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मध्यप्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के नाम तय

भोपाल। à¤²à¥‹à¤•à¤¸à¤­à¤¾ चुनाव में प्रत्याशियों के नाम तय करने शुक्रवार को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी और केंद्रीय चुनाव समिति बैठकें हुईं। स्क्रीनिंग कमेटी ने फिर से सभी सीटों पर चर्चा की और 17 सीटों पर सिंगल नाम तय किए हैं।

राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीटों का अंतिम फैसला होने की वजह से गुना और राजगढ़ भी अन्य सीटों की तरह अधर में लटकी हैं। वहीं, केंद्रीय चुनाव समिति में अभी मध्यप्रदेश की सीटों पर चर्चा की शुरुआत नहीं हो सकी है। उधर, दिल्ली में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेताओं मनमोहन सिंह बट्टी व गुलजार सिंह मरकाम की मुख्यमंत्री कमलनाथ से शुक्रवार को मुलाकात हुई जिसमें उन्होंने शहडोल और मंडला सीटों की मांग रखी।

सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों को लेकर अभी भी कांग्रेस नेताओं के बीच मंथन का दौर चल रहा है। शुक्रवार की दोपहर दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी ने प्रदेश प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया की गैर मौजूदगी में बैठक की। इसमें 17 सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिए गए।

इनमें छिदंवाड़ा से नकुलनाथ, रतलाम-झाबुआ से कांतिलाल भूरिया, मुरैना से रामनिवास रावत, भिंड से महेंद्र बौद्ध, सागर से प्रभूसिंह ठाकुर, टीकमगढ़ से संजय कसगर, दमोह से रामकृष्ण कुसमरिया, सतना से राजेंद्र सिंह, रीवा से सिद्धार्थ राज तिवारी, सीधी से अजय सिंह, मंडला से गुलाब सिंह, बालाघाट से विश्वेश्वर भगत, देवास से प्रहलाद टिपानिया, उज्जैन से नीतिश सिलावट, धार से गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, खरगोन से प्रवीणा बच्चन, खंडवा से अरुण यादव शामिल हैं। कमेटी की बैठक में सिंगल नाम वाली उक्त सीटों में केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा प्रत्याशी तय किए जाने तक फेरबदल की गुंजाइश रखी गई है। बदली हुई परिस्थितियों में रीवा से दिवंगत नेता सुंदरलाल तिवारी के पुत्र सिद्धार्थराज को टिकट देने पर सहमति बन रही है।सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सीट पर संशय की स्थिति बनी हुई है। सिंधिया के गुना के बजाय ग्वालियर से चुनाव लड़ने पर एकबार फिर उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे के गुना से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई है। वहीं, दिग्विजय सिंह को हाईकमान राजगढ़ से चुनाव नहीं लड़ाना चाहता है। सूत्रों के मुताबिक वहां से प्रत्याशी के लिए उनसे दूसरे जिताऊ प्रत्याशी का नाम मांगा है।

बताया जाता है कि बुंदेलखंड की खजुराहो सीट पर जातीय समीकरण को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। बुंदेलखंड में सागर और दमोह से ओबीसी प्रत्याशी बनाए जाने की स्थिति में खजुराहो से ब्राह्मण नेता को टिकट दिए जाने की चर्चा है।

क्षेत्र में ठाकुर दो मंत्री गोविंद सिंह राजपूत व ब्रजेंद्र सिंह राठौर होने से पार्टी नेतृत्व के सामने दुविधा की स्थिति बनी हुई है। ब्राह्मण नेताओं में हारे प्रत्याशी मुकेश नायक नाराज दिखाई दे रहे हैं तो पीसीसी के पूर्व संगठन प्रभारी महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी हाईकमान को अपना पक्ष रख चुके हैं।इसी तरह होशंगाबाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी व पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा की वजह से फैसला नहीं हो पा रहा है तो शहडोल में प्रदेश नेतृत्व की पसंद हिमाद्री सिंह का क्षेत्र में विरोध प्रत्याशी चयन में बाधा बन गया है। बैतूल में लोकसभा चुनाव 2014 के हारे प्रत्याशी अजय शाह व रामू टेकाम के बीच कशमकश की स्थिति है। वहीं, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, विदिशा, मंदसौर में पार्टी को जीतने वाले प्रत्याशियों की तलाश है।

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