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NDA Vs UPA, जानें 2019 में किसकी बनेगी सरकार

केंद्र की मोदी सरकार ने लगभग 5 साल पूरे कर लिए हैं. रविवार को आगामी आम चुनावों की घोषणा हो गई. देश के तमाम मीडिया संस्थानों ने अपने अपने सर्वे जारी किए हैं जिनमें देश का मूड बताया गया है. सर्वे में यह भी बताया गया है कि केंद्र में आगे किसकी सरकार बनेगी. लगभग सभी मीडिया हाउस ने केंद्र में दोबारा एनडीए की सरकार बनने का दावा किया है.

बात सबसे पहले आजतक की. जनवरी महीने में आजतक ने कार्वी इनसाइट्स के जरिये जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या आप एनडीए को सरकार बनाने के लिए एक और मौका देना चाहेंगे? सर्वे में आजतक को जो जवाब मिला उससे ये कहा जा सकता है कि देश की जनता मोदी सरकार को लेकर अभी भी विश्वस्त है. सर्वे में 60 फीसदी लोग एकमत से एनडीए को 2019 में एक और मौका देना चाहते हैं, यानी मोदी सरकार की वापसी चाहते हैं. सर्वे के मुताबिक 60 फीसद लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश हैं या फिर उन्हें लगता है कि एक मौका देने से एनडीए सरकार से जो उनकी उम्मीदें हैं वो पूरी हो जाएंगी. सर्वे में 32 फीसदी लोग एनडीए को दोबारा सरकार बनाने के लिए मौका नहीं देना चाहते हैं, यानी ये लोग मोदी सरकार के कामकाज से नाखुश हैं. जबकि 8 फीसद लोगों ने कोई राय नहीं दी, उन्होंने अभी तक फैसला नहीं किया है कि चुनाव में वो किसे साथ देंगे.

क्या कहता है टाइम्स पोल

प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने भी सर्वे कराया. टाइम्स मेगा ऑनलाइन पोल के नतीजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को बड़ा समर्थन मिलता दिखा. सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 83 प्रतिशत लोगों ने 2019 के चुनाव में भी बीजेपी और नरेंद्र मोदी की अगुआई में एनडीए की सरकार बनने पर भरोसा जताया. टाइम्स के सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले तीन-चौथाई से अधिक लोगों (83.89 प्रतिशत) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी पहली पसंद बताया. 83.03 फीसदी लोगों ने ये भी माना कि अगर आज चुनाव होते हैं तो दोबारा केंद्र में एनडीए की सरकार बनेगी.

कौन है प्रधानमंत्री पद की पहली पसंद, इसके बारे में टाइम्स पोल बताता है कि इस लिस्ट में नरेंद्र मोदी सबसे आगे हैं. राहुल गांधी को पसंद करने वाले 8.33 फीसदी लोग हैं जबकि ममता बनर्जी को मात्र 1.44 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती को केवल 0.43 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी पसंद बताया.

इंडिया टीवी का सर्वे

कुछ ऐसी ही बात इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल भी कहता है. इस पोल के मुताबिक अगर अभी लोकसभा चुनाव हुए तो एकबार फिर मोदी सरकार सत्ता में आ सकती है. इस ओपिनियन पोल के मुताबिक 543 लोकसभा सीटों में एनडीए को 281 सीटें, यूपीए को 124 सीटें और अन्य को 138 सीटें मिल सकती हैं. हालांकि यह सर्वेक्षण दिसंबर में कराया गया था. इसके बाद बीते तीन महीने में मोदी सरकार की लोकप्रियता और बढ़ी है. खासकर पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ जो कार्रवाई की है, उसके बाद मोदी सरकार का ग्राफ और तेजी से बढ़ा है.

जी24 तास का प्री पोल सर्वे

हालांकि मराठी चैनल ज़ी24 का सर्वे बाकी से अलग है. तास के साथ कराए गए सर्वे में बताया गया है कि एनडीए बहुमत से दूर रह सकती है. इसके प्रीपोल सर्वे में कहा गया है कि 2019 के आम चुनाव में एनडीए गठबंधन को यूपीए से ज्यादा सीटें मिलेंगी लेकिन सत्ता अन्य के हाथों में रहेगी. सर्वे के मुताबिक एनडीए को 265, यूपीए को 164 और अन्य को 114 सीटें मिल सकती हैं. केंद्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत के लिए 272 सीटें की जरूरत होगी जिससे एनडीए पीछे रह जाएगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को 282 सीटें मिली थीं. सर्वे बता रहा है कि बीजेपी को बड़ा घाटा कांग्रेस शासित राज्यों में होता दिख रहा है. इतना ही नहीं, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा में भी उसकी सीटें 2014 के मुकाबले घट सकती हैं.

न्यूज18 का सर्वेक्षण

न्यूज चैनल न्यूज18 ने भी सर्वे कराया है. चार दिन पहले इसके सर्वे के मुताबिक 75 फीसदी लोगों की उम्मीदों पर मोदी सरकार खरी उतरती है. मोदी सरकार की योजनाओं पर जब सवाल पूछे गए तो 80 फीसदी लोगों ने मौजूदा सरकार की योजनाओं को अच्छा माना. सर्वे में 85 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार को अच्छा बताया और कहा कि सरकार ने अपने वादों को पूरा किया है. 30 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार ने उम्मीद से अच्छा काम किया है.

ABP के सर्वे में बीजेपी आगे

एबीपी न्‍यूज चैनल ने भी अपना सर्वे कराया. दिल्ली की 7 सीटों पर कराए गए सर्वे में बताया गया कि इस बार के लोकसभा चुनावों में दिल्‍ली की सभी सातों सीटों पर बीजेपी जितेगी. इस सर्वे में बीजेपी को 47 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है जबकि आम आदमी पार्टी को 20 जबकि कांग्रेस को 22 प्रतिशत वोट की उम्मीद जताई गई है. सर्वे में बताया गया है कि दिल्ली में अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन हो जाए तो बीजेपी 4 सीटों पर सिमट जाएगी जबकि आप और कांग्रेस को 3 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी सर्वे कराए गए जिसमें आम आदमी पार्टी को 39 और बीजेपी को 26 सीटें मिलती दिख रही हैं.

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