UPA के आधार का मासà¥à¤Ÿà¤° माइंड अब मोदी के कैशलेस टà¥à¤°à¤¾à¤‚सफर के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€
इनà¥à¤«à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸ के को-फाउंडर नंदन नीलेकणी पूरà¥à¤µ की यूपीठसरकार ने आधार के मासà¥à¤Ÿà¤° माइंड को केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ रिजरà¥à¤µ बैंक के डिजिटल पेमेंट समिति का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया गया है. आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिठडिजिटल पेमेंट कमेटी समिति गठित की है. इस कमेटी में नीलेकनी समेत पांच सदसà¥à¤¯ होंगे. कमेटी में नीलेकणी के अलावा पूरà¥à¤µ आरबीआई डिपà¥à¤Ÿà¥€ गवरà¥à¤¨à¤° à¤à¤š आर खान, विजया बैंक के पूरà¥à¤µ à¤à¤®à¤¡à¥€ और सीईओ किशोर सनसी, आईटी और सà¥à¤Ÿà¥€à¤² मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ में पूरà¥à¤µ सचिव अरà¥à¤£à¤¾ शरà¥à¤®à¤¾ और आईआईà¤à¤® अहदाबाद के चीफ इनोवेशन ऑफिसर संजय जैन शामिल हैं.
कà¥à¤¯à¤¾ होगा काम
कमेटी का काम देश में डिजिटल पेमेंट की मौजूदा सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ और इसकी खामियों के बारे में जानकारी इकटà¥à¤ ा करना और इन समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को दूर करने के उपाय सà¥à¤à¤¾à¤¨à¤¾ है. इसके अलावा कमेटी डिजिटल पेमेंट के अधिक इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² से अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ और वितà¥à¤¤à¥€à¤¯ समावेशन में तेजी लाने के लिठकà¥à¤°à¥‰à¤¸ कंटà¥à¤°à¥€ à¤à¤¨à¤¾à¤²à¤¿à¤¸à¤¿à¤¸ à¤à¥€ करेगी. यह कमेटी पहली बैठक के 90 दिनों के बाद अपनी रिपोरà¥à¤Ÿ पेश करेगी.
कौन हैं नंदन नीलेकणी
बता दें कि देश की दूसरी बड़ी सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤• कंपनी इनà¥à¤«à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸ ने 2017 में नंदन नीलेकणी को कंपनी का चेयरमैन नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया था. आधार परियोजना को लेकर चरà¥à¤šà¤¾ में रहे नीलेकणि मारà¥à¤š 2002 से अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2007 तक कंपनी के मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ अधिकारी थे. उसके बाद वह केंदà¥à¤° सरकार के à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ पहचान पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ यूआईडीà¤à¤†à¤ˆ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– बनाये गये.नीलेकणी 2014 में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के टिकट पर बंगलूरॠकी साउथ सीट से लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ चà¥à¤•à¥‡ हैं. हालांकि, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के अनंत कà¥à¤®à¤¾à¤° से हार का सामना करना पड़ा था. वे 2015 से राजनीति में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ नहीं हैं.