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जिला सहकारी बैंक के 118 करोड़ रुपये डूबे

भोपाल। à¤ˆ-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब भाजपा सरकार के कार्यकाल का एक और घोटाला सामने आ गया। भोपाल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने ऐसी कंपनी में जमाकर्ताओं का 110 करोड़ रुपए लगा दिया, जो डूब गई। इसका अंदेशा अधिकारियों को हो गया था, लेकिन अधिक ब्याज के लालच में आठ करोड़ रुपए अधिक मिलने के बावजूद एक साल के लिए फिर से 118 करोड़ रुपए लगा दिए।

मामले का खुलासा होने पर सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती को नोटशीट लिखकर ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की है। जब राशि निवेश की गई, तब बैंक के संचालक मंडल के अध्यक्ष भाजपा समर्थित जीवन मैथिल थे। इस पूरे मामले में अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।सूत्रों के मुताबिक बैंक के अधिकारियों ने ज्यादा ब्याज के लालच में ऐसी कंपनी में जमाकर्ताओं का पैसा लगा दिया जो बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। बैंक ने आईएलएंडएफएस समूह मुंबई की दो कंपनियों (आईटीएनएल और आईईटीएस) में अक्टूबर 2017 में 110 करोड़ रुपए साढ़े नौ प्रतिशत ब्याज दर मिलने के कारण सावधि जमा बतौर निवेश किए थे। अक्टूबर 2018 में एक साल पूूरा हो गया और ब्याज सहित राशि 118 करोड़ रुपए हो गई। कंपनी यह राशि देने की स्थिति में नहीं थी। इस पर कानूनी कार्रवाई करने की जगह एक साल के लिए फिर से 118 करोड़ रुपए की एफडी उसी कंपनी में कर दी।

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