अयोधà¥à¤¯à¤¾ मसले पर सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ के लिठबेंच का गठन, CJI समेत 5 जज शामिल
सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ में अयोधà¥à¤¯à¤¾ मामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ के लिठसंविधान पीठका गठन कर दिया गया है. इसमें चीफ जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ समेत 5 जज शामिल किठगठहैं. मामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ शीरà¥à¤· कोरà¥à¤Ÿ में 10 जनवरी को सà¥à¤¬à¤¹ 10.30 बजे से शà¥à¤°à¥‚ होगी. शीरà¥à¤· कोरà¥à¤Ÿ ने 3 जनवरी को अयोधà¥à¤¯à¤¾ में विवादित जमीन के मालिकाना हक से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ मà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‡ की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ करते हà¥à¤ नई बेंच के गठन का à¤à¤²à¤¾à¤¨ किया था.
सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के चीफ जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ रंजन गोगोई के नेतृतà¥à¤µ में गठित बेंच में जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ à¤à¤¸. à¤. बोबडे, जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ à¤à¤¨. वी. रमनà¥à¤¨à¤¾, जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ यू. यू. ललित और जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ शामिल हैं. पिछली बार इस मà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‡ पर सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ में सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ के दौरान मौजूद हिंदू महासà¤à¤¾ के वकील ने कहा था कि अगर नई बेंच मामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ रोजाना करती है तो वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ इस विवाद का फैसला 60 दिनों में à¤à¥€ आ सकता है.
हिनà¥à¤¦à¥‚ महासà¤à¤¾ के वकील का कहना था कि हम 10 जनवरी को इस मामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ करने वाली बेंच के समकà¥à¤· अपनी बात रखेंगे और मामले में रोजाना सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ की अपील करेंगे. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि इस मामले में दोनों तरफ से अपना-अपना पकà¥à¤· रखा जा चà¥à¤•à¤¾ है. डॉकà¥à¤¯à¥à¤®à¥‡à¤‚टà¥à¤¸ का आदान-पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ हो चà¥à¤•à¤¾ है. टà¥à¤°à¤¾à¤‚सलेशन की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ पूरी हो चà¥à¤•à¥€ है. हिनà¥à¤¦à¥‚ महासà¤à¤¾ के वकील ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोरà¥à¤Ÿ ने 90 दिनों में रोजाना सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ कर अयोधà¥à¤¯à¤¾ मामले में अपना फैसला दिया था. इसलिठसà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ से यह अपील है कि अगर मसले पर दोनों पकà¥à¤· सहयोग करें तो 60 दिन के अंदर फैसला आ सकता है.
वहीं पिछली बार सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ के दौरान मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ रंजन गोगोई और जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ à¤à¤¸. के. कौल की पीठने कहा, 'à¤à¤• उपयà¥à¤•à¥à¤¤ पीठमामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ की तारीख तय करने के लिठ10 जनवरी को आगे का आदेश देगी.' सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ के लिठमामला सामने आते ही मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ ने कहा कि यह राम जनà¥à¤®à¤à¥‚मि-बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ मामला है और इस पर आदेश पारित किया. अलग-अलग पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ की ओर से पेश हà¥à¤ वरिषà¥à¤ अधिवकà¥à¤¤à¤¾ हरीश सालà¥à¤µà¥‡ और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला. मामले की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ 30 सेकेंड à¤à¥€ नहीं चली.