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सरकार से नहीं मिला पैसा, बिजली कंपनी 19 दिन में वसूलेगी 50 करोड़

इंदौर. à¤šà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ मौसम में जनता पर की गई फायदों की बरसात अब बिजली कंपनी पर भारी पड़ती दिख रही है। बकाया बिलों की माफी और सरकार की ओर से आने वाले 200 रुपए वाले सरल बिलों के अंशदान की एक भी किस्त बिजली कंपनी को नहीं मिली। आर्थिक सेहत बिगड़ने से बचाने के लिए बिजली कंपनी भी एहतियातन बंदोबस्त में जुट गई है।19 दिनों में कंपनी ने अपने क्षेत्र से 50 करोड़ रुपए वसूली का आदेश जारी कर दिया है। यह अभियान और लक्ष्य पूरी तरह सरल बिल का लाभ लेने वाले और सिंचाई के लिए दिए कनेक्शनों पर केंद्रित होगा। सरकारी छूट लेकर ज्यादा बिजली जलाने वालों की निगरानी भी शुरू कर दी गई है।बुधवार को बिजली कंपनी के पोलोग्राउंड स्थित दफ्तर में कंपनी के एमडी आकाश त्रिपाठी ने कंपनी के तमाम आला अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने इंदौर शहर में राजस्व वसूली में आई कमी पर अधीक्षण यंत्री (शहर) सुब्रतो रॉय से जवाब मांगा। एमडी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो लोग श्रमिक पंजीयन के जरिए शासन की सरल बिल योजना का लाभ लेने के बावजूद इतनी कम राशि नहीं भर रहे, उनसे सख्ती से वसूली की जाए। साथ ही सिंचाई के लिए दिए गए कनेक्शनों की जांच और बकाया राशि की वसूली भी इस दौरान की जाए। कम से कम 50 करोड़ रुपए का राजस्व इन दोनों तरह के कनेक्शन से जुटाया जाए।

भाजपा सरकार ने चुनाव के ठीक पहले सरल बिल योजना का ऐलान कर श्रमिक पंजीयन के आधार पर ऐसे तमाम उपभोक्ताओं के लिए 200 रुपए महीने बिजली का बिल तय कर दिया था। इस राशि के साथ किसी भी तरह की बिजली खपत की सीमा तय नहीं की गई थी। सरकार ने ऐलान किया था कि ज्यादा खपत करने पर ऐसे उपभोक्ताओं के बिलों की शेष राशि सरकार वहन करेगी।

बिजली कंपनी को सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति की जाएगी। कंपनी ने बीते महीनों के सरल बिल के क्लेम सरकार को भेजे लेकिन अब तक एक भी किस्त जारी नहीं हुई। कंपनी बढ़ते बोझ से परेशान है। अधिकारियों को अंदर ही अंदर निर्देश दे दिए गए हैं कि सरल बिल योजना का लाभ ले रहे उन उपभोक्ताओं की सूची बनाई जाए जिनकी मासिक खपत 100 यूनिट से ज्यादा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर कंपनी ऐसे निर्देश से इंकार भी कर रही है।बिजली कंपनी इंदौर के बाद अब अन्य शहरों में भी सेल्फ मीटर रीडिंग प्रणाली लागू कर रही है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीन आने वाले धार, देवास, खंडवा, खरगोन, मंदसौर जैसे शहरों में जनवरी से सेल्फ मीटर रीडिंग प्रणाली शुरू की जाएगी। उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए हर महीने तय संख्या में उपभोक्ताओं को सिस्टम से जोड़कर धीरे-धीरे संख्या बढ़ाई जाएगी।

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