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3 दिन से नहीं बदली थी चादर, खून लगा देख मंत्री हुए नाराज

भोपाल। à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के लिए मॉडल कहा जाने वाला जेपी अस्पताल। दोपहर के 1ः30 बज रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी राम सिलावट पूरे अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद आखिर में प्रसूति वार्ड पहुंचे। यहां नवजात के साथ भर्ती प्रियंका यादव की चादर बेहद गंदी थी। चादर में सिर के पास खून लगा था। इसके बाद भी नर्सों ने चादर नहीं बदला था। यह देख मंत्री नाराज हुए। उन्होंने कहा चादर से गंध आ रही है, इसे फौरन बदलो। मंत्री के निर्देश पर वार्ड की प्रभारी नर्स बी बाला को प्रसूति वार्ड से हटा दिया गया।

प्रसूता ने बताया कि तीन दिन पहले वह यहां पर भर्ती हुई थी। उस दौरान पहले से बिछी चादर में उन्हें लेटना पड़ा। इसके बाद हर दिन चादर मांगते रहे पर नहीं मिली। वार्ड में भर्ती ज्यादातार प्रसूताओं की चादर गंदी मिली। मंत्री के वार्ड से बाहर निकलते ही तीन नर्स चादर लेकर बदलने के लिए आ गईं। रेखा सोनी नाम की मरीज ने बताया कि कई बार आने के बाद भी डॉक्टर नहीं मिलीं। इस पर मेडिकल ऑफिसर डॉ. कामिनी सोनी को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा गया है।

 

मंत्री के आने की नहीं लगी भनक

जेपी अस्पताल में 8 दिन के भीतर मंत्री का यह दूसरा दौरा था। मंत्री चुपचाप जेपी अस्पताल पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले अपने परिचित एक कर्मचारी को बुलवाया। मरीजों से उनकी समस्याएं जान रहे थे। इस दौरान अधिकारियों को पता चला कि मंत्री आए हैं। इसके बाद सीएमएचओ डॉ. एनयू खान, प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल शुक्ला पहुंचे। मंत्री सबसे पहले दवा वितरण कक्ष के बाहर खिड़की के पास पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि मरीजों को पर्चे में लिखी कुछ दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके बाद मंत्री ने आधे घंटे के भीतर दवाओं की सूची तलब की।

 

इमरजेंसी : वाटर कूलर में पानी ही नहीं

मंत्री दवा वितरण कक्ष के बाद इमरजेंसी के पास पहुंचे। यहां तीन स्ट्रेचर रखे थे। तीनों में नई चादर डली हुई थी। मंत्री ने चादर हटाया और स्ट्रेचर को चलाकर देखा। वहीं, पर एक वाटर कूलर लगा मिला, पर पानी नहीं आ रहा था। कूलर के पास गंदगी थी। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से पूछा पानी क्यों नहीं है, इसे तुरंत सुधरवाओ।

 

शिकायत पेटीः मंत्री ने पूछा धूल क्यों जमा है

पुराने अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के पास गंदगी थी। पान की पीक पड़ी थी। वहीं पर शिकायत पेटी लगी थी। मंत्री ने इसे खोला, पर खाली थी। उन्होंने डॉ. अनिल शुक्ला से पूछा कभी खुलती भी है या नहीं। इसमें तो धूल जमा है। डॉ. शुक्ला ने कहा मरीज सीधे ही शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं।

 

मरीजों ने की शिकायत, मंत्री ने कहा ऐसा नहीं सुनूंगा

मनीषा दुबे नामक मरीज ने बताया कि कई दिन से आ रही हैं पर स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं मिल रहीं। मंत्री ने अस्पताल अधीक्षक से कहा नाम लिखकर दो कौन डॉक्टर हैं। मेरे साथ चलो। मंत्री कुछ दूर चले कि उमेश निगम मरीज ने कहा कि दवाएं नहीं मिल रही हैं। मंत्री ने नाराज लहजे में कहा-डॉक्टर साहब ऐसा नहीं सुनूंगा।

 

कम मिली दवाएं, दो फार्मासिस्टों को हटाया

दवा वितरण कक्ष में कुल 276 दवाओं में से 75 दवाएं कम मिलीं। हालांकि, इन 75 में कैंसर की दवाएं भी शामिल हैं, जो ओपीडी में नहीं रखी जातीं। मंत्री ने प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. शुक्ला से पूछा-आपने मंत्री-अफसर में किसे बताया कि 75 दवाएं कम हैं। डॉ.शुक्ला बोले- सर मुझे दो दिन पहले ही प्रभार मिला है, इसलिए जानकारी नहीं थी। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. एनयू खान ने कहा कि वे अपने स्टोर से कुछ दवाएं जेपी को आज ही दे देंगे। समय पर दवा खरीदी नहीं करने के चलते दो फार्मासिस्टों को स्टोर से हटाकर दवा वितरण में लगा दिया गया।

 

यहां मंत्री के निर्देश बेअसर

ड्रेसिंग कक्षः मंत्री के कहने पर नहीं हटी टूटी सीढ़ी

 

ड्रेसिंग करा रहे एक मरीज से बात करते-करते मंत्री की नजर इंजेक्शन टेबल पर पड़ी। टेबल पर लेटने के दो पायदान वाली सीढ़ी का ऊपरी पायदान टूटा था। मंत्री बोले-यह क्या है। ऐसा कतई नहीं चलेगा। इसे फौरन हटाओ। मंत्री के निर्देश के बाद भी एक घंटे तक सीढ़ी वहीं रखी रही।

मंत्री के जाते ही स्ट्रेचर से हट गई चादरें

 

मंत्री के आने की सूचना पर इमरजेंसी के बाहर तीन स्ट्रेचर पर सफेद चादरें बिछाई गई थीं। मंत्री निरीक्षण कर अस्पताल में अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे। इसके पहले ही तीनों स्ट्रेचर से चादरें हटा ली गईं।

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