नहीं होगा अल-नीनो का असर, इस साल à¤à¤¸à¤¾ रहेगा मानसून
नई दिलà¥à¤²à¥€à¥¤ इस साल à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सामानà¥à¤¯ मानसून रहेगा। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मौसम विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤— ने सोमवार को दी जानकारी में यह बात कही। विà¤à¤¾à¤¨ ने कहा, इस खबर से अल नीनो के बारे में की जा रही चिंता में कà¥à¤› राहत मिल सकती है। मौसम à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि अल नीनो की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अà¤à¥€ तक बनी हà¥à¤ˆ है, लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बारिश के मौसम में आगे बढ़ने पर उसके कमजोर होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है।
मौसम विà¤à¤¾à¤— ने कहा कि आमतौर पर अल नीनो सामानà¥à¤¯ से कम बारिश से जà¥à¤¡à¤¼à¤¾ होता है। बताते चलें कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में दकà¥à¤·à¤¿à¤£-पशà¥à¤šà¤¿à¤® मानसून से होने वाली बारिश देश के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास के लिठमहतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। इस मानसून से होने वाली बारिश देश के आधे से अधिक खेतों को सिंचाई के लिठपानी मà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कराता है।
मौसम विà¤à¤¾à¤— ने सोमवार को कहा कि जून-सितंबर के दौरान औसत बारिश 96 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ रहने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है। मौसम विà¤à¤¾à¤— के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, पूरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤®à¤¾à¤¨ में पांच फीसद की तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿ हो सकती है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ की कृषि के लिठमानसून बेहद महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह देश की वारà¥à¤·à¤¿à¤• वरà¥à¤·à¤¾ के 70 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से अधिक के लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° है। इस मौसम में होने वाली बारिश से जलाशय à¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं, जो फसलों की सिंचाई में मददगार होते हैं। बारिश पर ही देश के लाखों लोगों की आजीविका टिकी रहती है और देश में यह खादà¥à¤¯ कीमतों को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करती है।
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में चावल, गेहूं और कपास के दूसरे सबसे बड़े उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• देश में बारिश कम होने का सीधा असर फसल के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ पर होता है। कम बारिश होने पर फसलों का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ कम होता है, जिससे खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ की कीमत बढ़ जाती है और तेलों जैसी वसà¥à¤¤à¥à¤“ं का अधिक आयात करना पड़ता है।