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ट्रेनों में नहीं लगे इन्फ्रारेड नाइट विजन कैमरे, कोहरे में देरी से आएंगी ट्रेनें

भोपाल। à¤ à¤‚ड के दिनों में उत्तर भारत की तरफ से आने वाली ट्रेनें कोहरे के कारण फिर लेट होंगी। यात्रियों को घंटों रेलवे स्टेशनों पर ठंड में परेशान होना पड़ेगा। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने एक साल पहले ट्रेनों में इन्फ्रारेड नाइट विजन कैमरे लगाने की बात कही थी, लेकिन भोपाल रेल मंडल से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के इंजन में ये कैमरे नहीं लगाए गए। कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ जाती है।

दो साल पहले रेलवे ने कोहरे को मात देने के लिए ट्रेनों में एंटी फॉग सेफ डिवाइस लगाई थीं। इनका उपयोग कोहरा प्रभावित जोन में चलने वाली ट्रेनों में किया गया था। ये डिवाइस ग्लोबल पोजिसनिंग सिस्टम (जीपीएस) से जुड़ीं थीं। इसके जरिए पायलट को आने वाले सिग्नलों की जानकारी मिलती थी, लेकिन सिग्नल रेड है या ग्रीन, इसका पता नहीं चलता था। करोड़ों रुपए खर्च कर इन डिवाइसों को लगाने का खास फायदा नहीं हुआ।

इसके बाद ही बीते साल रेलवे ने त्रिनेत्र के नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके तहत इंजन के सामने इन्फ्रारेड नाइट विजन कैमरे लगाए जाने थे, जो घने कोहरे में भी 20 से 100 मीटर के दायरे तक देखने में मदद करते हैं।

इस कैमरे का कंट्रोल पायलट के पास होता है। ऐसे ही कैमरे उत्तर भारत के स्टेशनों से भोपाल से होकर गुजरने वाली ट्रेनों के इंजन में लगाए जाने थे, जो अब तक नहीं लगाए गए। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कैमरे लगाने का काम चल रहा है। नार्दन रेलवे में चलने वाली ट्रेनों में इनकी जरूरत अधिक है। इसलिए नार्दन रेलवे जोन से होकर गुजरने वाली ट्रेनों में पहले कैमरे लगाए जा रहे हैं। अन्य मंडलों से होकर गुजरने वाली ट्रेनों में बाद में कैमरे लगाए जाएंगे।

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