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यहां कांग्रेस और बीजेपी की जमानत तक हो जाती है जब्त

लोकसभा चुनाव को लेकर सिक्किम में अभी से ही सियासत तेज हो गई है. चीन, नेपाल, भूटान और तिब्बत की सीमा से सटे इस राज्य में लोकसभा की एक सीट है, जिस पर वर्तमान में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) के प्रेमदास राय का कब्जा है. वो यहां से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. लोकसभा की इस सीट पर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का दबदबा है. साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने जा रहा है. जहां एक ओर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को इनकंबेंसी का सामना करना पड़ सकता है, वहीं सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के सामने इस सीट पर जीत दर्ज करने की चुनौती होगी. राज्य में पिछले 25 वर्षों से सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सत्ता पर काबिज है. भारत की सबसे ऊंची और दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा भी इस राज्य में है. सामरिक नजरिए से बेहद अहम सिक्किम में कंचनजंगा राष्ट्रीय पार्क है, जो राज्य के 35 फ़ीसदी भूभाग में फैला हुआ है.

सिक्किम लोकसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि

सिक्किम पहले स्वायत्तशासी इलाका था, लेकिन साल 1975 में भारत में शामिल हो गया. सिक्किम लोकसभा सीट साल 1977 में अस्तित्व में आई. चार जिलों वाले सिक्किम राज्य में सिर्फ एक ही लोकसभा सीट है, जिस पर अब तक 11 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें से सबसे अधिक 6 बार लगातार सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर साल 1985 में एक बार उपचुनाव भी हो चुका है, जिसमें सिक्किम संग्राम परिषद (SSP) ने जीत दर्ज की थी. वर्तमान में इस सीट को सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का गढ़ माना जाता है, जो साल 1996 से लगातार जीत दर्ज करती आ रही है.

इससे पहले इस सीट पर सिक्किम संग्राम परिषद (SSP) का कब्जा था, जो साल 1985 से लेकर लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुकी है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रेमदास राय इस सीट से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 6 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. यहां पर भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी और सीपीएम जैसे राष्ट्रीय दलों का नाम मात्र का प्रभाव है. इसके अलावा सिक्किम गोरखा प्रजातांत्रिक पार्टी, सिक्किम हिमाली राज्य परिषद, सिक्किम जन एकता पार्टी जैसे राजनीतिक दलों का भी स्थानीय स्तर पर प्रभाव है. इस सीट की जनता राष्ट्रीय दलों की बजाय क्षेत्रीय दलों को ज्यादा तवज्जो देती है.

सिक्किम का सामाजिक तानाबाना

चीन, नेपाल, भूटान और तिब्बत की सीमा से लगे भारत के पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम की आबादी करीब 6 लाख 48 हजार है. अभी तक मौजूद आंकड़ों के मुताबिक यहां पर मतदाताओं की संख्या 3 लाख 70 हजार 769 है, जिसमें से महिला वोटरों की संख्या एक लाख 79 हजार 753 और पुरुष वोटरों की संख्या एक लाख 91 हजार 10 है. 32 सदस्यीय सिक्किम विधानसभा में वर्तमान में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का दबदबा कायम है. यह पार्टी पिछले 25 साल से सत्ता पर काबिज है. इससे पहले इस राज्य में सिक्किम संग्राम परिषद का अच्छा खासा प्रभाव था. फिलहाल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का 22 विधानसभा सीटों पर कब्जा है, जबकि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के 10 विधायक हैं. साल 2009 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सूबे की सभी 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी और सभी राजनीतिक पार्टियों का पत्ता साफ कर दिया था. वर्तमान में यहां के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग हैं और राज्यपाल गंगा प्रसाद हैं. 7,096 वर्ग किलोमीटर भूभाग में फैले सिक्किम राज्य की राजधानी गंगटोक है.

साल 2014 का जनादेश

 

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रेम दास राय ने अपने प्रतिद्वंदी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के टेकनाथ ढकाल को 41 हजार 742 वोटों से शिकस्त दी थी. इस चुनाव में प्रेमदास राय को एक लाख 63 हजार 698 वोट मिले थे, जो कुल मतदान का 52.79 फीसदी है. वहीं, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रत्याशी टेक नाथ ढकाल को एक लाख 21 हजार 956 वोट ही मिले थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में 3 लाख 70 हजार 769 वोटरों में से 3 लाख 10 हजार 95 वोटरों ने अपने मतदान का इस्तेमाल किया था, जिनमें से 3 लाख 4 हजार 635 वोट वैध पाए गए थे. इस चुनाव में सिक्किम सीट पर 83.64 फीसदी वोटिंग हुई थी. यहां बीजेपी को सिर्फ 7 हजार 279 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 7 हजार 189  वोट मिले और दोनों दलों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. इस सीट में महिला वोटरों की संख्या एक लाख 79 हजार 753 और पुरुष वोटरों की एक लाख 91 हजार 17 है. इनमें से एक लाख 46 हजार 197 महिलाओं और एक लाख 53 हजार 370 पुरुषों ने वोट किया था.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

सिक्किम लोकसभा सीट से सांसद प्रेमदास राय का जन्म 31 जुलाई 1954 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुआ था. उन्होंने मसूरी के वाइनबर्ग ऐलन स्कूल से प्राथमिक शिक्षा हासिल की. इसके बाद उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री और फिर आईआईएम अहमदाबाद से प्रबंधन में डिप्लोमा हासिल किया. उनकी शादी 3 जनवरी 1982 में जीन राय के साथ हुई. उनके एक बेटी और एक बेटा हैं. राजनीति में कदम रखने से पहले प्रेमदास राय ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित बैंक ऑफ अमेरिका में नौकरी कर चुके हैं. वो सिक्किम फ्लोर मिल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं. सिक्किम में कंप्यूटर की शुरूआत करने वाले वो पहले व्यक्ति हैं.

उन्होंने 1993-94 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी ज्वाइन की थी. सिक्किम लोकसभा सीट से प्रेमदास राय दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. वो पिछले 5 साल में संसद में चली 321 दिन की कार्यवाही में से 258 दिन उपस्थित रहे. इस दौरान उन्होंने लोकसभा में 405 सवाल पूछे और 3 प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए. लोकसभा की 72 बहसों में हिस्सा लिया. उन्होंने सांसद निधि से विकास कार्यों के लिए 18 करोड़ 6 लाख रुपये खर्च किए, जबकि इसकी सीमा 25 करोड़ रुपये है.

डोकलाम विवाद

सिक्किम से सटे डोकलाम पर साल 2017 में भारत और चीन की सेना एक दूसरे के सामने आ गई थीं. यहां पर भारत और चीन की सेना के बीच करीब 73 दिन तक गतिरोध चला था. हालांकि बाद में चीन को मुंह की खानी पड़ी थी और पीछे हटना पड़ा था. यह विवाद तब शुरू हुआ था, जब डोकलाम सीमा पर चीनी सेना ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया था, जिसका भारतीय सेना ने खुलकर विरोध किया था. इस मसले पर भूटान ने भी भारत के दावे का समर्थन किया था. चीन के साथ भारत का सीमा विवाद काफी समय से चल रहा है.

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