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वीवीपैट की पर्ची से कराई जाए विंध्य की सभी 26 विस की गणना : अजय सिंह

भोपाल। à¤µà¤¿à¤‚ध्य क्षेत्र में कांग्रेस को मिली अप्रत्याशित पराजय ने नेताओं के साथ आम लोगों के मन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इसको लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हो गई हैं तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के साथ क्षेत्र के कुछ प्रत्याशियों ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव से मुलाकात कर वीवीपैट की पर्ची से गणना कराने की मांग उठाई।

भोजपुर से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश पचौरी की ओर से भी यही मांग रखी गई। कांताराव ने भरोसा दिलाया है कि वे इस मामले को मार्गदर्शन के लिए चुनाव आयोग भेजेंगे।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से निकलने के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बताया कि चुनाव नतीजों को लेकर लोगों के मन में शंका और भ्रम है। इसे दूर करने के लिए वीवीपैट की पर्ची से गणना कराई जाए। इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और आगे कभी इस तरह के सवाल ही खड़े नहीं होंगे। वैसे भी ईवीएम को लेकर तरह-तरह की बातें उठ रही हैें।

सुप्रीम कोर्ट ने भी निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए वीवीपैट का उपयोग करने का फैसला दिया था। इसमें साफ है कि मतगणना के दौरान यदि प्रत्याशी की आपत्ति आती है तो वीवीपैट की पेपर स्लिप की गणना के आदेश दिए जा सकते हैं।

विंध्य क्षेत्र में रीवा और शहडोल संभाग की 30 सीटों में 24 पर कांग्रेस के उम्मीदवार हारे, जो अपने आप में शंका पैदा करता हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में 2013 में कांग्रेस के 12 उम्मीदवार जीते थे। इस बार सिर्फ छह उम्मीदवार जीते, जबकि माहौल भाजपा के विरुद्ध था।

इससे शंका का माहौल है। ऐसे में विंध्य की उन 24 सीट, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार हारे वहां वीवीपैट की पर्ची से गणना कराई जाए। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि चंद माह बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। इस दौरान अभय कुमार मिश्रा, यादवेंद्र सिंह, विनीत गोधा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।सिंह ने बताया कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भरोसा दिलाया है कि वीवीपैट की पेपर स्लिप सुरक्षित हैं। ईवीएम भी प्रदेश में ही रहेंगी। दरअसल, हाईकोर्ट में चुनाव नतीजों को लेकर विंध्य क्षेत्र के प्रत्याशियों ने याचिका दायर की हैं। जब तक इनका निराकरण नहीं हो जाता, तब तक मशीनें सुरक्षित रखना अनिवार्य है।

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