शिपà¥à¤°à¤¾ में मिला शिव विवाह का दà¥à¤°à¥à¤²à¤ सिकà¥à¤•à¤¾
खरगोन। उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ होने वाली शिपà¥à¤°à¤¾ नदी से वे दà¥à¤°à¥à¤²à¤ सिकà¥à¤•à¥‡ मिले हैं, जिनमें शिव विवाह के दृशà¥à¤¯ को अंकित किया गया है। शहर का à¤à¤• यà¥à¤µà¤• सिकà¥à¤•à¥‡ à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ करने का शौकीन है। हजारों सिकà¥à¤•à¥‹à¤‚ में इनके पास शिव विवाह व अनà¥à¤¯ दृशà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के सिकà¥à¤•à¥‡ शामिल हैं।
मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• मिलन कà¥à¤®à¤¾à¤° महाजन (36) ने बताया कि उनके पास à¤à¤—वान शिव से जà¥à¥œà¥‡ 40 से अधिक पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ सिकà¥à¤•à¥‡ हैं। शिव-पारà¥à¤µà¤¤à¥€ विवाह का पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सिकà¥à¤•à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ के à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से लिया था, जो शिपà¥à¤°à¤¾ से निकला था। इस सिकà¥à¤•à¥‡ पर à¤à¤—वान शिव और पारà¥à¤µà¤¤à¥€ साथ में हैं। यह पहली शताबà¥à¤¦à¥€ का है। इसके अलावा उनके पास à¤à¤¸à¥‡ सिकà¥à¤•à¥‡ हैं, जिन पर à¤à¤—वान शिव, नंदी, तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚ल, डमरू, बिलà¥à¤µà¤ªà¤¤à¥à¤° आदि अंकित हैं। उनके पास चोल, पांडà¥à¤¯, मौरà¥à¤¯, शà¥à¤‚ग, कà¥à¤·à¤¾à¤£ राजवंश सहित अवंति, पà¥à¤°à¥ जनपद और गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, मालवा, दिलà¥à¤²à¥€, बहमनी सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤ काल के à¤à¥€ सिकà¥à¤•à¥‡ हैं।
मिलन ने बताया कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 180 देशों की मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤“ं का संगà¥à¤°à¤¹ किया है। इनके अलावा à¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित कई देशों के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ सिकà¥à¤•à¥‡ हैं। बचपन में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दादाजी ने बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ इंडिया कंपनी का सिकà¥à¤•à¤¾ दिया था। तà¤à¥€ से वे शौकिया तौर पर इस कारà¥à¤¯ में जà¥à¤Ÿà¥‡ हैं। इंदौर, à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤², रतलाम आदि सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर घूमकर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ की है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इंदौर में आयोजित मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ उतà¥à¤¸à¤µ में समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया जा चà¥à¤•à¤¾ है। वे नई पीà¥à¥€ को इतिहास व सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत से रूबरू कराने के लिठयह कर रहे हैं।
पहली सदी में उजà¥à¤œà¤¯à¤¨à¥€ में à¤à¤¸à¥‡ सिकà¥à¤•à¥‡ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ थे जो महाकालेशà¥à¤µà¤° मंदिर में मनाठजाने वाले महाशिवरातà¥à¤°à¤¿ परà¥à¤µ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ थे। इन पर शिव और पारà¥à¤µà¤¤à¥€ का मानवीय रूप अंकित किया गया। शिपà¥à¤°à¤¾ तट पर शिव-पारà¥à¤µà¤¤à¥€ à¤à¤•-दूसरे का हाथ पकड़कर खड़े हैं। विवाह के लिठजाते समय सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥à¤· के दाहिनी ओर ही खड़ी रहती है। शादी के बाद वामांगी हो जाती है। पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में इसे शिव-पारà¥à¤µà¤¤à¥€ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सà¥à¤‚दर रूप कहा गया है