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शाहरुख-अनुष्का के असाधारण किरदार की साधारण सी कहानी

फिल्म: जीरो

निर्देशक: आनंद एल. राय

स्टार: शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा, कटरीना कैफ, तिग्मांशु धूलिया, आर माधवन

अवधि: 2.38 घण्टे

रेटिंग्स: 3*

शाहरुख खान फिल्म जीरो से एक बार फिर बेहद चैलेंजिंग रोल के साथ लौटे हैं. शायद ही शाहरुख के लुक पर इतना काम उनके तीन दशक के करियर में कभी हुआ हो. लेकिन इसी फिल्म में उन्हें अपने रोल से चैलेंज दे रही हैं अनुष्का शर्मा. उनकी अदाकारी शाहरुख पर भारी है. आनंद एल राय की जीरो वैसे तो एक सामान्य लव ट्राइंगल ड्रामा है, लेकिन दो फिजिकली चैलेंज्ड किरदारों ने इसे खास बना दिया है. साथ ही कॉमेडी सीन और पंचेज जीरो को पैसा वसूल बना देते हैं. हालांकि, जबरन खींचा गया अंत थोड़ा निराश कर सकता है.

कहानी

ये मेरठ के 38 साल के बौने बउआ सिंह की कहानी है, जो शादी के लिए लड़की तलाश रहा है. इसी दौरान उसे मेट्रीमोनियल सर्विस की मदद से एक फिजिकली चैलेंज्ड लड़की आफिया मिलती है, जो नासा की अंतरिक्ष विज्ञानी है और व्हील चेयर पर चलती है. बउआ और आफिया को प्यार हो जाता है और शादी तय हो जाती है. लेकिन बउआ शादी के दिन भाग जाता है, उस डांस कॉम्प्टीशन की खातिर जिसके जीतने पर उसे सुपरस्टार बबीता कुमारी (कटरीना कैफ) से मिलने का मौका मिलेगा. इसके बाद कहानी में कई टर्न और ट्वीस्ट आते हैं. मेरठ का बउआ सिंह कैसे मंगल ग्रह पर पहुंचा, ये जानने के लिए फिल्म देखनी होगी.

क्यों देखें

आनंद एल राय छोटे शहरों की सामान्य कहानियां उठाते हैं जिनका क्लाइमैक्स असामान्य और उतार चढ़ाव से भरा होता है. जीरो में भी यही देखने को मिला. बउआ दर्शकों को हंसाने में कोई कमी नहीं रखता. हमेशा जोश-खरोश में नजर आता है. फिल्म के संवाद भी ताजे और प्रभावी लगते हैं. फर्स्ट हाफ सामान्य लव स्टोरी है, लेकिन सेकंड हाफ में बउआ का सीरियस और इमोशनल पक्ष सामने आता है.

फ़िल्म का म्यूजिक लाजवाब है. जब तक सुबह शाम है... गाना बेहद खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है. अनुष्का की अदाकारी कसी हुई और पूरी फिल्म में अपने किरदार के अनुरूप समान नजर आती है. लेकिन बउआ सेकंड हाफ में कमजोर पड़ जाता है. कटरीना के हिस्से जो किरदार आया उसमें उनकी अदाकारी काम चलाऊ लगती है. जीशान अयूब और तिग्मांशु ने उम्दा अभिनय किया है.

फिल्म में नासा की तर्ज पर दिखाई गई अंतरिक्ष एजेंसी और उसके अंदर की दुनिया दर्शक के लिए अनोखा अनुभव साबित होता है. पहले कभी किसी हिंदी फिल्म में स्पेस प्रोग्राम को इतने करीब से और इतने बड़े स्तर पर नहीं दिखाया गया. वीएफएक्स पर भी काफी काम किया गया है. गौरतलब है कि ये शाहरुख स्टारर सबसे महंगी फिल्म है. यदि शाहरुख अनुष्का की अदाकारी को नए रूप में देखना चाहते है तो ये फिल्म आपके लिये है.

कमजोर कड़ी

फिल्म सेकंड हाफ में स्लो और बोरिंग होने लगती है. मंगल मिशन जैसे संजीदा स्पेस प्रोग्राम के बीच लव ड्रामा की गुंजाइश खोज लेना आनंद एल राय के बस की ही बात है. फिल्म के अंत का आधा घण्टा बेहद खींचा हुआ और इलॉजिकल लगता है. यदि स्पेस प्रोग्राम के बैक ड्रॉप को छोड़ दिया जाए तो अंत बहुत सरप्राइजिंग और रोचक नहीं है.

बजट

जीरो को दुनियाभर में कुल 5965 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है. भारत में 4380 स्क्रीन और विदेश में 1585 स्क्रीन्स मिले. फिल्म का बजट 200 करोड़ रुपये बताया गया है.

 

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