फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ और निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• मृणाल सेन नहीं रहे
मà¥à¤‚बई। दादासाहब फालà¥à¤•à¥‡ अवॉरà¥à¤¡ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ बांगà¥à¤²à¤¾ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ और निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• मृणाल सेन का 95 साल की आयॠमें रविवार को निधन हो गया है। सेन ने कोलकाता के à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤ªà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अपने आवास पर ही आखिरी सांस ली। बता दें कि, सेन लंबे समय से कई गंà¤à¥€à¤° बीमारियों से पीड़ित थे। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 1981 में पदà¥à¤®à¤à¥‚षण और 2005 में दादा साहब फालà¥à¤•à¥‡ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया था। मृणाल 1998 से 2000 तक राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ में मनोनीत सांसद à¤à¥€ रहे।
मृणाल सेन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• थे। सेन की अधिकतर फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बांगà¥à¤²à¤¾ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में हैं। मृणाल सेन ने साल 1955 में अपनी पहली फीचर फिलà¥à¤® 'रातà¤à¥‹à¤°' बनाई थी। लेकिन, फिलà¥à¤® 'नील आकाशेर नीचे' से उनको नई पहचान मिली थी। इसके बाद आई मृणाल सेन की तीसरी फिलà¥à¤® 'बाइशे शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£' ने उनको अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया था। उस समय का हर बड़ा अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ उनके साथ काम करना चाहता था।मृणाल सेन के निधन पर नरेंदà¥à¤° मोदी ने लिखा- 'उनके निधन से दà¥à¤–ी हूं। देश उनका आà¤à¤¾à¤°à¥€ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मृणाल सेन ने कई यादगार फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बनाईं। उनका काम कई पीढ़ियां याद रखेंगी।' वहीं, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल की सीà¤à¤® ममता बनरà¥à¤œà¥€ ने लिखा कि, ' उनके निधन की खबर से दà¥à¤– हà¥à¤†à¥¤ यह फिलà¥à¤®à¤œà¤—त के लिठबड़ा नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ है। मेरी संवेदनाà¤à¤‚ उनके परिवार के साथ हैं।' 1923 में बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ में पैदा हà¥à¤ मृणाल ने à¤à¥à¤µà¤¨à¤¶à¥‹à¤® (1969), कोरस (1974), मृगया (1976) और अकालेर संधाने (1980) जैसी फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बनाईं। इन चारों फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ को सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ फीचर फिलà¥à¤® के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से नवाजा गया। मृणाल सेन ने बॉलीवà¥à¤¡ à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤° मिथà¥à¤¨ चकà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ के साथ साल 1977 में फिलà¥à¤® 'मृगया' बनाई थी। इस फिलà¥à¤® के लिठमिथà¥à¤¨ को बेसà¥à¤Ÿ à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤° का राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ मिला था।