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एमपी की ये सीटें कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, अब पार्टी अपनाएगी खास रणनीति

मध्यप्रदेश में कांग्रेस भले ही सत्ता में आ गई है लेकिन उसे लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. टिकट बंटवारे को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक माथापच्‍ची का दौर जारी है. संभावित उम्‍मीदवारों के नाम पर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है. इसे देखते हुए प्रत्‍याशियों की पहली लिस्ट होली बाद आने की उम्मीद है.

हालांकि कुछ सीटों के नाम ऐसे हैं जहां पर जानकारी के अनुसार उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं. इनमें छिंदवाड़ा, गुना, खंडवा, रतलाम, झाबुआ जैसी सीटों के नाम शामिल हैं. छिंदवाड़ा से सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है.इसके अलावा रतलाम झाबुआ सीट से कांति लाल भूरिया और गुना सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम फाइनल है. खंडवा सीट से पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव का नाम लगभग तय है. जबकि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की सीट को लेकर कश्मकश अभी जारी है.दूसरी ओर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों पर प्रत्याशी चुनना कांग्रेस के लिए चुनौती बनी हुई है. भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में जीत का मिथक तोड़ने के लिए पार्टी मंथन कर रही है. बीजेपी के गढ़ माने जाने वाली इन सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारने होंगे. इसके लिए पार्टी ने हाल फिलहाल एक खास रणनीति बनाई है.

दरअसल, इन सीटों पर हाईकमान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर ही भरोसा जताया है. कहा जा रहा है कि पार्टी कमलनाथ का चेहरा आगे कर प्रत्याशियों को पार्टी मैदान में उतारेगी. कांग्रेस को लगता है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे और पिछले दो महीनों में कमलनाथ सरकार के निर्णयों का लाभ लोकसभा चुनावों में मिलेगा.

कांग्रेस के पास लोकसभा चुनाव में जिताऊ उम्मीदवारों की कमी नजर आ रही है. यही वजह है कि इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और भोपाल लोकसभा सीट पर दिग्गज नेताओं को उतारने का कांग्रेस ने मन बनाया है. भोपाल से दिग्विजय सिंह के नाम की चर्चा है, तो दूसरी सीटों पर भी बड़े कद के नेता की तलाश तेज हो गई है.

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