बालाकोट में à¤à¤¸à¥‡ चल रही थी जैश की आतंकी फैकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€, हैरान कर देने वाला सच
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ ने 26 फरवरी को à¤à¤¯à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤• करके पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के बालाकोट में आतंकियों के कैंप को तबाह कर दिया. इस कैंप में जैश-à¤-मोहमà¥à¤®à¤¦ के आतंकियों को टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी. बताया जा रहा है कि यहां पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ या पीओके से लड़कों को लाया जाता था और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फिदायीन बनाया जाता था. इस आतंकी टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग में 600 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आतंकी à¤à¤• साथ 5 से 6 बड़ी बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग में रहते थे. इन आतंकियों को मदरसा आयशा सादिक की आड़ में फिदायीन हमले करने की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी.
बालाकोट के इस आतंकी कैंप में जैश के मासà¥à¤Ÿà¤°à¤®à¤¾à¤‡à¤‚ड किस तरीके से यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को बà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤µà¤¾à¤¶ कर उनको आतंकी टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग में शामिल करते थे उसका पूरा कचà¥à¤šà¤¾ चिटà¥à¤ ा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों के पास मौजूद है. जानिठकैसे à¤à¤• आतंकी की à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ की जाती थी और उसे फिदायीन हमले के लिठटà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी.
पहला चरण
सबसे पहले मà¥à¤œà¥à¤œà¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के "सवाई नाला" में मौजूद जैश के ऑफिस में सबसे पहले आतंकियों को अलमियत के जरिठछांटा जाता था, फिर उनके लिठ"इजाजतनामा/तजकियां" तैयार किया जाता था. नठà¤à¤°à¥à¤¤à¥€ हà¥à¤ आतंकी का जब इजाजतनामा या तजकियां तैयार हो जाता था, तब उसको मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के सवाई नाला में मौजूद आतंकी कमांडर की साइन वाली चिटà¥à¤ ी दी जाती थी. इस चिटà¥à¤ ी में "अल रहमत टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ" का सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚प लगा होता था. इस सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚प के लगे होने का मतलब यह था कि उस आतंकी की à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ जैश के संगठन में हो चà¥à¤•à¥€ है.
मà¥à¤œà¥à¤œà¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के ऑफिस में नठरंगरूट जो आते थे, उनको या तो कशà¥à¤®à¥€à¤° से या फिर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अधिकृत कशà¥à¤®à¥€à¤° के इलाके से बà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤µà¤¾à¤¶ कर लाया जाता था. खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों ने आजतक को जानकारी दी है कि मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के इस ऑफिस में à¤à¤• रात रà¥à¤•à¤¨à¥‡ के बाद गाड़ी के जरिठ"बालाकोट" के आतंकी कैमà¥à¤ª में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ हà¥à¤ इन आतंकवादियों को ले जाया जाता था और फिर होता था यहां पर आतंकियो को फ़िदायीन या आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ बनाने का सिलसिला.
दूसरा चरण
मà¥à¤œà¥à¤œà¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ से अल रहमत टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ का सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤®à¥à¤ª लगा हà¥à¤† सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ लेकर नया रिकà¥à¤°à¥‚ट पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के बालाकोट शहर पहà¥à¤‚चता था. यहां से 10 किलोमीटर दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की तरफ नेशनल हाईवे से डेॠकिलोमीटर की दूरी पर मदरसा आयशा सादिक मौजूद था. इस मदरसे में पहà¥à¤‚चने के बाद मà¥à¤œà¥à¤œà¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ से टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥€ को दिया गया लेटर यहां पर दिया जाता था.
सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, यहां 600 के आस पास à¤à¤• साथ आतंकी रह सकते थे. जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने à¤à¤¯à¤° सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤• किया तो उस समय à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में आतंकी मौजूद थे, जिसमें 300 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ढेर हो गठहैं. सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने आजतक को बताया कि फिदायीन बनाने के लिठआतंकी से अलग से फारà¥à¤® à¤à¤°à¤µà¤¾à¤¯à¤¾ जाता था. इन आतंकियों को उसके बाद जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°/कमांडर को सौंप दिया जाता था.
सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•. इस कैमà¥à¤ª में कई उसà¥à¤¤à¤¾à¤¦ होते थे, जिसको अलग अलग काम दिया गया था. कई तो इसमें खाना बनाने और सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° कीपिंग का काम करते थे. सबसे बड़ी बात ये थी कि कशà¥à¤®à¥€à¤° से जाने वाले रिकà¥à¤°à¥‚ट को यहां के आतंकी दोयम दरà¥à¤œà¥‡ का समà¤à¤¤à¥‡ थे. साथ ही तालिबान और अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आने वाले आतंकियों को बालाकोट के इस कैमà¥à¤ª में शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ समà¤à¤¾ जाता था.
कैसा था बालाकोट का टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग कैमà¥à¤ª
6 à¤à¤•à¥œ में फैला बालाकोट का यह मà¥à¤–à¥à¤¯ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग कैमà¥à¤ª मदरसे के पास था. इस मदरसे के दो दरवाज़े थे. इसमें "शीश महल" और "मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल" दो महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जगहें थी. तीन सà¥à¤Ÿà¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ इन आतंकियों को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आरà¥à¤®à¥€ और आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ ने अपने पैसे से दे रखी थी.
आतंकियों का शीशमहल
बालाकोट के जैश के इस आतंकी कैंप में शीशमहल था. शीश महल à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ रहने का बेहतरीन और सà¤à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं से पूरà¥à¤£ जगह थी, जिसमें सामने रिसेपà¥à¤¶à¤¨ था. उसके बाद लिविंग चेंबर के साथ साथ अलग-अलग बैरक à¤à¥€ बने हà¥à¤ थे. इन बैरकों में आतंकियों के लिठखास तरीके की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ दी गई थी, जिससे कोई à¤à¥€ आतंकी आकर वापस ना लौट सके. यहां पर आतंकियों के आका आकर नठरिकà¥à¤°à¥‚ट को शीशमहल में बà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤µà¤¾à¤¶ करते थे.
आतंकियों का मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल
मदरसे में उतà¥à¤¤à¤° की तरफ शीश महल मौजूद था तो दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की तरफ मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल. मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल खास तरीके के डिजाइन में बनाया गया रहने का à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ आतंकियों के लिठथा, जिसमें आतंकियों के कमांडर के साथ-साथ मौलाना मसूद अजहर, उसके à¤à¤¾à¤ˆ और रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° रà¥à¤•à¤¾ करते थे. साथ ही गेसà¥à¤Ÿ के लिठरूम à¤à¥€ इसी मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल में था.
सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने आजतक को जानकारी दी है कि इस मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल में गेसà¥à¤Ÿ के तौर पर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आरà¥à¤®à¥€ के रिटायरà¥à¤¡ अधिकारी के साथ-साथ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी के सरà¥à¤µà¤¿à¤‚ग अधिकारी आया जाया करते थे. मसूद अजहर और उसका à¤à¤¾à¤ˆ अबà¥à¤¦à¥à¤² रऊफ जहां मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल में रहकर फ़िदायीन आतंकवादियों का बà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤µà¤¾à¤¶ करता था. तो वही पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आरà¥à¤®à¥€ के रिटायरà¥à¤¡ अफसर और आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ अफसर बालाकोट के इस कैंप में मौजूद आतंकवादियों को हथियारों और टेकà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤² वॉर फेयर की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग देते थे.
फ़िदायीन टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥€ को ख़ास जगह रखा जाता
सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने आजतक को जानकारी दी है कि बालाकोट के इस कैंप में विदाई टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग लेने वाले आतंकियों को खास तरीके से रखा जाता था. इन आतंकवादियों को शीश महल और मसà¥à¤•à¥€à¤¨ महल के बीच बने उन कमरों में रखा जाता था, जिससे यह किसी से मिल ना सके. दरअसल फिदायीन टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग लेने वाले आतंकियों से पहले ही आतंक के आका मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में ही बॉनà¥à¤¡ à¤à¤°à¤µà¤¾ लिया करते थे, जिसके आधार पर वह लोग अलग से रहते थे और उनकी खास तरीके की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग होती थी.
खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी ने यह जानकारी दी है कि इस बालाकोट के कैंप में 50 विदाई आतंकी हर समय टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग लिया करते थे, जिसमें 20 से 25 आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ हमलावर होते थे, जिनको अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और तालिबान के आतंकवादियों के साथ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग देकर खास तरीके से बà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤µà¤¾à¤¶ किया जाता था.
टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग और अल राद (Al-Radh)
बालाकोट के इस कैमà¥à¤ª में जैश के आतंकियों को तीन महीने की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी, जिसको तीन à¤à¤¾à¤—ों में बांटा गया था.
1. दौर ठख़ास /à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‚स कॉमà¥à¤¬à¥ˆà¤Ÿ कोरà¥à¤¸
2. दौरा-अल- राद-à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‚स आरà¥à¤®à¥à¤¡ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग कोरà¥à¤¸
3. रिफà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® में विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ था.
खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, आतंकवादियों को बालाकोट के जैश कैमà¥à¤ª में AK 47,PIKA, LMG, रॉकेट लॉंनà¥à¤šà¤° ,UBGL और हैंड गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡ चलाने की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी. जैश के आतंकियों को यहां पर जंगल सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤², गोरिलà¥à¤²à¤¾ यà¥à¤¦à¥à¤§, कॉमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨, इंटरनेट और GPS मैप की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी. यही नहीं इस कैमà¥à¤ª में आतंकियों को तलवारबाजी, तैराकी और घà¥à¥œà¤¸à¤µà¤¾à¤°à¥€ की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग à¤à¥€ दी जाती थी.
जैश के बालाकोट कैमà¥à¤ª में हथियारों की live टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग
बालाकोट के इस कैंप में जैश के कमांडर और आतंकियों के हैंडलर आतंकवादियों को अलग अलग तरीके के हथियारों को चलाने की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग देते थे. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों के पास जो रिपोरà¥à¤Ÿ मौजूद है. उसके मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• à¤à¤• टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥€ आतंकी को à¤à¤•à¥‡-47 के 10 राउंडà¥à¤¸ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨, पीका गन के पांच राउंड पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨, 2 हैंड गà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‡à¤¡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ और 7 राउंड पिसà¥à¤Ÿà¤² के फायरिंग करने के लिठदिठजाते थे.
बालाकोट के इस कैंप में जंगल के इलाके में यहां से 1 किलोमीटर की दूरी पर फायरिंग रेंज आतंकवादियों ने बना रखा था. सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने यह जानकारी दी है कि आतंकवादियों को जब इस फायरिंग रेंज में टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी तो उसके बदले में आतंकवादियों को 200 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ पॉकेट मनी à¤à¥€ दिया जाता था, जिससे कि यह अपना पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ का खरà¥à¤š चला सके.
आतंकी कैमà¥à¤ª में मसूद अजहर और उसका à¤à¤¾à¤ˆ हमेशा दौरा करते थे
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों ने आजतक को à¤à¤•à¥à¤¸à¤•à¥à¤²à¥‚सिव जानकारी दी है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° घाटी में आतंकवाद फैलाने के लिठमौलाना मसूद अजहर और उसका à¤à¤¾à¤ˆ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ और आरà¥à¤®à¥€ की मदद से कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा था. मौलाना मसूद अजहर, उसका à¤à¤¾à¤ˆ अबà¥à¤¦à¥à¤² रऊफ, मौलाना उमर. यह सà¤à¥€ आतंकी बालाकोट के जैश के इस आतंकी कैंप में हमेशा दौरा करते थे. इस दौरान यहां पर गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ हिंसा, बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ और अनà¥à¤¯ तरीके के वीडियो दिखाकर आतंकवादियों का बà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤µà¤¾à¤¶ मौलाना मसूद अजहर और अबà¥à¤¦à¥à¤² रऊफ किया करता था. सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने यह à¤à¥€ जानकारी दी है कि कई बार आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आरà¥à¤®à¥€ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ à¤à¥€ इन आतंकी कैंपों का दौरा किया करते थे.
टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग के बाद आतंकी को मà¥à¤œà¥à¤œà¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ लॉंनà¥à¤šà¤ªà¥ˆà¤¡ पर लाया जाता था
मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में मौजूद जैश-à¤-मोहमà¥à¤®à¤¦ का सवाई नाला में टà¥à¤°à¤¾à¤‚जिट कैंप था. यहां से करीब 98 किलोमीटर दूर लॉनà¥à¤šà¤¿à¤‚ग पैड केल और दूधनियाल मौजूद थे. यहां से इन आतंकवादियों को कशà¥à¤®à¥€à¤° घाटी में घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ कराया जाता था. सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने यह जानकारी दी है कि इन आतंकियों को घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ कराने से पहले मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के जिस टà¥à¤°à¤¾à¤‚जिट कैंप में लाया जाता था, वहां पर इन आतंकियों से मौलाना मसूद अजहर, उसका à¤à¤¾à¤ˆ अबà¥à¤¦à¥à¤² रऊफ साथ ही पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ के कई कमांडर à¤à¥€ मिलते थे.
यही नहीं à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों ने यह à¤à¥€ जानकारी दी है कि जैश के मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के इसी टà¥à¤°à¤¾à¤‚जिट कैंप के पास 500 मीटर की दूरी पर लशà¥à¤•à¤°-à¤-तैयबा का à¤à¥€ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग कैंप था, जिसकी जानकारी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों के पास मौजूद है.
आतंकी रà¥à¤Ÿ जिसका बालाकोट से घà¥à¤¸à¤¨à¥‡ के लिठआतंकी इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते थे-
1. बालाकोट से 98 KM सड़क मारà¥à¤— से आतंकियों को लाया जाता था. केल और दà¥à¤§à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤² लॉंच पैड पर. उसके बाद कà¥à¤ªà¤µà¤¾à¥œà¤¾ में आतंकियों की घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ होती थी.
2. बालाकोट से केल लॉंच पैड इसके बाद Kainthawali forest यहां से होते हà¥à¤ मगाम फारेसà¥à¤Ÿ से होते हà¥à¤ कà¥à¤ªà¤µà¤¾à¥œà¤¾ तक आतंकियों को पहà¥à¤‚चाने का काम पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ हैंडलरà¥à¤¸ करते थे.
3. बालाकोट से केल लॉनà¥à¤š पैड से होते हà¥à¤ लोलाब से कà¥à¤ªà¤µà¤¾à¥œà¤¾ आतंकी पहà¥à¤‚चते थे.
4. बालाकोट से केल लॉनà¥à¤š पैड होते हà¥à¤ Kshama Krlapora से होते हà¥à¤ कà¥à¤ªà¤µà¤¾à¥œà¤¾ आतंकी पहà¥à¤‚चते.
घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ के समय जैश के आतंकियों को कोड वरà¥à¤¡ दिठजाते थे
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों ने जैश ठमोहमà¥à¤®à¤¦ के आतंकवादियों जिनको की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग बालाकोट के कैंप में देकर लांच पैड में à¤à¥‡à¤œà¤¾ जाता था, उनके मेन हैंडलर को कोड की टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी. जिसमें यह बताया जाता था कि आतंकी कशà¥à¤®à¥€à¤° में घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ करने के दौरान पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अधिकृत कशà¥à¤®à¥€à¤° में आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगठकोड का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करेंगे और उसी कोड के आधार पर ही यह आतंकी सीमा के उस पार घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ करेंगे. घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ करने के बाद किसी à¤à¥€ "आईकॉम" यानी वायरलेस सेट से बातचीत नहीं करेंगे.
Code name कà¥à¤¯à¤¾ है
Romiyo-POK के मà¥à¤–à¥à¤¯ हैंडलरà¥à¤¸ को कहते थे, जो लॉंनà¥à¤š पैड पर मौजूद रहते थे.
TANGO2 - इसका मतलब था कि 5 आतंकियों को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अंदर à¤à¤• साथ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ करना है.
Code ali@Alpha- इसका मतलब आतंकी और उसका नाम.
Code @माइक- ISI का आदमी रासà¥à¤¤à¤¾ बताà¤à¤—ा.
Code@Hotel- कशà¥à¤®à¥€à¤° घाटी में हैंडलर मदद के लिठतैयार.
Code@hotel2- दूसरा हैंडलर à¤à¥€ तैयार है.
खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने यह à¤à¥€ जानकारी दी है कि इसके लिठमà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ के ऑफिस से इनको कंटà¥à¤°à¥‹à¤² किया जाता था. इस कंटà¥à¤°à¥‹à¤² रूम को 'कंटà¥à¤°à¥‹à¤² 88' कहा जाता था. यानि कि इन आतंकवादियों को आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ की मदद से जैश-à¤-मोहमà¥à¤®à¤¦ के मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में à¤à¤• कंटà¥à¤°à¥‹à¤² रूम दिया गया था, जहां से घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ के लिठआतंकवादियों को निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिठजाते थे.
बॉरà¥à¤¡à¤° कà¥à¤°à¥‰à¤¸ करने के बाद पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में मौजूद आतंकी हैंडलर लगातार इन आतंकवादियों से कोड वरà¥à¤¡ के जरिठइनको हिदायत दिया करते थे. जानकारी यह à¤à¥€ है कि घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ के बाद आतंकी कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ लैंगà¥à¤µà¥‡à¤œ के लिठकोडिफाइड लैंगà¥à¤µà¥‡à¤œ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते थे, जिसके लिठमैटà¥à¤°à¤¿à¤•à¥à¤¸ सीट इन लोगों को बकायदे दी जाती थी.
जैश के आतंकियो को अफ़ग़ान आतंकियो के साथ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग
सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने जानकारी दी है कि बालाकोट के इस आतंकी कैंप में जैश-à¤-मोहमà¥à¤®à¤¦ के आतंकवादियों को फिदायीन बनाने और आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ हमला करने के लिठअफगानी और तालिबानी आतंकवादियों के साथ टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाती थी. अफगानी आतंकवादियों को जहां आईईडी à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤Ÿ और हथियारों को चलाने का माहिर समà¤à¤¾ जाता था, तो वहीं जैश के कशà¥à¤®à¥€à¤° घाटी से गठआतंकवादियों को शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ दौर में खाना बनाने और वहां पर मौजूद साफ सफाई का काम दिया जाता था. दरअसल दोयम दरà¥à¤œà¥‡ का आतंकी इनको अफगानी आतंकी समà¤à¤¤à¥‡ थे. वहीं अफगानी आतंकवादियों को बड़े ही à¤à¤µà¥à¤¯ तरीके से टà¥à¤°à¥€à¤Ÿ किया जाता था.