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अपना शहर , अब नागरिक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति का सही समय: वरूण गांधी
गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤°à¥¤ ’ सूचनाकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति, औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति, तकनीक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के बाद वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ देखते हà¥à¤ नागरिक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने का वकà¥à¤¤ आ चà¥à¤•à¤¾ है। जब आप किसी चीज को बदलने की ठान लेंगे और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ जà¥à¤Ÿ जाà¤à¤‚गे तो परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¥€ आà¤à¤—ा और चेतना à¤à¥€ जागेगी। चाहे वो हैदराबाद के 12 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ रवि तेजा का उदाहरण हो जिसने à¤à¤• गडà¥à¤¡à¥‡ के कारण दो लोगों की ऑन द सà¥à¤ªà¥‰à¤Ÿ मृतà¥à¤¯à¥ होने से आहत होकर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपने साथियों के साथ गडà¥à¤¢à¥‡ à¤à¤°à¤¨à¥‡ का काम करते करते à¤à¤• à¤à¤ªà¥à¤ª तक तैयार करली। जिसमें अगर कोई à¤à¥€ गडà¥à¤¢à¥‡ या लीकेज की रिपोरà¥à¤Ÿ करता है तो वो जलà¥à¤¦ से जलà¥à¤¦ à¤à¤°à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ जाता है वरना जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ की तंखà¥à¤µà¤¾à¤¹ से हर रोज 100 रूपà¥à¤ कटकर शिकायत à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ वाले के अकाउंट में à¤à¥‡à¤œà¤¾ जाना हो या फिर मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ के बरà¥à¤¸à¥‹à¤¬à¤¾ बीच की गंदगी साफ करने की मà¥à¤¹à¤¿à¤® लेकर 18 साल के अफरोज और 80 साल के हरवंश दोनों घंटो सफाइà¥à¤° में जà¥à¤Ÿà¥‡ रहते हों जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देखकर बाकी लोग à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ होकर रोजाना वहां सफाई कारà¥à¤¯ में जà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ लगे हों । इन सबकी सोच है कि अगर हम अपने गांव, इलाके या देश को गंदा रखेंगे तो इससे हमारा ही नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ है। ये नागरिक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति है, ये कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति अमीरो, बड़ो व विकसित वरà¥à¤—ो के लिठनहीं है ये सामानà¥à¤¯ नागरिकों से
कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही उदाहरणों के साथ नागरिक करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का व विकसित देश बनाने के लिठमारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ देने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे थे लेखक à¤à¤µà¤‚ सांसद सदसà¥à¤¯ वरूण गांधी। वे आईटीà¤à¤® यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित 28 वें मीटिंग ऑफ माइंड के अंतरà¥à¤—त आयोजित लोकारà¥à¤ªà¤£ व चरà¥à¤šà¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप में पहà¥à¤‚चे। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में वरूण गांधी की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ’ठरूरल मेनीफेसà¥à¤Ÿà¥‹’ का विमोचन किया गया। सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की शà¥à¤°à¥‚आत में यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के वाइस चांसलर डॉ केके दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ ने उनका अà¤à¤¿à¤¨à¤‚दन किया। इसके बाद आईटीà¤à¤® यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के फाउंडर चांसलर रमाशंकर सिंह ने परिचयातà¥à¤®à¤• उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ दिया। तदोपरांत फाउंडर चांसलर रमाशंकर सिंह, लेखक à¤à¤µà¤‚ सांसद वरूण गांधी, पà¥à¤°à¥‹ चांसलर रूचि सिंह चौहान, मैनेजिंग डायरेकà¥à¤Ÿà¤° डॉ दौलत सिंह चौहान, रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤° ओमवीर सिंह ने ’ठरूरल मेनीफेसà¥à¤Ÿà¥‹’ किताब का विमोचन किया।
विमोचन के बाद पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡ के लेखक व संसद सदसà¥à¤¯ वरूण गांधी ने मंच से अपने उदà¥à¤—ार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि कई लोग किसानों के करà¥à¤œ माफी पर à¤à¥€ सवाल उठाते हà¥à¤ कहते हैं कि किसानों के करà¥à¤œ माफी करने से वे आलसी हो जाà¤à¤‚गे जबकि वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में देखा जाठतो 1952 से 2017 तक जितने करà¥à¤œ किसानों के माफ किठगठउससे औदà¥à¤¯à¤¾à¥‹à¤—िक परिवारों के बैंक लोन माफ करने का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ निकाला जाठतो उससे मातà¥à¤° 18 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ किसानों करà¥à¤œ माफी संखà¥à¤¯à¤¾ निकली है। औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक परिवारों के लगà¤à¤— 11 लाख करोड़ की बैंक लोन माफी हो चà¥à¤•à¥€ है, जो वाकई में आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• है। सांसदों को चाहिठिकवे à¤à¤¸à¥‡ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ उठाà¤à¤‚, डिबेट करें। मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपनी बतौर सांसद मिलने वाली तंखà¥à¤µà¤¾à¤¹ को किसी शहीद परिवार या जरूरतमंद को दे देता हूं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हममें से आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूपॠसे समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ लोगों को समाज पर बोठनहीं बनना चाà¤à¤¿à¤¹à¥¤
मेरा मानना है कि बदलाव हम पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से ला सकते हैं वैसे à¤à¥€ देश में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤“ं की कमी नहीं है, अमेरिका सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ नासा में 4200 सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में से 1700 सदसà¥à¤¯ केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ से हैं। सिरà¥à¤« दà¥à¤–द ये है कि हर आदमी मालिकाना हक साबित करने में मानसिक रूपॠसे सकà¥à¤·à¤® नहीं है। जिनकी मदद हमें अपने छोटे-छोटे पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ से कर सकते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि समृदà¥à¤§ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सपने की इचà¥à¤›à¤¾ रखने से नहीं पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करने से वह समृदà¥à¤§ हो सकेगा। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंत में यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ की पà¥à¤°à¥‹ चांसलर रूचि सिंह चौहान ने वरूण गांधी को सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ चिनà¥à¤¹ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। आà¤à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ मैनेजिंग डायरेकà¥à¤Ÿà¤° डॉ दौलत सिंह चौहान ने किया और कहा कि देश में 7.5 लाख गांव हैं अगर हम इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खतà¥à¤® कर देंगे या à¤à¤—à¥à¤°à¥€à¤•à¤²à¥à¤šà¤° को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤šà¤¾à¤à¤‚गे तो देश à¤à¥€ खतà¥à¤® हो जाà¤à¤—ा। इस किताब में बेहतरीन समाधान लिखे हैं कोशिश करेंगे कि हम यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ में अपने कà¥à¤› विà¤à¤¾à¤—ों की टीम बनाकर à¤à¤¸à¥‡ सॉलà¥à¤¯à¥‚शन को समà¤à¤•à¤° आसपास के गांव में परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाने की पहल कर सकें। आखिर में कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का विधिवत समापन राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान के साथ किया गया।
मेरा टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° अकाउंट है वरूणगांधी 80
आपके अंदर जो à¤à¥€ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ हैं, जिसकी आग आपकी अंदर जल रही है या जिस समसà¥à¤¯à¤¾ के लिठà¤à¥€ आपको आवाज उठानी है। वो आप मà¥à¤à¥‡ मेरे टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° अकाउंट अकाउंट वरूणगांधी80 पर à¤à¥‡à¤œ सकते हैं। मैं संसद में आपके लिठआवाज उठाउंगा और आपके लिठलड़ाई लडूंगा। इससे पहले à¤à¥€ मैं कई मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर अकेले लडक़र समाधान निकाल चà¥à¤•à¤¾ हूं वो चाहे सांसदों या विधायकों की बिना मापदंड तय किठचौगà¥à¤¨à¥€ होती तंखà¥à¤µà¤¾à¤¹ हो मया फिर अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤ªà¥à¤° में à¤à¥‚खे लोगों तक दो वकà¥à¤¤ का खाना पहà¥à¤‚चाने के लिठशà¥à¤°à¥‚ किया रोटी बैंक हो। जिसमें शहर के रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट व आम नागरिकों के à¤à¤• रोटी के सहयोग के जरिठ70-800 हजार पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ रोटी इक_ीर होने पर 10-15 हजार लोगों को रोजाना दो टाइम का à¤à¥‹à¤œà¤¨ उपलबà¥à¤§ कराया जा रहा है। मैं अब अनà¥à¤¯ दो किताबों अरबन पà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿à¤‚ग व देश के जनआंदोलन का इतिहास पर काम कर रहा हूं दो साल में ये किताब à¤à¥€ आपके समकà¥à¤· होगी।
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