्त हो गई है। 

एनपीएस के अंशधारक को योजना में जमा राशि में से सेवानिवृति के समय 60 प्रतिशत राशि की निकासी में से 40 प्रतिशत कर मुक्त थी जबकि शेष 20 प्रतिशत पर कर लिया जाता है। 

बहरहाल, अब पूरी 60 प्रतिशत निकासी को कर मुक्त कर दिया गया है। यह व्यवसथा सभी वर्क के कर्मचारियों के लिये की गई है। 
      
लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि एनपीएस को भी ई-ई-ई यानी अंशदान पर-निवेश-प्रतिफल और निकासी तीनों स्तर पर कर में छूट हो जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजनाओं के मामले में है। 

इसका फायदा करीब 36 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा। 

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