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पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सहित 11 को क्लीन चिट

भोपाल। à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤®à¤‚ के परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 घोटाले में सीबीआई ने शनिवार को चालान पेश कर दिया। सीबीआई को मामले की जांच में गोंदिया के अभ्यर्थियों को परिवहन आरक्षक के रूप में भर्ती किए जाने में किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव व सिफारिश के सबूत नहीं मिले हैं।

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा उनके ओएसडी ओम प्रकाश शुक्ला, दलाल तरंग शर्मा, भरत मिश्रा, प्रदीप रघुवंशी, इंद्रजीत जैन, सुरेंद्र कुमार पटेल सहित 11 लोगों के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर उन्हें क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में अब कोर्ट को निर्णय लेना है कि सीबीआई द्वारा जिन्हें क्लीनचिट दी जा रही है उनके खिलाफ अभियोग चलाया जाए या नहीं। मामले में चार नए अभ्यर्थी मनमोहन सिंह रघुवंशी, रोहित यादव, शाहिद शेख और साहब बहादुर को आरोपी बनाया है।

सीबीआई ने शनिवार को विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की अदालत में 18 अभ्यर्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़े और षडयंत्र के अपराध में करीब साढ़े तीन हजार पन्नोंं का चालान पेश किया, जो सीडी के रूप में है। चालान में पूरे मामले का षडयंत्रकर्ता व्यापमं के नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, कम्प्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहिन्द्रा, चंद्रकांत मिश्रा, अजय कुमार सेन की अहम भूमिका बताई गई है। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला चलेगा।

 

सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012, 12 अगस्त 2012 को व्यापमं द्वारा आयोजित कराई गई थी। इसके लिए भोपाल, होशंगाबाद, गुना, इंदौर, रीवा, उज्जैन, सागर, शहडोल, छतरपुर, बालाघाट, खंडवा, छिंदवाड़ा, जबलपुर, और ग्वालियर में परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। इन केन्द्रों से कुल 327 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा पूरी होने के बाद व्यापमं ने सभी अभ्यर्थियों की ओएमआर शीटों को 14 अगस्त 2012 को 44 सीलबंद पेटियों में स्केन करके रखा था।

इसके बाद व्यापमं के अधिकारियों ने दलालों से सॉठगांठ कर दोबारा इन सीलबंद पेटियों को खोलकर उसमें रखी ओएमआर शीटों को निकाला और घोटाले में संलिप्त आवेदकों की ओएमआर शीट में गोले बनाकर उन्हें उत्तीर्ण कर दिया। शिकायत मिलने पर एसटीएफ ने मामले की जांच कर 14 अक्टूबर 2014 को प्रकरण दर्ज किया था।

 

मामले में एसटीएफ ने 15 फरवरी 2015 को चलान पेश किया था इसके बाद 13 फरवरी 2015, 25 अप्रैल 2015, 10 जुलाई 2015 को पूरक चालान पेश किया गया। जिसमें कुल 52 लोगों को आरोपी बनाया गया। मामले में व्यापमं के 4 अधिकारी, 13 दलाल और 35 अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया गया था। मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद सीबीआई ने मामले से जुड़े कई बड़े नामों को क्लीन चिट दे दी है।

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